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जयपुर ब्लास्ट की 11वीं बरसी: गुनहगारों को नहीं मिली अब तक सजा - जयपुर ब्लास्ट की 11वीं बरसी

जयपुर में 13 मई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. आज उसी बम धमाकों की 11 वीं बरसी है. कहने को तो इन धमाकों को 11 साल बीत गए. लेकिन, गुलाबीनगरी के गुनहगारों को अब तक सजा नहीं मिली है.

जयपुर ब्लास्ट की 11वीं बरसी
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Published : May 13, 2019, 3:59 AM IST

जयपुर. 13 मई 2008 को हुए बम धमाकों की आज 11 वीं बरसी है. आज से 11 साल पहले आज के दिन की वो शाम थी. जब अचानक चारदीवारी में अचानक बम ब्लास्ट होना शुरु हो गए. 2 घंटे के भीतर ही चारदीवारी की सड़कें लाल हो गई. 8 जगहों पर हुए सीरियल बम धमाकों में 72 लोग निर्दोष लोग मौत के घाट उतारे गए, कई शहरवासी घायल हो गए. आतंकियों ने गुलाबीनगरी में आतंक का ऐसा अमिट लाल घाव दिया, जिसका जख्म आज भी राजधानी के लोगों के जहन में ताजा है.

jaipur bomb blast
जयपुर ब्लास्ट की फाइल फोटो

राजधानीवासियों का घाव तब हरा हो जाता है, जब हर बार उन्हें पता चलता है कि शहर के गुनहगारों को अब तक सजा नहीं हुई है. घटना के 11 साल बीतने के बाद भी जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष न्यायालय में मामला विचाराधीन ही है.

jaipur bomb blast
जयपुर ब्लास्ट की फाइल फोटो

कोर्ट में अब तक क्या-क्या हुआ जानिए
राज्य सरकार ने 5 नवंबर 2009 को जयपुर ब्लास्ट के मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायालय का गठन किया, लेकिन यह विशेष न्यायालय अब तक शहरवासियों को न्याय देने में विफल रहा है. मामले में सबसे बड़ी चूक पुलिस प्रशासन की रही. पुलिस प्रशासन ने थाना क्षेत्रों की सीमाओं में अपराध होने के चलते हर बम धमाके की अलग से एफआईआर दर्ज की और अलग से ही आरोप पत्र पेश किया. नतीजा जहां पूरे मामले की एक साथ सुनवाई हो सकती थी. वहीं 8 अलग-अलग मामले समानांतर चले और अधिकांश गवाहों को हर मुकदमें में गवाही के लिए बार बार अदालत में आना पड़ा. शुरुआत में यह विशेष न्यायालय केवल नाम की ही विशेष रही. यहां तक कि अदालत के पास खुद का कमरा तक नहीं था. वहीं जैसे तैसे अदालत के लिए अलग से कमरा चिन्हित किया गया. शुरू के 2-3 साल के बाद विशेष न्यायालय विशेष नहीं रही और दूसरे फौजदारी मामले भी इसमें भेजे जाने लगे. हालांकि अब पिछले 6 माह से अदालत में सिर्फ बम कांड के मामलों की दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है. प्रकरण में अभियोजन पक्ष की के बयान पूरे हो चुके हैं और बयान मुलजिम चल रहे है.

बम धमाकों में इन आरोपियों को गिरफ्तार किया
मामले में जांच एजेंसियों ने शुरुआत में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें सबसे पहले आरोपी शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सलमान, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सेफ को गिरफ्तार किया. वहीं नवंबर 2017 में दिल्ली पुलिस और राजस्थान एटीएस ने आरिफ उर्फ जुनैद को भारत नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया. जबकि प्रकरण में शादाब साजिद बड़ा और खालिद अभी तक फरार चल रहे है. वहीं मोहम्मद अतीक और छोटा साजिद वर्ष 2008 में बाटला हाउस में हुए एनकाउंटर में मारा जा चुका है.

जयपुर ब्लास्ट की 11वीं बरसी: गुनहगारों को नहीं मिली अब तक सजा

इस तरह हुए थे बम धमाके

  • पहला बम ब्लास्ट खंदा माणक चौक के पास शाम 7:20 बजे पर हुआ. इसमें एक महिला की मौत हो गई. जबकि 18 लोग घायल हुए थे.
  • दूसरा बम ब्लास्ट त्रिपोलिया बाजार स्थित बड़ी चौपड़ के समीप मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकान के पास शाम 7:25 पर हुआ था. ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई, जबकि 27 लोग घायल हुए थे.
  • तीसरा ब्लास्ट करीब 7:30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इसमें दो पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हुई, जबकि 17 लोग घायल हुए थे.
  • चौथा बम ब्लास्ट दुकान नंबर 346 के सामने त्रिपोलिया बाजार में शाम 7:30 बजे हुआ. जिसमें 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 4 लोग घायल हुए थे.
  • पांचवा बम ब्लास्ट चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर 7:30 बजे हुआ. इसमें सबसे अधिक 25 लोगों की मौत हुई, जबकि 49 लोग घायल हुए थे.
  • छठां बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में नेशनल हैंडलूम के सामने करीब 7:30 बजे हुआ. इसमें 8 जनों की मौत हुई, जबकि 19 घायल हुए थे.
  • सातवां बम ब्लास्ट 7:32 पर छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में ज्वेलरी शॉप के सामने हुआ था. इसमें दो जनों की मौत हुई और 15 लोग घायल हुए थे.
  • आठवां बम बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर 7:32 पर हुआ था. इसमें 17 लोगों की मौत हुई जबकि 36 लोग घायल हुए थे. वहीं चांदपोल बाजार स्थित दुकान नंबर 17 के सामने रात 9:00 बजे का टाइमर सेट हुए एक जिंदा बम को बम निरोधक दस्ते ने जप्त कर डिफ्यूज कर दिया था.

जयपुर. 13 मई 2008 को हुए बम धमाकों की आज 11 वीं बरसी है. आज से 11 साल पहले आज के दिन की वो शाम थी. जब अचानक चारदीवारी में अचानक बम ब्लास्ट होना शुरु हो गए. 2 घंटे के भीतर ही चारदीवारी की सड़कें लाल हो गई. 8 जगहों पर हुए सीरियल बम धमाकों में 72 लोग निर्दोष लोग मौत के घाट उतारे गए, कई शहरवासी घायल हो गए. आतंकियों ने गुलाबीनगरी में आतंक का ऐसा अमिट लाल घाव दिया, जिसका जख्म आज भी राजधानी के लोगों के जहन में ताजा है.

jaipur bomb blast
जयपुर ब्लास्ट की फाइल फोटो

राजधानीवासियों का घाव तब हरा हो जाता है, जब हर बार उन्हें पता चलता है कि शहर के गुनहगारों को अब तक सजा नहीं हुई है. घटना के 11 साल बीतने के बाद भी जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष न्यायालय में मामला विचाराधीन ही है.

jaipur bomb blast
जयपुर ब्लास्ट की फाइल फोटो

कोर्ट में अब तक क्या-क्या हुआ जानिए
राज्य सरकार ने 5 नवंबर 2009 को जयपुर ब्लास्ट के मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायालय का गठन किया, लेकिन यह विशेष न्यायालय अब तक शहरवासियों को न्याय देने में विफल रहा है. मामले में सबसे बड़ी चूक पुलिस प्रशासन की रही. पुलिस प्रशासन ने थाना क्षेत्रों की सीमाओं में अपराध होने के चलते हर बम धमाके की अलग से एफआईआर दर्ज की और अलग से ही आरोप पत्र पेश किया. नतीजा जहां पूरे मामले की एक साथ सुनवाई हो सकती थी. वहीं 8 अलग-अलग मामले समानांतर चले और अधिकांश गवाहों को हर मुकदमें में गवाही के लिए बार बार अदालत में आना पड़ा. शुरुआत में यह विशेष न्यायालय केवल नाम की ही विशेष रही. यहां तक कि अदालत के पास खुद का कमरा तक नहीं था. वहीं जैसे तैसे अदालत के लिए अलग से कमरा चिन्हित किया गया. शुरू के 2-3 साल के बाद विशेष न्यायालय विशेष नहीं रही और दूसरे फौजदारी मामले भी इसमें भेजे जाने लगे. हालांकि अब पिछले 6 माह से अदालत में सिर्फ बम कांड के मामलों की दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है. प्रकरण में अभियोजन पक्ष की के बयान पूरे हो चुके हैं और बयान मुलजिम चल रहे है.

बम धमाकों में इन आरोपियों को गिरफ्तार किया
मामले में जांच एजेंसियों ने शुरुआत में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें सबसे पहले आरोपी शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सलमान, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सेफ को गिरफ्तार किया. वहीं नवंबर 2017 में दिल्ली पुलिस और राजस्थान एटीएस ने आरिफ उर्फ जुनैद को भारत नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया. जबकि प्रकरण में शादाब साजिद बड़ा और खालिद अभी तक फरार चल रहे है. वहीं मोहम्मद अतीक और छोटा साजिद वर्ष 2008 में बाटला हाउस में हुए एनकाउंटर में मारा जा चुका है.

जयपुर ब्लास्ट की 11वीं बरसी: गुनहगारों को नहीं मिली अब तक सजा

इस तरह हुए थे बम धमाके

  • पहला बम ब्लास्ट खंदा माणक चौक के पास शाम 7:20 बजे पर हुआ. इसमें एक महिला की मौत हो गई. जबकि 18 लोग घायल हुए थे.
  • दूसरा बम ब्लास्ट त्रिपोलिया बाजार स्थित बड़ी चौपड़ के समीप मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकान के पास शाम 7:25 पर हुआ था. ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई, जबकि 27 लोग घायल हुए थे.
  • तीसरा ब्लास्ट करीब 7:30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इसमें दो पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हुई, जबकि 17 लोग घायल हुए थे.
  • चौथा बम ब्लास्ट दुकान नंबर 346 के सामने त्रिपोलिया बाजार में शाम 7:30 बजे हुआ. जिसमें 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 4 लोग घायल हुए थे.
  • पांचवा बम ब्लास्ट चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर 7:30 बजे हुआ. इसमें सबसे अधिक 25 लोगों की मौत हुई, जबकि 49 लोग घायल हुए थे.
  • छठां बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में नेशनल हैंडलूम के सामने करीब 7:30 बजे हुआ. इसमें 8 जनों की मौत हुई, जबकि 19 घायल हुए थे.
  • सातवां बम ब्लास्ट 7:32 पर छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में ज्वेलरी शॉप के सामने हुआ था. इसमें दो जनों की मौत हुई और 15 लोग घायल हुए थे.
  • आठवां बम बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर 7:32 पर हुआ था. इसमें 17 लोगों की मौत हुई जबकि 36 लोग घायल हुए थे. वहीं चांदपोल बाजार स्थित दुकान नंबर 17 के सामने रात 9:00 बजे का टाइमर सेट हुए एक जिंदा बम को बम निरोधक दस्ते ने जप्त कर डिफ्यूज कर दिया था.
Intro:जयपुर। आम दिनों की तरह सामान्य थी 11 साल पहले आज के दिन की वो शाम, तभी अचानक चारदीवारी में बम धमाके शुरू हो गए और 2 घंटे के भीतर ही चारदीवारी की सड़के लाल हो गई 8 जगहों पर हुए बम धमाकों में 72 लोग मारे गए और कई शहरवासी घायल हो गए। आतंकियों ने आतंक का ऐसा अमिट घाव दिया, जिसका जख्म आज भी राजधानी के लोगों के जहन में ताजा है। शहरवासियों का घाव तब हरा हो जाता है, जब हर बार उन्हें पता चलता है कि शहर के गुनहगारों को अब तक सजा नहीं हुई है। घटना के 11 साल बीतने के बाद भी जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष न्यायालय में मामला विचाराधीन ही है।


Body:राज्य सरकार ने 5 नवंबर 2009 को जयपुर ब्लास्ट के मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायालय का गठन किया, लेकिन यह विशेष न्यायालय अब तक शहरवासियों को न्याय देने में विफल रहा है। मामले में सबसे बड़ी चूक पुलिस प्रशासन की रही। पुलिस प्रशासन ने थाना क्षेत्रों की सीमाओं में अपराध होने के चलते हर बम धमाके की अलग से एफआईआर दर्ज की और अलग से ही आरोप पत्र पेश किया। नतीजा जहां पूरे मामले की एक साथ सुनवाई हो सकती थी। वहीं 8 अलग-अलग मामले समानांतर चले और अधिकांश गवाहों को हर मुकदमे में गवाही के लिये बार बार अदालत में आना पड़ा। शुरुआत में यह विशेष न्यायालय केवल नाम की ही विशेष रही। यहां तक कि अदालत के पास खुद का कमरा तक नहीं था। वहीं जैसे तैसे अदालत के लिए अलग से कमरा चिन्हित किया गया। शुरू के 2-3 साल के बाद विशेष न्यायालय विशेष नहीं रही और दूसरे फौजदारी मामले भी इसमें भेजे जाने लगे। हालांकि अब पिछले 6 माह से अदालत में सिर्फ बम कांड के मामलों की दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो रही है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की के बयान पूरे हो चुके हैं और बयान मुलजिम चल रहे हैं।
मामले में जांच एजेंसियों ने शुरुआत में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें सबसे पहले आरोपी शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सलमान, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सेफ को गिरफ्तार किया। वहीं नवंबर 2017 में दिल्ली पुलिस और राजस्थान एटीएस ने आरिफ उर्फ जुनैद को भारत नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया। जबकि प्रकरण में शादाब साजिद बड़ा और खालिद अभी तक फरार चल रहे हैं। वहीं मोहम्मद अतीक और छोटा साजिद वर्ष 2008 में बाटला हाउस में हुए एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
इस तरह हुए थे बम धमाके
- पहला बम ब्लास्ट खंदा माणक चौक के पास शाम 7:20 पर हुआ इसमें एक महिला की मौत हो गई जबकि 18 लोग घायल हुए थे।
- दूसरा बम ब्लास्ट त्रिपोलिया बाजार स्थित बड़ी चौपड़ के समीप मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकान के पास शाम 7:25 पर हुआ था। ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई, जबकि 27 लोग घायल हुए थे।
- तीसरा ब्लास्ट करीब 7:30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ। इसमें दो पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हुई, जबकि 17 लोग घायल हुए थे।
- चौथा बम ब्लास्ट दुकान नंबर 346 के सामने त्रिपोलिया बाजार में शाम 7:30 बजे हुआ। जिसमें 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 4 लोग घायल हुए थे।
- पांचवा बम ब्लास्ट चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर 7:30 बजे हुआ। इसमें सबसे अधिक 25 लोगों की मौत हुई, जबकि 49 लोग घायल हुए थे।
- छठ बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में नेशनल हैंडलूम के सामने करीब 7:30 बजे हुआ। इसमें 8 जनों की मौत हुई, जबकि 19 घायल हुए थे।
- सातवां बम ब्लास्ट 7:32 पर छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में ज्वेलरी शॉप के सामने हुआ था। इसमें दो जनों की मौत हुई और 15 लोग घायल हुए थे।
- आठवां बम बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर 7:32 पर हुआ था। इसमें 17 लोगों की मौत हुई जबकि 36 लोग घायल हुए थे।
वहीं चांदपोल बाजार स्थित दुकान नंबर 17 के सामने रात 9:00 बजे का टाइमर सेट हुए एक जिंदा बम को बम निरोधक दस्ते ने जप्त कर डिफ्यूज कर दिया था।



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