बांसवाड़ा. जिले में आर्थिक और संपत्ति संबंधी आपराधिक वारदातों को लेकर चलाए जा रहे अभियान को बड़ी सफलता मिली. सज्जनगढ़ पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर 15 से अधिक चोरी और नकबजनी वारदातों का खुलासा किया है. आरोपियों ने पिछले 2 साल में बांसवाड़ा शहर के अलावा कुशलगढ़ सज्जनगढ़ तथा गुजरात के राजकोट और जालोद जिले में यह वारदातें अंजाम देने की बात कबूल की है. पुलिस ने पूछताछ के दौरान और भी कई वारदातों के खुलने की संभावना जताई है.
जिला पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सिंह सागर के निर्देशानुसार विभिन्न थाना क्षेत्रों में आर्थिक अपराध के मामलों विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसी कड़ी में सज्जनगढ़ थाना अधिकारी धनपत सिंह के नेतृत्व में गठित एक विशेष टीम ने सजायाफ्ता लोगों पर नजर रखी. पड़ताल के दौरान वडली पाड़ा गांव के कमलेश डामोर, रमण, वीर सिंह, सुभाष और भावेश डामोर को हिरासत में लिया और मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की. ये लोग पुलिस पूछताछ के आगे ज्यादा टिक नहीं पाए और बांसवाड़ा जिले के अलावा गुजरात के कुछ इलाकों में भी चोरी और नकबजनी वारदातें करने का अपराध स्वीकार कर लिया.
थानाधिकारी धनपत सिंह ने बताया कि 11 सितंबर की रात छोटा डूंगरा कस्बे में एक साथ तीन मकानों पर इन लोगों ने धावा बोला और नगदी तथा सोने चांदी के जेवर पुराने में कामयाब रहे. इसी प्रकार बांसवाड़ा, कुशलगढ़ थाना क्षेत्र में भी कई वारदातों को अंजाम दिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने साल भर पहले छोटा डूंगरा से एक चार पहिया वाहन चुराकर गुजरात में 60 हजार रुपए में बेच दिया. राजकोट के एक ढाबे में भी करीब 40 हजार रुपए की नकबजनी के साथ बोटास सिविल हॉस्पिटल के पास नकबजनी की गई.
थाना प्रभारी ने बताया कि गैंग के लोग वारदात से पहले मकान या दुकान को चिन्हित करते और उसके बाद 2 से 3 दिन तक रेकी के बाद वारदात को अंजाम देते थे. आरोपियों से पूछताछ में और भी कई वारदातें खुलने की संभावना है.