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1 जुलाई से राजस्थान होगा ईको फ्रेंडली, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया, तो होगी ये कार्रवाई...

राजस्थान सरकार के पर्यावरण विभाग ने सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों पर बैन लगा दिया (Single use plastic ban in Rajasthan from 1st July) है. आदेश के अनुसार 1 जुलाई से राजस्थान के सरकारी और निजी दफ्तरों में प्लास्टिक के गुलदस्ते, फूल, ट्रे, पानी की प्लास्टिक बोतल सहित अन्य सामानों के उपयोग को बैन कर दिया है. आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Single use plastic ban in Rajasthan from 1st July, Campaign for implementing single use plastics ban
1 जुलाई से राजस्थान होगा ईको फ्रेंडली.
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Published : Jun 23, 2022, 9:37 PM IST

जयपुर. राजस्थान के निजी और सरकारी दफ्तर अब पहले से ज्यादा ईको फ्रेंडली होंगे. दिल्ली के बाद अब राजस्थान सरकार के पर्यावरण विभाग ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं. 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों पर लागू प्रतिबंध को अमल में लाने के लिए अभियान (Campaign for implementing single use plastics ban) चलाएगा. साथ ही इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले सभी विनिर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं, वितरकों और विक्रेताओं पर कार्रवाई करेगा.

वन एवं पर्यावरण विभाग ने जारी किए आदेश: वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव शेखर अग्रवाल ने आदेश जारी करते हुए 1 जुलाई से राजस्थान के सरकारी और निजी दफ्तरों में प्लास्टिक के गुलदस्ते, फूल, ट्रे, पानी की प्लास्टिक बोतल सहित अन्य सामानों के उपयोग को बैन कर दिया (Single use plastic ban in private and govt office in Rajasthan) है. आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 1 जुलाई से केंद्रीय पर्यावरण विभाग के निर्देशों के तहत शामिल 19 प्लास्टिक से बने उत्पादों को कार्यालयों में रखने की अनुमति नहीं होगी.

पढ़ें: Jaipur On Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन को लेकर जयपुर तैयार, निगमों ने बताया क्या है प्लान!

राज्य सरकार ने जारी किए निर्देश: राज्य सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक से बनने वाले उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े पक्षों को सख्त निर्देश दिए कि वो सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन नहीं करे. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के अनुसार पॉलीस्टाइरिन सहित विभिन्न सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक रहेगी. इसमें प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक लपेटने या पैकिंग फिल्म, सिगरेट पैकेट को लपेटने या पैक करने वाली फिल्म, 100 माइक्रॉन से कम मोटे प्लास्टिक पीवीसी बैनर आदि प्रतिबंधित रहेंगे. जिन चीजों को प्रतिबंधित किया गया है उसमें प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक/थर्माकोल के बने सामान, डिस्पोजेबल कटलरी जैसे कटोरे, ट्रे, प्लेट, चम्मच जैसी चीजें शामिल हैं. सरकार की ओर से कहा गया है कि जो इस आदेश का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

पढ़ें: 1 जूलाई से बैन होगा 'सिंगल यूज प्लास्टिक', पूर्ण प्रतिबंध के लिए समझाइश के साथ कड़ाई भी जरूरी

30 जून तक मोहलत: आदेश में कहा गया है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पंजीकृत विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आपूर्तिकर्ताओें और स्टॉकिस्ट का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण के लिहाज से नुकसानदेह माने जाने वाले एसयूपी से बने उत्पादों पर पाबंदी को सख्ती से लागू करेगी. इसके साथ मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को पुराने स्टॉक को नष्ट करने और सरकारी और निजी ऑफिस में रखे सिंगल प्लास्टिक के सामानों को 30 जून तक हटाने को कहा है. उसके बाद 1 जुलाई से सघन अभियान चलाया जाएगा.

पढ़ें: जयपुर शहर को प्लास्टिक फ्री बनाने का लक्ष्य, प्लास्टिक बैग इस्तेमाल करने वालों पर सख्ती

लग सकता है मोटा जुर्माना: अधिकारियों के अनुसार राजस्थान में 1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध की कड़ाई से पालन के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा. कोई भी सरकारी या निजी कार्यालय इन सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इसके साथ मैन्युफैक्चरिंग और विक्रेताओं के पास भी सिंगल यूज प्लास्टिक मिलती है, तो उसका लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है. साथ ही मोटा जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

जयपुर. राजस्थान के निजी और सरकारी दफ्तर अब पहले से ज्यादा ईको फ्रेंडली होंगे. दिल्ली के बाद अब राजस्थान सरकार के पर्यावरण विभाग ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं. 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों पर लागू प्रतिबंध को अमल में लाने के लिए अभियान (Campaign for implementing single use plastics ban) चलाएगा. साथ ही इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले सभी विनिर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं, वितरकों और विक्रेताओं पर कार्रवाई करेगा.

वन एवं पर्यावरण विभाग ने जारी किए आदेश: वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव शेखर अग्रवाल ने आदेश जारी करते हुए 1 जुलाई से राजस्थान के सरकारी और निजी दफ्तरों में प्लास्टिक के गुलदस्ते, फूल, ट्रे, पानी की प्लास्टिक बोतल सहित अन्य सामानों के उपयोग को बैन कर दिया (Single use plastic ban in private and govt office in Rajasthan) है. आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 1 जुलाई से केंद्रीय पर्यावरण विभाग के निर्देशों के तहत शामिल 19 प्लास्टिक से बने उत्पादों को कार्यालयों में रखने की अनुमति नहीं होगी.

पढ़ें: Jaipur On Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन को लेकर जयपुर तैयार, निगमों ने बताया क्या है प्लान!

राज्य सरकार ने जारी किए निर्देश: राज्य सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक से बनने वाले उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े पक्षों को सख्त निर्देश दिए कि वो सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन नहीं करे. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के अनुसार पॉलीस्टाइरिन सहित विभिन्न सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक रहेगी. इसमें प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक लपेटने या पैकिंग फिल्म, सिगरेट पैकेट को लपेटने या पैक करने वाली फिल्म, 100 माइक्रॉन से कम मोटे प्लास्टिक पीवीसी बैनर आदि प्रतिबंधित रहेंगे. जिन चीजों को प्रतिबंधित किया गया है उसमें प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक/थर्माकोल के बने सामान, डिस्पोजेबल कटलरी जैसे कटोरे, ट्रे, प्लेट, चम्मच जैसी चीजें शामिल हैं. सरकार की ओर से कहा गया है कि जो इस आदेश का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

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30 जून तक मोहलत: आदेश में कहा गया है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पंजीकृत विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आपूर्तिकर्ताओें और स्टॉकिस्ट का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण के लिहाज से नुकसानदेह माने जाने वाले एसयूपी से बने उत्पादों पर पाबंदी को सख्ती से लागू करेगी. इसके साथ मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को पुराने स्टॉक को नष्ट करने और सरकारी और निजी ऑफिस में रखे सिंगल प्लास्टिक के सामानों को 30 जून तक हटाने को कहा है. उसके बाद 1 जुलाई से सघन अभियान चलाया जाएगा.

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लग सकता है मोटा जुर्माना: अधिकारियों के अनुसार राजस्थान में 1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध की कड़ाई से पालन के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा. कोई भी सरकारी या निजी कार्यालय इन सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इसके साथ मैन्युफैक्चरिंग और विक्रेताओं के पास भी सिंगल यूज प्लास्टिक मिलती है, तो उसका लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है. साथ ही मोटा जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

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