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Rajasthan Assembly Election Result 2023 : इस सीट पर पहली बार जीता निर्दलीय प्रत्याशी, 26 साल के रविंद्र भाटी ने लहराया परचम

Sheov, Rajasthan Vidhan Sabha Chunav Assembly Election Result 2023, रविंद्र सिंह भाटी, एक ऐसा नाम जिनको मतदान से पहले भाजपा ने पार्टी में शामिल किया, लेकिन टिकट नहीं दिया. बगावत कर भाटी निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत का परचम लहरा दिया. मतदान से पहले भी शिव विधानसभा सीट प्रदेश की निगाहों में थी, वहीं अब और अधिक सुर्खियों में आ गई है.

independent candidate Ravindra Singh Bhati
निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी की जीत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 4, 2023, 12:30 PM IST

Updated : Dec 4, 2023, 2:20 PM IST

रविंद्र सिंह भाटी ने लहराया परचम...

बाड़मेर. तमाम सियासी वादों और दावों के बाद अब राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर चुनावी परिणाम सामने आ गए. इस बीच कई सियासी दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा, तो कई ऐसे प्रत्याशी थे, जिन्होंने सबको चौंकाते हुए विधानसभा में प्रवेश का टिकट कटाया हैं. जहां एक ओर युवा दिग्गज कांग्रेसी नेता दिव्या मदेरणा ओसियां से हार गईं, तो वहीं बाड़मेर के शिव विधानसभा सीट पर भाजपा के बागी 26 साल के युवा रविंद्र सिंह भाटी ने क्षेत्र में दोनों पार्टियों के दिग्गजों को पछाड़कर जीत हासिल की. हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी की जमानत जप्त हुई है, जबकि कांग्रेस के 86 वर्षीय वरिष्ठ नेता को भी हार का सामना करना पड़ा है.

बता दें कि 56 साल के इतिहास में पहली बार किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने शिव से से जीत हासिल की हैं. जिले की शिव विधानसभा सीट पर पूरे प्रदेश भर की निगाहें टिकी हुई थी, क्योंकि यहां से छात्र राजनीति का बड़ा नाम 26 वर्षीय रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे. जेएनवीयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी शिव में पिछले कुछ समय से लगातार सक्रिय थे. शिव में जन संवाद यात्रा निकालकर उन्होंने लोगों का ध्यान आकर्षित किया और उसके बाद भाजपा में शामिल हो गए.

  • बधाई हो शिव वासियों, आप सभी जीत गए 🙏
    श्री गरीबनाथ जी महाराज की जय। 🙏 pic.twitter.com/uzRQISb3f9

    — Ravindra Singh Bhati (@RavindraBhati__) December 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भाजपा के बागी के तौर पर लड़ा चुनाव : भाजपा से सातों लिस्ट में टिकट नहीं मिलने के चलते उन्होंने पार्टी से बगावत कर ली और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी. भाजपा ने यहां से पार्टी के जिला अध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और दोनों पार्टियों के बागियों समेत आरएलपी के उम्मीदवार के बीच पंचकोणिय मुकाबला था.

पढ़ें : Rajasthan Assembly Election Result 2023 : टोंक में 2 सीटों पर कांग्रेस तो 2 पर भाजपा जीती, निवाई में सत्ता के साथ चलने का रिवाज कायम

इस बीच मतगणना के समय कांग्रेस के बागी निर्दलीय प्रत्याशी फतेह खान और भाजपा के बागी निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला, लेकिन रविन्द्र सिंह भाटी 3950 मतों से जीत हासिल करने में कामयाब रहे.

यह मेरे लिए पहला अनुभव है. जनता का बड़ा एहसान है, साथ ही अब बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी है. इस जिम्मेदारी को ईमानदारी और पूरी निष्ठा के साथ निभाऊंगा. यह जीत शिव की जनता की जीत है. चुनाव में सभी उम्मीदवारों ने खूब मेहनत की है. हम सब एकजुट होकर शिव के आने वाले भविष्य के लिए मिलकर काम करेंगे. - रविंद्र सिंह भाटी

पढ़ें : Rajasthan Assembly Election Result 2023 : जनता ने दिया भाजपा को जनादेश, अब दिल्ली में तय होगा सीएम का फैसला

युवा राजनीति में आगे आयें : भाटी ने कहा कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. युवाओं को राजनीति में आगे आकर जनता के लिए मेहनत करनी पड़ेगी. रिस्क के बिना जीवन में कुछ नहीं है. मैं 2019 में छात्र राजनीति में आया, लेकिन परिस्थितियों ऐसी थी कि राजनीतिक पार्टियों का साथ नहीं मिला और निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा. भाटी ने कहा कि इस चुनाव में बड़ी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने मुझे छोड़ा, लेकिन इस बात का कोई मलाल नहीं है. जनता के बीच रहकर मजबूती से काम किया और अब जनता ने साथ और आशीर्वाद दिया है.

independent candidate Ravindra Singh Bhati
शिव में पहली बार कोई निर्दलीय प्रत्याशी जीता

इससे पहले भी रच चुके इतिहास : गौरतलब है कि जिले की शिव विधानसभा सीट 1967 से अस्तित्व में आई. पहली बार कांग्रेस के हुकम सिंह और कान सिंह के बीच मुकाबला हुआ था. इसमें कांग्रेस के हुकम सिंह ने चुनाव जीता. इसके बाद से इस सीट पर दो निर्दलीयों के बीच कभी मुकाबला देखने को नहीं मिला, ना ही कोई निर्दलीय उम्मीदवार जीता. 56 साल के इतिहास में पहली बार रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की हैं. इससे पहले रविंद्र सिंह भाटी ने 2019 में जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी (जेएनवीयू) के 57 साल के इतिहास को तोड़ते हुए पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर छात्र संघ अध्यक्ष का पद जीता था. रविंद्र सिंह भाटी ने छात्रों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उठाया और अपने दबंग अंदाज के चलते उनकी एक अलग पहचान बन गई.

भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त : इस सीट पर भाजपा की जमानत जब्त हुई है. भाजपा के प्रत्याशी स्वरूप सिंह खारा को जमानत बचाने के लिए 41,685 वोटों की जरूरत थी, लेकिन उन्हें महज 22,820 वोट ही मिले, जबकि कांग्रेस के 86 वर्षीय वरिष्ठ नेता को भी हार का सामना करना पड़ा. 56 साल के इतिहास में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार ने यहां से जीत हासिल की है.

रविंद्र सिंह भाटी ने लहराया परचम...

बाड़मेर. तमाम सियासी वादों और दावों के बाद अब राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर चुनावी परिणाम सामने आ गए. इस बीच कई सियासी दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा, तो कई ऐसे प्रत्याशी थे, जिन्होंने सबको चौंकाते हुए विधानसभा में प्रवेश का टिकट कटाया हैं. जहां एक ओर युवा दिग्गज कांग्रेसी नेता दिव्या मदेरणा ओसियां से हार गईं, तो वहीं बाड़मेर के शिव विधानसभा सीट पर भाजपा के बागी 26 साल के युवा रविंद्र सिंह भाटी ने क्षेत्र में दोनों पार्टियों के दिग्गजों को पछाड़कर जीत हासिल की. हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी की जमानत जप्त हुई है, जबकि कांग्रेस के 86 वर्षीय वरिष्ठ नेता को भी हार का सामना करना पड़ा है.

बता दें कि 56 साल के इतिहास में पहली बार किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने शिव से से जीत हासिल की हैं. जिले की शिव विधानसभा सीट पर पूरे प्रदेश भर की निगाहें टिकी हुई थी, क्योंकि यहां से छात्र राजनीति का बड़ा नाम 26 वर्षीय रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे. जेएनवीयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी शिव में पिछले कुछ समय से लगातार सक्रिय थे. शिव में जन संवाद यात्रा निकालकर उन्होंने लोगों का ध्यान आकर्षित किया और उसके बाद भाजपा में शामिल हो गए.

  • बधाई हो शिव वासियों, आप सभी जीत गए 🙏
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    — Ravindra Singh Bhati (@RavindraBhati__) December 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भाजपा के बागी के तौर पर लड़ा चुनाव : भाजपा से सातों लिस्ट में टिकट नहीं मिलने के चलते उन्होंने पार्टी से बगावत कर ली और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी. भाजपा ने यहां से पार्टी के जिला अध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और दोनों पार्टियों के बागियों समेत आरएलपी के उम्मीदवार के बीच पंचकोणिय मुकाबला था.

पढ़ें : Rajasthan Assembly Election Result 2023 : टोंक में 2 सीटों पर कांग्रेस तो 2 पर भाजपा जीती, निवाई में सत्ता के साथ चलने का रिवाज कायम

इस बीच मतगणना के समय कांग्रेस के बागी निर्दलीय प्रत्याशी फतेह खान और भाजपा के बागी निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला, लेकिन रविन्द्र सिंह भाटी 3950 मतों से जीत हासिल करने में कामयाब रहे.

यह मेरे लिए पहला अनुभव है. जनता का बड़ा एहसान है, साथ ही अब बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी है. इस जिम्मेदारी को ईमानदारी और पूरी निष्ठा के साथ निभाऊंगा. यह जीत शिव की जनता की जीत है. चुनाव में सभी उम्मीदवारों ने खूब मेहनत की है. हम सब एकजुट होकर शिव के आने वाले भविष्य के लिए मिलकर काम करेंगे. - रविंद्र सिंह भाटी

पढ़ें : Rajasthan Assembly Election Result 2023 : जनता ने दिया भाजपा को जनादेश, अब दिल्ली में तय होगा सीएम का फैसला

युवा राजनीति में आगे आयें : भाटी ने कहा कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. युवाओं को राजनीति में आगे आकर जनता के लिए मेहनत करनी पड़ेगी. रिस्क के बिना जीवन में कुछ नहीं है. मैं 2019 में छात्र राजनीति में आया, लेकिन परिस्थितियों ऐसी थी कि राजनीतिक पार्टियों का साथ नहीं मिला और निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा. भाटी ने कहा कि इस चुनाव में बड़ी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने मुझे छोड़ा, लेकिन इस बात का कोई मलाल नहीं है. जनता के बीच रहकर मजबूती से काम किया और अब जनता ने साथ और आशीर्वाद दिया है.

independent candidate Ravindra Singh Bhati
शिव में पहली बार कोई निर्दलीय प्रत्याशी जीता

इससे पहले भी रच चुके इतिहास : गौरतलब है कि जिले की शिव विधानसभा सीट 1967 से अस्तित्व में आई. पहली बार कांग्रेस के हुकम सिंह और कान सिंह के बीच मुकाबला हुआ था. इसमें कांग्रेस के हुकम सिंह ने चुनाव जीता. इसके बाद से इस सीट पर दो निर्दलीयों के बीच कभी मुकाबला देखने को नहीं मिला, ना ही कोई निर्दलीय उम्मीदवार जीता. 56 साल के इतिहास में पहली बार रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की हैं. इससे पहले रविंद्र सिंह भाटी ने 2019 में जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी (जेएनवीयू) के 57 साल के इतिहास को तोड़ते हुए पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर छात्र संघ अध्यक्ष का पद जीता था. रविंद्र सिंह भाटी ने छात्रों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उठाया और अपने दबंग अंदाज के चलते उनकी एक अलग पहचान बन गई.

भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त : इस सीट पर भाजपा की जमानत जब्त हुई है. भाजपा के प्रत्याशी स्वरूप सिंह खारा को जमानत बचाने के लिए 41,685 वोटों की जरूरत थी, लेकिन उन्हें महज 22,820 वोट ही मिले, जबकि कांग्रेस के 86 वर्षीय वरिष्ठ नेता को भी हार का सामना करना पड़ा. 56 साल के इतिहास में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार ने यहां से जीत हासिल की है.

Last Updated : Dec 4, 2023, 2:20 PM IST
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