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Vande Bharat trains: वंदे भारत ट्रेनों का मकसद तीर्थ केंद्रों के बीच संपर्क में सुधार, स्थानीय अर्थव्यवस्था की मदद करना: अधिकारी

वंदे भारत ट्रेनों को बढ़ावा देने के पीछे कई मकसद हैं. अधिकारियों का मानना है कि इससे जहां एक ओर यात्रियों को सुविधा मिलेगी वहीं, दूसरी ओर स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा.

Etv BharatVande Bharat trains aimed at improving connectivity between pilgrimage centres, helping local economy: Officials
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Published : Apr 7, 2023, 1:37 PM IST

नई दिल्ली: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को सरकार द्वारा विशेष महत्व दिए जाने के पीछे तीर्थ केंद्रों के बीच संपर्क में सुधार और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं की मदद करना है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह बात कही. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच सेमी हाई स्पीड आधुनिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले हैं. वर्तमान में 13 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन विभिन्न मार्गों पर चल रही हैं. इनमें से चार भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों को जोड़ती हैं.

तीन अन्य वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी (कटरा) और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (मुंबई)-शिरडी हैं. यह उल्लेख करते हुए कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय राजमार्ग-744 की सड़क परियोजनाओं के निर्माण की आधारशिला भी रखेंगे, सूत्रों ने यह भी कहा कि इससे दक्षिण भारत के कुछ सबसे पवित्र स्थलों जैसे मदुरै में मीनाक्षी मंदिर, श्रीविल्लीपुथुर में अंडाल मंदिर और केरल में सबरीमाला जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुगम यात्रा सुनिश्चित होगी.
उन्होंने कहा कि बेहतर संपर्क से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और आतिथ्य, हस्तशिल्प और खाद्य सेवाओं जैसे सहायक उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिलता है.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी का हैदराबाद दौरा कल, 11 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू करेंगे

सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच वंदे भारत के शुरू होने से तेलंगाना के लोगों को तीर्थयात्रा करने में बड़ी आसानी होगी. जिन यात्रियों को समय बचत करना हैं उनके लिए यह काफी लाभप्रद होगा. बताया जा रहा है कि सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास 720 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. यह स्टेशन विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस है. पीएम मोदी के तेलंगाना आगमन से पहले यहां राजनीतिक हलचल है. बीजेपी प्रमुख बंदी संजय को एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को सरकार द्वारा विशेष महत्व दिए जाने के पीछे तीर्थ केंद्रों के बीच संपर्क में सुधार और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं की मदद करना है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह बात कही. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच सेमी हाई स्पीड आधुनिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले हैं. वर्तमान में 13 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन विभिन्न मार्गों पर चल रही हैं. इनमें से चार भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों को जोड़ती हैं.

तीन अन्य वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी (कटरा) और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (मुंबई)-शिरडी हैं. यह उल्लेख करते हुए कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय राजमार्ग-744 की सड़क परियोजनाओं के निर्माण की आधारशिला भी रखेंगे, सूत्रों ने यह भी कहा कि इससे दक्षिण भारत के कुछ सबसे पवित्र स्थलों जैसे मदुरै में मीनाक्षी मंदिर, श्रीविल्लीपुथुर में अंडाल मंदिर और केरल में सबरीमाला जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुगम यात्रा सुनिश्चित होगी.
उन्होंने कहा कि बेहतर संपर्क से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और आतिथ्य, हस्तशिल्प और खाद्य सेवाओं जैसे सहायक उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिलता है.

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सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच वंदे भारत के शुरू होने से तेलंगाना के लोगों को तीर्थयात्रा करने में बड़ी आसानी होगी. जिन यात्रियों को समय बचत करना हैं उनके लिए यह काफी लाभप्रद होगा. बताया जा रहा है कि सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास 720 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. यह स्टेशन विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस है. पीएम मोदी के तेलंगाना आगमन से पहले यहां राजनीतिक हलचल है. बीजेपी प्रमुख बंदी संजय को एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई.

(पीटीआई-भाषा)

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