नई दिल्ली : विदेशों में रहने वाले भारतीय शीघ्र ही अपने इंटरनेशनल मोबाइल नंबर के जरिये यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का उपयोग कर सकेंगे. 10 देशों में रह रहे अनिवासी भारतीय (NRI) अपने भारत के फोन नंबर पर निर्भर हुए बिना लेनदेन के लिए यूपीआई सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं. इन देशों में सिंगापुर, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ब्रिटेन (UK) आदि शामिल हैं.
नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, इंटरनेशनल मोबाइल नंबर वाले एनआरई/एनआरओ यूपीआई के जरिये लेनदेन कर सकेंगे. पेमेंट्स कार्पोरेशन ने निर्देशों का पालन करने के लिए पार्टनर बैंकों को 30 अप्रैल तक का समय दिया है. गौरतलब है कि एनआरई अकाउंट अनिवासी भारतीयों को विदेशी कमाई को भारत में ट्रांसफर करने में मदद करता है, जबकि एनआरओ अकाउंट उन्हें भारत में अर्जित इनकम का प्रबंधन करने में मदद करता है. इस संबंध में एकमात्र शर्त यह है कि बैंक यह सुनिश्चित करें कि ऐसे खातों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA)के नियमों के अनुसार अनुमति दी जाए, बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों का पालन करें और मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ उसकी सुरक्षा करें.
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2,600 करोड़ रुपये की योजना को बुधवार को मंजूरी दी. इस बारे में अधिकारियों ने बताया कि इसे बड़े यूपीआई के कदम से अंतरराष्ट्रीय छात्रों, विदेश में रहने वाले परिवारों और स्थानीय व्यवसायों को मदद मिलेगी. इसके अलावा योजना के अंतर्गत बैंकों को RuPay और UPI का उपयोग कर लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा. वहीं प्रधानमंत्री ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, 'रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने को लेकर कैबिनेट के आज के निर्णय से डिजिटल भुगतान में भारत और आगे बढ़ेगा.' बता दें कि केवल छह वर्षों में UPI लेनदेन में भारी उछाल देखने में आया है. दिसंबर में, 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के UPI लेनदेन हुए.
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