कोटा. निगम चुनाव के तहत महापौर पद का फैसला होने वाला था. वहीं कोटा दक्षिण में महापौर पद की जंग खूनी संघर्ष में तब्दील हो गई थी. यहां लाठीचार्ज के चलते कई कांग्रेसियों के सिर फूट गए थे. वहीं कई अन्य को चोटें आई थी.
इस मामले की जांच करने गृह सचिव ने एमबीएस अस्पताल में पहुंच कर घायलों से मुलाकात की और घटनास्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने पूरी रिपोर्ट सरकार को दी. इस मामले के 9 दिन बाद ही कोटा शहर एसपी यादव का स्थानांतरण आदेश आ जाना घटना से जोड़कर ही देखा जा रहा है.
कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के चलते ही राज्य सरकार ने एसपी गौरव यादव का ट्रांसफर किया. जिस पर उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आपने एक थैंक्सलेस जॉब को चुना है. इस नौकरी में तालियां और प्रशंसा लेने का प्रयास नहीं करें. ऐसा करना एक तरह का पागलपन है.
बता दें कि इस मामले को लेकर प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने गहरी आपत्ति जताई थी. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक शिकायत पहुंचाई थी. जिसके बाद गृह सचिव एनएल मीणा देर रात जांच के लिए कोटा आए थे. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सर्किट हाउस में अपने बयान गृह सचिव एनएल मीणा को दर्ज करवाए थे. इसमें उन्होंने शहर एसपी गौरव यादव को अपने निशाने पर लिया था. साथ ही पूरे मामले में रिपोर्ट भी मांगी गई थी.