सिरोही. जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. सोमवार रात एक माह के नवजात को अस्पताल के वॉर्ड से उठा ले गए और नोच नोच कर मार डाला. घटना की जानकारी जब तक बच्चे के मां को मिली तब तक नवजात को क्षत विक्षत कर दिया गया था. घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौपा. वहीं, इस मामले में जिला प्रशासन ने तीन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है.
कोतवाली थानाधिकारी सीताराम ने बताया की पाली जिले के जवाईबांध निवासी महेंद्र कुमार बीमार होने के चलते सिरोही के जिला अस्पताल में भर्ती था. महेंद्र की पत्नी रेखा और तीन बच्चे भी अस्पताल में थे. बीती रात को रेखा अपने तीन बच्चों के साथ वॉर्ड में नीचे सो रही थी. बच्चों में एक माह का एक बच्चा भी था.बताया जा रहा है कि रात में करीब 2 बजे दो तीन कुत्ते वॉर्ड में आकर बच्चे को उठाकर अस्पताल के बाहर ले गए.
अचानक उठी मां रेखा ने कुछ आवाज सुनी तो उठी और बाहर गई. मां ने देखा कि कुत्ते एक माह के नवजात को नोच रहे थे. किसी तरह कुछ लोगों की मदद से कुत्तों को भगाया गया. लेकिन तब तक कुत्तों ने मासूम को बुरी तरह से नोच डाला था जिसके चलते उसकी मौत हो गई. सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंपा.
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पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है. लोग लचर व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर रहे हैं. मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि रात में अकसर कुत्तों का गैंग आकर उत्पात मचाता है लेकिन अस्पताल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
तीन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाईः कुत्तों द्वारा राजकीय जिला अस्पताल में एक माह के बच्चे को नोचने के मामले में जिला प्रशासन ने देर शाम तीन कर्मचारियों पर कार्रवाई की. जिला कलक्टर डॉ भवरलाल ने बताया की मामले में प्रथम दृष्टया मौके पर तैनात कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई. जिसपर पर नर्सिंग ऑफिसर सुरेश मीणा को निलंबित किया है. साथ ही वार्ड के गार्ड भवानी सिंह व वार्ड उज्जवल देवासी की सेवा को समाप्त किया गया है. मामले में जांच की जा रही है. जांच में अन्य किसी की लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
दिनभर चला विरोध प्रदर्शन का दौरः मामले को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित के नेतृत्व में भाजपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्त्ताओ की ओर से सुबह से ही धरना प्रदर्शन किया जा रहा था. मामले में दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग और मुआवजे की मांग की जा रही थी. उधर स्थानीय विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा में मामला उठाया और घटना को मानवीयता के लिए शर्मसार बताया. उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवर को सरकारी नौकरी, 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने की मांग की है.