ETV Bharat / bharat

Rajasthan : आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अपीलार्थी को रिहा करने के आदेश, राज्य सरकार पर लगाया 25 लाख रुपए का हर्जाना - Rajasthan Hindi news

राजस्थान हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अपीलार्थी को रिहा करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार पर 25 लाख रुपए का हर्जाना भी लगाया है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 29, 2023, 10:22 PM IST

सजा भुगत रहे अपीलार्थी को रिहा करने के आदेश

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अपीलार्थी को तत्काल रिहा करने के आदेश देते हुए राज्य सरकार पर 25 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही अदालत ने महिला उत्पीड़न अदालत के 11 मई, 2016 के आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें निचली अदालत ने अपीलार्थी को पत्नी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अदालत ने कहा कि हर्जाना राशि तीन माह में अपीलार्थी को अदा की जाए. ऐसा नहीं करने पर इस राशि पर 6 फीसदी ब्याज भी अदा करना होगा. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश मोहम्मद इकबाल की अपील को स्वीकार करते हुए दिए.

12 साल 4 महीने से जेल में बंद : अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सबूतों से साबित होता है कि यह मामला आत्महत्या का था. घटना के समय अपीलार्थी नहा रहा था और उसने पीड़िता को बचाने का प्रयास भी किया. अपीलार्थी वास्तव में खुद ही पीड़ित था, जिसने अपनी पत्नी को खोया और उसे 12 साल 4 महीने जेल में भी रहना पड़ा और इस दौरान वह अपने तीन नाबालिग बच्चों से भी नहीं मिल सका. अपील में अधिवक्ता निखिल शर्मा ने अदालत को बताया कि 13 मई, 2011 को अपीलार्थी की पत्नी की जलने से मौत हो गई थी. घटना को लेकर गलता गेट थाना पुलिस में हत्या का मामला दर्ज किया गया और 2016 को अपीलार्थी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

पढ़ें. Rajasthan High Court : राज्य सरकार पर 50 हजार का हर्जाना, दोषी अधिकारियों से वसूलने की छूट

25 लाख रुपए का हर्जाना देने के आदेश : अपील में कहा गया कि पुलिस जांच और ट्रायल के दौरान आपराधिक न्याय शास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों की पालना नहीं की गई. मामले में पर्चा बयान से जुड़े चिकित्सक की भी साक्ष्य नहीं ली गई और 6 साल के बेटे के बयान में भी विरोधाभास है. वहीं, अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि निचली अदालत ने अभियुक्त को सजा देने में कोई गलती नहीं की है. उसने अपनी पत्नी की जलाकर हत्या कर दी थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपीलार्थी को मिली आजीवन कारावास की सजा को रद्द करते हुए उसे 25 लाख रुपए का हर्जाना देने के आदेश दिए हैं.

सजा भुगत रहे अपीलार्थी को रिहा करने के आदेश

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अपीलार्थी को तत्काल रिहा करने के आदेश देते हुए राज्य सरकार पर 25 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही अदालत ने महिला उत्पीड़न अदालत के 11 मई, 2016 के आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें निचली अदालत ने अपीलार्थी को पत्नी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अदालत ने कहा कि हर्जाना राशि तीन माह में अपीलार्थी को अदा की जाए. ऐसा नहीं करने पर इस राशि पर 6 फीसदी ब्याज भी अदा करना होगा. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश मोहम्मद इकबाल की अपील को स्वीकार करते हुए दिए.

12 साल 4 महीने से जेल में बंद : अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सबूतों से साबित होता है कि यह मामला आत्महत्या का था. घटना के समय अपीलार्थी नहा रहा था और उसने पीड़िता को बचाने का प्रयास भी किया. अपीलार्थी वास्तव में खुद ही पीड़ित था, जिसने अपनी पत्नी को खोया और उसे 12 साल 4 महीने जेल में भी रहना पड़ा और इस दौरान वह अपने तीन नाबालिग बच्चों से भी नहीं मिल सका. अपील में अधिवक्ता निखिल शर्मा ने अदालत को बताया कि 13 मई, 2011 को अपीलार्थी की पत्नी की जलने से मौत हो गई थी. घटना को लेकर गलता गेट थाना पुलिस में हत्या का मामला दर्ज किया गया और 2016 को अपीलार्थी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

पढ़ें. Rajasthan High Court : राज्य सरकार पर 50 हजार का हर्जाना, दोषी अधिकारियों से वसूलने की छूट

25 लाख रुपए का हर्जाना देने के आदेश : अपील में कहा गया कि पुलिस जांच और ट्रायल के दौरान आपराधिक न्याय शास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों की पालना नहीं की गई. मामले में पर्चा बयान से जुड़े चिकित्सक की भी साक्ष्य नहीं ली गई और 6 साल के बेटे के बयान में भी विरोधाभास है. वहीं, अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि निचली अदालत ने अभियुक्त को सजा देने में कोई गलती नहीं की है. उसने अपनी पत्नी की जलाकर हत्या कर दी थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपीलार्थी को मिली आजीवन कारावास की सजा को रद्द करते हुए उसे 25 लाख रुपए का हर्जाना देने के आदेश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.