चूरू. प्रदेश के महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. बता दें कि छात्र संघ चुनाव 27 अगस्त को होंगे और मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 20 अगस्त को होगा. ऐसे में रक्षाबंधन की छुट्टी के बाद छात्र नेताओं ने संपर्क तेज कर दिया है. वहीं छात्र संगठनों ने भी प्रत्याशी चयन करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का काम शुरू कर दिया है.
जानकारी के अनुसार जिले के सबसे बड़े राजकीय लोहिया महाविद्यालय में एबीवीपी इस बार जाट व छात्रा कैंडिडेट को मैदान में उतार सकती है, जबकि एनएसयूआई फिर से ओबीसी के प्रत्याशी पर भरोसा कर सकती है. बता दें कि एबीवीपी अगर जाट व छात्रा को टिकट देती है तो एनएसयूआई किसी गैर ओबीसी कैंडिडेट पर भी दांव खेल सकती है.
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इन कारणों से एबीवीपी दे सकती है जाट व छात्रा को टिकट
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पिछले चार चुनाव में लगातार एससी कार्ड खेलकर तीन बार अध्यक्ष पद का चुनाव जीता है. वहीं एनएसयूआई ने ज्यादतर जाट उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. ऐसे में एबीवीपी नहीं चाहती कि एक ही वर्ग को टिकट देने का टैग एनएसयूआई की तरह उसके संगठन पर भी लग जाए.
एनएसयूआई में जाट के चांस ज्यादा
एनएसयूआई पिछले कई सालों से ओबीसी प्रत्याशी पर ही भरोसा करती आई है. इस बार भी जाट प्रत्याशी की ही उम्मीद ज्यादा है. एनएसयूआई से टिकट के दावेदार ज्यादातर जाट वर्ग से ही हैं. अभी एनएसयूआई के पास एससी व सामान्य वर्ग का कैंडिडेट नहीं है. वहीं एबीवीपी अगर जाट को टिकट देती है तो एनएसयूआई अपना प्रत्याशी गैर जाट को बना सकती है, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है.
एबीवीपी कल कर सकती है टिकट फाइनल
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मंगलवार को लोहिया कॉलेज का पैनल घोषित कर सकती है. जबकि संभावना यह है कि एनएसयूआई एबीवीपी के बाद अपने पत्ते खोलेगी.