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राजकीय कांकरिया स्कूल में व्यवसायिक मेले का विरोध, कलेक्टर के पास पहुंचे लोग

नागौर शहर के राजकीय कांकरिया स्कूल के खेल मैदान में व्यवसायिक गतिविधियों के तहत निजी संस्थाओं के लगने वाले मेले के विरोध में लोग एकजुट होकर कलेक्टर के पास पहुंचे. उन्होंने कांकरिया स्कूल के खेल मैदान में लगने वाले मेलों पर रोक लगाने की मांग की है.

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Published : Oct 15, 2019, 4:20 PM IST

नागौर कांकरिया स्कूल, nagaur kankariya schoo

नागौर. जिला मुख्यालय की सबसे बड़ी राजकीय कांकरिया सीनियर सैकंडरी स्कूल के खेल मैदान में बड़े पैमाने पर व्यावसायिक गतिविधियां और वाणिज्यिक मेलों का आयोजन होता है. अब शहर वासी इनके विरोध में उतर आए हैं. शहर के लोगों का कहना है कि स्कूल के खेल मैदान में वाणिज्यिक मेले लगने से एक तरफ स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.

राजकीय कांकरिया स्कूल में व्यवसायिक मेले का विरोध

इसके साथ ही शाम को बड़ी संख्या में बच्चे क्रिकेट, सॉफ्टबॉल, फुटबॉल और अन्य खेलों की प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं. लेकिन मेला लगने से उन्हें वहां प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं. ऐसे में शहर के लोगों ने आज कलेक्टर को ज्ञापन दिया और मांग की कि कांकरिया स्कूल के खेल मैदान में वाणिज्यिक गतिविधियों के तहत लगने वाले व्यवसायिक मेलों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाए.

पढे़ं- मौसम विभाग का दावा, आगामी दिनों में फिर बढ़ सकता है दिन का तापमान, मौसम रहेगा साफ

शहर के लोगों का यह भी आरोप है कि मेला लगने के बाद आयोजक मैदान में पूरी तरह सफाई नहीं करवाते हैं और प्लास्टिक का कचरा स्कूल के खेल मैदान में ही पड़ा रहता है. इससे एक तरफ प्रदूषण फैल रहा है. दूसरी तरफ इस कचरे से शहर के लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. साथ ही लोगों का यह भी आरोप है कि मेले में जो भी सामान बेचा जाता है. उस पर निर्धारित टैक्स के नियमों की भी समुचित पालना नहीं होती है.

नागौर. जिला मुख्यालय की सबसे बड़ी राजकीय कांकरिया सीनियर सैकंडरी स्कूल के खेल मैदान में बड़े पैमाने पर व्यावसायिक गतिविधियां और वाणिज्यिक मेलों का आयोजन होता है. अब शहर वासी इनके विरोध में उतर आए हैं. शहर के लोगों का कहना है कि स्कूल के खेल मैदान में वाणिज्यिक मेले लगने से एक तरफ स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.

राजकीय कांकरिया स्कूल में व्यवसायिक मेले का विरोध

इसके साथ ही शाम को बड़ी संख्या में बच्चे क्रिकेट, सॉफ्टबॉल, फुटबॉल और अन्य खेलों की प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं. लेकिन मेला लगने से उन्हें वहां प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं. ऐसे में शहर के लोगों ने आज कलेक्टर को ज्ञापन दिया और मांग की कि कांकरिया स्कूल के खेल मैदान में वाणिज्यिक गतिविधियों के तहत लगने वाले व्यवसायिक मेलों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाए.

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शहर के लोगों का यह भी आरोप है कि मेला लगने के बाद आयोजक मैदान में पूरी तरह सफाई नहीं करवाते हैं और प्लास्टिक का कचरा स्कूल के खेल मैदान में ही पड़ा रहता है. इससे एक तरफ प्रदूषण फैल रहा है. दूसरी तरफ इस कचरे से शहर के लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. साथ ही लोगों का यह भी आरोप है कि मेले में जो भी सामान बेचा जाता है. उस पर निर्धारित टैक्स के नियमों की भी समुचित पालना नहीं होती है.

Intro:नागौर शहर के राजकीय कांकरिया स्कूल के खेल मैदान में व्यवसायिक गतिविधियों के तहत निजी संस्थाओं के लगने वाले मेले के विरोध में लोग एकजुट होकर कलेक्टर के पास पहुंचे। उन्होंने काकरिया स्कूल के खेल मैदान में लगने वाले मेलों पर रोक लगाने की मांग की है।


Body:नागौर. जिला मुख्यालय की सबसे बड़ी राजकीय कांकरिया सीनियर सैकंडरी स्कूल के खेल मैदान में बड़े पैमाने पर व्यावसायिक गतिविधियां और वाणिज्यिक मेलों का आयोजन होता है। अब शहर वासी इनके विरोध में उतर आए हैं। शहर के लोगों का कहना है कि स्कूल के खेल मैदान में वाणिज्यिक मेले लगने से एक तरफ स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इसके साथ ही शाम को बड़ी संख्या में बच्चे क्रिकेट, सॉफ्टबॉल, फुटबॉल और अन्य खेलों की प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं। लेकिन मेला लगने से उन्हें वहां प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं। ऐसे में शहर के लोगों ने आज कलेक्टर को ज्ञापन दिया और मांग की कि कांकरिया स्कूल के खेल मैदान में वाणिज्यिक गतिविधियों के तहत लगने वाले व्यवसायिक मेलों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाए।


Conclusion:शहर के लोगों का यह भी आरोप है कि मेला लगने के बाद आयोजक मैदान में पूरी तरह सफाई नहीं करवाते हैं और प्लास्टिक का कचरा स्कूल के खेल मैदान में ही पड़ा रहता है। इससे एक तरफ प्रदूषण फैल रहा है। दूसरी तरफ इस कचरे से शहर के लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। साथ ही लोगों का यह भी आरोप है कि मेले में जो भी सामान बेचा जाता है। उस पर निर्धारित टैक्स के नियमों की भी समुचित पालना नहीं होती है।
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बाईट 1- विमल अग्रवाल, शहरवासी।
बाईट 2- नरेंद्र कछवाहा, शहरवासी।
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