अजमेर. जिले में कोरोना महामारी से बचाव के लिए प्रशासन वो सभी प्रयास कर रहा है, जिससे संक्रमण ना फैले. लॉकडाउन के मद्देनजर कई भामाशाह, सामाजिक संगठन, एनजीओ और राजनीति से जुड़े लोग गरीब बेसहारा लोगों को खाद्य सामग्री वितरित कर रहे है.
इस दौरान लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करते. बल्कि खाद्य सामग्री वितरित करते समय सेल्फी और फोटोग्राफी भी करते है. जिससे सरकार के दिशा निर्देशों की पालना नहीं होती. वहीं, दानदाताओं से खाद्य सामग्री लेने वालों की पहचान उजागर होती है. जिससे उसके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचती है.
अजमेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि जिला कलेक्टर ने कोरोना वायरस के बचाव को लेकर जारी दिशा निर्देश की पालना के तहत ही खाद्य वस्तुओं के वितरण में सेल्फी और फोटो ग्राफी पर रोक लगाई है.
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उन्होंने बताया कि इस दौरान लोग सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते और अपने मोबाइल से खाद्य सामग्री वितरित करते हुए फोटो और सेल्फी खींचते जो की घातक है. इससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. इसलिए खाद्य सामग्री वितरित करते वक्त सेल्फी और फोटो ग्राफी करने पर रोक लगाए की पालना करवाने के सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया है.
उन्होंने बताया कि खाद्य सामाग्री वितरित करते वक्त सेल्फी और फोटोग्राफी करने के साथ ही सोशल डिस्टनसिंग नहीं रखने पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.