जयपुर. राजस्थान में कन्यादान और मतदान एक दिन होने वाला है. 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान होना है, वहीं 23 नवंबर को ही देवउठनी एकादशी है, जो अबूझ सावा भी कहलाता है. इस दिन प्रदेश में करीब 15 से 20 हजार शादियां होने का आकलन किया जा रहा है. ऐसे में इस दिन मतदान होने से हिंदू समाज के मतदाताओं का वोटिंग परसेंटेज कम होने के आसार जताए जा रहे हैं.
मतदान प्रभावित होने के आसार : हिंदू समाज में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है. इसी दिन चातुर्मास का समापन होता है और मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा से जागते हैं. ऐसे में शादी-विवाह, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, नया वाहन, नई प्रॉपर्टी, मुंडन, जनेऊ संस्कार, नया बिजनेस जैसे मांगलिक कार्यों की भी इसी दिन शुरुआत होती है. ज्योतिषाचार्य डॉ. मनोज गुप्ता के अनुसार इस बार 23 नवंबर रात 9:01 तक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी रहेगी. इस तिथि को किसान अपने गन्ने की कटाई कर भगवान विष्णु को अर्पित करते हैं. खास बात ये है कि इस दिन अबूझ सावा भी रहता है. ऐसे में लोग मांगलिक कार्य में व्यस्त रहेंगे और शादी समारोह से जुड़े हुए व्यापारी भी व्यस्त रहेंगे. इसी दिन राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान होना है, ऐसे में मतदान प्रभावित होने के आसार हैं.
सुयोग्य वर की तरह जननायक चुनना भी जरूरी : आचार्य योगेश पारीक ने बताया कि 23 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन से मांगलिक कार्य होना शुरू हो जाते हैं. मान्यता है कि 1000 यज्ञों के बराबर कन्यादान का महत्व होता है, इसलिए शादी समारोह के लिए इस दिन को विशेष माना जाता है. वहीं, मतदान लोकतंत्र की प्राणवायु है. एक आकलन है कि अकेले राजस्थान में देवउठनी एकादशी पर करीब 20 हजार शादियां होंगी, जिसमें बहुत से लोग व्यस्त रहेंगे. कहा जाता है कि शुभ-लग्न में किया गया विवाह सर्वश्रेष्ठ होता है. इस बार एकादशी रात 9:01 बजे पूर्ण होगी, ऐसे में लग्न का समय दोपहर से ही शुरू हो जाएगा और गोधूलि बेला में ज्यादा फेरे होंगे. हालांकि, उन्होंने अपील की है कि जिस तरह पिता अपनी पुत्री के लिए सुयोग्य वर चुनने की चेष्टा रखता है, ऐसे में ये ही वो दिन होगा जब अच्छे जननायक को चुनने का मौका होगा. इसके लिए वोट देना जरूरी होगा.
मतदान का परसेंटेज कम होना तय : ज्योतिषाचार्य डॉ. गिरिजा शंकर शास्त्री ने बताया कि चुनाव आयोग ने मतदान के लिए 23 नवंबर की तारीख घोषित की है. इसी दिन देव उठनी एकादशी का महापर्व है, ऐसे में शादी समारोह में बैंड-बाजे, हलवाई, कैटरिंग और टेंट वाले सभी व्यस्त रहेंगे. फेरों का लग्न है वो दिन में है, जिसकी वजह से लोगों के ज्यादा व्यस्त रहने की संभावना है. इन्हीं शादियों को अटेंड करने के लिए बहुत से लोगों को अपने शहर से भी बाहर जाना होता है. इससे मतदान का परसेंटेज कम होना तय है.