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लापरवाही से मौत! ब्यावर के सरकारी अस्पताल में बड़ा हादसा, झुलसने से 2 नवजातों की गई जान

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Published : Apr 19, 2022, 10:15 AM IST

Updated : Apr 19, 2022, 7:49 PM IST

सोमवार रात ब्यावर कस्बे के सरकारी अस्पताल (Government Amrit Kaur Hospital at Beawer) में दो शिशुओं की मौत हो गई. अस्पताल के वॉर्मर के ओवरहीट होने से ये दर्दनाक हादसा हुआ. मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

new born died in Government Hospital
झुलसने से 2 नवजातों की गई जान

ब्यावर (अजमेर). ब्यावर स्थित सरकारी अस्पताल अमृतकौर अस्पताल में मदर चाइल्ड विंग की नवजात शिशु गहन चिकित्सा यूनिट में सोमवार रात दर्दनाक हादसा हो गया. यहां वार्मर में रखे गए दो नवजात शिशुओं की झुलसने से मौत (2 new born died in Government Amrit Kaur Hospital) हो गई. हादसे का कारण वार्मर का ओवरहीट होना बताया जा रहा है. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और चिकित्सा अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इस मामले में सीएमएचओ ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस भी पड़ताल कर रही है. मारे गए शिशुओं में से एक शिशु 11 तो दूसरा 4 दिन का था. नवजात के शवों का मेडिकल बोर्ड टीम पोस्टमार्टम करेगी.

क्या है घटना?: बताया जा रहा है कि राजकीय अमृत कौर अस्पताल (Government Amrit Kaur Hospital at Beawer) में स्टेट मदर चाइल्ड विंग की एनआईसीयू (NICU) में वॉर्मर का सेंसर उड़ने से वॉर्मर ओवरहीट हो गया. जिससे दो नवजात शिशु की जान चली गई. जानकारी के मुताबिक सोमवार अस्पताल में रात को बिजली चली गई थी. इस दौरान जनरेटर चालू किया गया था. सभी वॉर्मर नंबर 11 पर लगा ऑटो सेंसर अचानक खराब हो गया और उसका तापमान बढ़ गया. जिसमें दोनों ही शिशु झुलस गए. मौके पर मौजूद स्टाफ ने ओवरहीट हुए वार्मर को बंद किया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. दोनों नवजात शिशु का आज मेडिकल बोर्ड की टीम की ओर से पोस्टमार्टम करवाया जाएगा.

लापरवाही से मौत, जिम्मेदार कौन?

दो परिवारों की छीनी खुशियां: इस घटना ने दो परिवारों के जीवन की खुशियां छीन ली. बग्ता कि बाडिया निवासी ओम प्रकाश ने बताया कि 7 अप्रैल को उनके यहां बेटी का जन्म हुआ. उनकी पत्नी की प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई थी. 7 माह की नवजात काफी कमजोर थी. सोमवार देर शाम तक नवजात बच्ची ठीक थी. लेकिन अचानक अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि बच्ची की मौत हो गई. दूसरी ओर खरवा के रामपुरा निवासी सुरेंद्र का कहना है कि 14 अप्रैल को उसकी पत्नी को नवजात पुत्र हुआ था. चिकित्सक ने नवजात के सांस लेने में परेशानी होना बताते हुए उसे भर्ती किया था. धीरे-धीरे बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था 2 दिन से बच्चा दूध भी पीने लगा था लेकिन अचानक उसकी मौत की खबर से परिवार परेशान है.

हादसे के बाद सब फिक्रमंद: सोमवार देर शाम हुए हादसे से अन्य नवजात शिशुओं के परिजन भी सहमे हैं. हादसे की भनक लगते ही परिजन वार्ड में अपने अपने नवजात को देखने (New Born Died in Overheat Warmer at Beawer) जुट गए. जब उन्हें वार्ड में जाने से रोका गया तो परिजनों ने रोष भी जताया. बाद में एक बार नवजात को देखने की स्वीकृति मिलने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अस्पताल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है.

पढ़ें- Rajasthan High Court Order : कोटा में नवजात शिशुओं की मौत के कारण जानने के लिए कमेटी गठन के आदेश

CMO ने जताया दुख: जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के सोनी ने माना कि घटना दुर्भाग्य पूर्ण है. डॉ सोनी ने बताया कि प्रथम दृष्टया घटना तकनीकी कारणों की वजह से हुई मानी जा रही है. उन्होंने भी ओवर हीटिंग की बात कही है. उन्होंने बताया कि फ्लक्चुएशन से वार्मर का सेंसर उड़ गया और अचानक ओवरहीट हो गया. उन्होंने कहा कि मामले में जांच कमेटी बनाई गई है. तकनीकी विशेषज्ञ भी जांच टीम में शामिल किए गए हैं. एसडीएम राहुल जैन ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि मौजूद स्टाफ ने नवजात शिशुओं को बचाने की कोशिश भी की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.

ये भी पढ़ें- ब्यावर अस्पताल में आगजनी का मामला, सांसद दीया कुमारी ने रघु शर्मा को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग

डेढ़ साल में दूसरी घटना: राजकीय अमृत कौर अस्पताल के महिला विंग (Government Amrit Kaur Hospital at Beawer) में डेढ़ वर्ष में यह दूसरी घटना है. इससे पहले 13 मार्च 2021 को भी वार्ड में तकनीकी खामी की वजह से आग लगी थी. लेकिन उस समय 16 नवजातों को बचा लिया गया था. उस साल ही इस घटना के अगले दिन 14 मार्च 2021 को भी लेबर रूम में ऑक्सीजन लाइन का वाल्व खुला मिला था. राजकीय अमृत कौर अस्पताल के पीएमओ डॉ सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि सोमवार रात को 7 से 8 बजे के बीच घटना हुई है. इस बीच 2 से तीन बार लाइट गई थी. लेकिन अस्पताल में बिजली जाने के बाद ऑटो सिस्टम से कुछ ही सेकेंड में जनरेटर के माध्यम से लाइट शुरू होने की व्यवस्था है.

माना जा रहा है कि घटना 7 बजकर 10 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट के बीच की है, जब बिजली के फ्लेक्चुएशन की वजह से वार्मर ओवर हिट हो गया होगा. उसका सेंसर उड़ गया. उस वक़्त स्टाफ मौजूद था. लेकिन लाइट का फ्लेक्चुएशन पहले भी कई बार होता रहता है. इसलिए 10 मिनट के बीच स्टाफ का ध्यान वार्मर पर नही पड़ा और घटना हो गई. यह अपूरणीय क्षति है. रात्रि को पीड़ित परिजनों से एसडीएम ने उचित मुआवजा देने की बातचीत की है. उन्होंने बताया कि राज्य और जिला स्तर पर जांच के लिए टीमें बनाई गई है. स्टाफ के बयान लिए जा रहे हैं. मंगलवार को मेडिकल बोर्ड की ओर से दोनों नवजात शिशुओं के शव का पोस्टमार्टम किया गया है. अजमेर कलेक्टर के स्तर पर भी जांच कमेटी बनाई गई है. बिजली विभाग से मिली रिपोर्ट के आधार पर ही बताई जा सकती है कि कितनी बार लाइट गई. वहीं इस मामले में राजस्थान बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी अस्पताल पहुचकर पीएमओ से घटना की जानकारी ली है.

ब्यावर (अजमेर). ब्यावर स्थित सरकारी अस्पताल अमृतकौर अस्पताल में मदर चाइल्ड विंग की नवजात शिशु गहन चिकित्सा यूनिट में सोमवार रात दर्दनाक हादसा हो गया. यहां वार्मर में रखे गए दो नवजात शिशुओं की झुलसने से मौत (2 new born died in Government Amrit Kaur Hospital) हो गई. हादसे का कारण वार्मर का ओवरहीट होना बताया जा रहा है. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और चिकित्सा अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इस मामले में सीएमएचओ ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस भी पड़ताल कर रही है. मारे गए शिशुओं में से एक शिशु 11 तो दूसरा 4 दिन का था. नवजात के शवों का मेडिकल बोर्ड टीम पोस्टमार्टम करेगी.

क्या है घटना?: बताया जा रहा है कि राजकीय अमृत कौर अस्पताल (Government Amrit Kaur Hospital at Beawer) में स्टेट मदर चाइल्ड विंग की एनआईसीयू (NICU) में वॉर्मर का सेंसर उड़ने से वॉर्मर ओवरहीट हो गया. जिससे दो नवजात शिशु की जान चली गई. जानकारी के मुताबिक सोमवार अस्पताल में रात को बिजली चली गई थी. इस दौरान जनरेटर चालू किया गया था. सभी वॉर्मर नंबर 11 पर लगा ऑटो सेंसर अचानक खराब हो गया और उसका तापमान बढ़ गया. जिसमें दोनों ही शिशु झुलस गए. मौके पर मौजूद स्टाफ ने ओवरहीट हुए वार्मर को बंद किया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. दोनों नवजात शिशु का आज मेडिकल बोर्ड की टीम की ओर से पोस्टमार्टम करवाया जाएगा.

लापरवाही से मौत, जिम्मेदार कौन?

दो परिवारों की छीनी खुशियां: इस घटना ने दो परिवारों के जीवन की खुशियां छीन ली. बग्ता कि बाडिया निवासी ओम प्रकाश ने बताया कि 7 अप्रैल को उनके यहां बेटी का जन्म हुआ. उनकी पत्नी की प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई थी. 7 माह की नवजात काफी कमजोर थी. सोमवार देर शाम तक नवजात बच्ची ठीक थी. लेकिन अचानक अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि बच्ची की मौत हो गई. दूसरी ओर खरवा के रामपुरा निवासी सुरेंद्र का कहना है कि 14 अप्रैल को उसकी पत्नी को नवजात पुत्र हुआ था. चिकित्सक ने नवजात के सांस लेने में परेशानी होना बताते हुए उसे भर्ती किया था. धीरे-धीरे बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था 2 दिन से बच्चा दूध भी पीने लगा था लेकिन अचानक उसकी मौत की खबर से परिवार परेशान है.

हादसे के बाद सब फिक्रमंद: सोमवार देर शाम हुए हादसे से अन्य नवजात शिशुओं के परिजन भी सहमे हैं. हादसे की भनक लगते ही परिजन वार्ड में अपने अपने नवजात को देखने (New Born Died in Overheat Warmer at Beawer) जुट गए. जब उन्हें वार्ड में जाने से रोका गया तो परिजनों ने रोष भी जताया. बाद में एक बार नवजात को देखने की स्वीकृति मिलने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अस्पताल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है.

पढ़ें- Rajasthan High Court Order : कोटा में नवजात शिशुओं की मौत के कारण जानने के लिए कमेटी गठन के आदेश

CMO ने जताया दुख: जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के सोनी ने माना कि घटना दुर्भाग्य पूर्ण है. डॉ सोनी ने बताया कि प्रथम दृष्टया घटना तकनीकी कारणों की वजह से हुई मानी जा रही है. उन्होंने भी ओवर हीटिंग की बात कही है. उन्होंने बताया कि फ्लक्चुएशन से वार्मर का सेंसर उड़ गया और अचानक ओवरहीट हो गया. उन्होंने कहा कि मामले में जांच कमेटी बनाई गई है. तकनीकी विशेषज्ञ भी जांच टीम में शामिल किए गए हैं. एसडीएम राहुल जैन ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि मौजूद स्टाफ ने नवजात शिशुओं को बचाने की कोशिश भी की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.

ये भी पढ़ें- ब्यावर अस्पताल में आगजनी का मामला, सांसद दीया कुमारी ने रघु शर्मा को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग

डेढ़ साल में दूसरी घटना: राजकीय अमृत कौर अस्पताल के महिला विंग (Government Amrit Kaur Hospital at Beawer) में डेढ़ वर्ष में यह दूसरी घटना है. इससे पहले 13 मार्च 2021 को भी वार्ड में तकनीकी खामी की वजह से आग लगी थी. लेकिन उस समय 16 नवजातों को बचा लिया गया था. उस साल ही इस घटना के अगले दिन 14 मार्च 2021 को भी लेबर रूम में ऑक्सीजन लाइन का वाल्व खुला मिला था. राजकीय अमृत कौर अस्पताल के पीएमओ डॉ सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि सोमवार रात को 7 से 8 बजे के बीच घटना हुई है. इस बीच 2 से तीन बार लाइट गई थी. लेकिन अस्पताल में बिजली जाने के बाद ऑटो सिस्टम से कुछ ही सेकेंड में जनरेटर के माध्यम से लाइट शुरू होने की व्यवस्था है.

माना जा रहा है कि घटना 7 बजकर 10 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट के बीच की है, जब बिजली के फ्लेक्चुएशन की वजह से वार्मर ओवर हिट हो गया होगा. उसका सेंसर उड़ गया. उस वक़्त स्टाफ मौजूद था. लेकिन लाइट का फ्लेक्चुएशन पहले भी कई बार होता रहता है. इसलिए 10 मिनट के बीच स्टाफ का ध्यान वार्मर पर नही पड़ा और घटना हो गई. यह अपूरणीय क्षति है. रात्रि को पीड़ित परिजनों से एसडीएम ने उचित मुआवजा देने की बातचीत की है. उन्होंने बताया कि राज्य और जिला स्तर पर जांच के लिए टीमें बनाई गई है. स्टाफ के बयान लिए जा रहे हैं. मंगलवार को मेडिकल बोर्ड की ओर से दोनों नवजात शिशुओं के शव का पोस्टमार्टम किया गया है. अजमेर कलेक्टर के स्तर पर भी जांच कमेटी बनाई गई है. बिजली विभाग से मिली रिपोर्ट के आधार पर ही बताई जा सकती है कि कितनी बार लाइट गई. वहीं इस मामले में राजस्थान बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी अस्पताल पहुचकर पीएमओ से घटना की जानकारी ली है.

Last Updated : Apr 19, 2022, 7:49 PM IST
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