जयपुर. राजस्थान के रण को जीतने के लिए पीएम मोदी विशेष रणनीति अपना रहे हैं. विकास कार्यों की सौगात देने के साथ ही पीएम मोदी अब 'गारंटी' और 'कमल के फूल' का बार-बार जिक्र कर रहे हैं. पीएम मोदी के सभी दौरों के पीछे एक और खास रणनीति और खास वर्ग को साधने की कोशिश है. पीएम मोदी इस चुनाव के प्रचार में हिंदुत्व का मैसेज दे रहे हैं. यही वजह है कि पीएम मोदी ने एक साल में 10 बार राजस्थान का दौरा और सभा की है. इसमें से कुछ सभाओं को छोड़ दें तो बाकी सभा से पहले पीएम मोदी ने मंदिर दर्शन किए हैं. सोमवार को चित्तौड़गढ़ में सभा करने से पहले भी पीएम मोदी ने सांवलियाजी के दर्शन किए.
मोदी कर रहे सनातन को मजबूत : राजस्थान को फतेह करने के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मोर्चा संभाल रखा है. केन्द्रीय नेतृत्व की खास रणनीति के तहत ही पीएम मोदी बैक-टू-बैक राजस्थान के दौरों पर आ रहे हैं. पिछले एक साल में अब तक पीएम मोदी 10 बार राजस्थान आ चुके हैं. इन दौरों के पीछे पीएम मोदी का वादा है तो विकास कार्यों की सौगात भी है. अब 'मोदी गारंटी' का जिक्र किया जा रहा है. साथ ही सामूहिक नेतृत्व के लिए कमल के फूल को ही पहचान बताया जा रहा है.
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कोर वोटर को लगातार मैसेज देने की कोशिश : पीएम मोदी के वादों की बात करें तो पिछले साल पीएम मोदी 30 सितंबर को आबू रोड आए थे, लेकिन रात होने के कारण लोगों को संबोधित नहीं कर पाए. उस वक्त उन्होंने जनता से फिर से आने का वादा किया और वादा निभाया भी. इसके बाद पीएम मोदी ने दौसा, आबू रोड, बीकानेर और अब चितौड़गढ़ का दौरा कर विकास कार्यों की सौगात भी दी, लेकिन इन सभी बातों के साथ मोदी अपने कोर वोटर को भी लगातार मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं. पीएम मोदी के दौरों में खास तौर पर धार्मिक स्थलों के विजिट को शामिल किया जा रहा है.
अब तक का दौरा : पिछले साल 1 नवंबर को पीएम मोदी मानगढ़ धाम आए थे, जो आदिवासियों के तीर्थ स्थल के रूप में शुमार है. इसी साल पीएम मोदी ने 8 जनवरी को मालासेरी डूंगरी में गुर्जर समाज के आराध्य देव देवनारायण भगवान की जयंती समारोह में शिरकत की. इसके बाद 10 मई को नाथद्वारा, 31 मई को पुष्कर और अब सांवलिया सेठ का दौरा. ये पहला मौका था जब कोई पीएम इन धार्मिक स्थलों पर पहुंचा है. दरअसल, इसके पीछे अपने कोर वोटर को स्पष्ट संदेश देने की कोशिश है. बीजेपी और चुनाव की कमान संभाल रहे पीएम मोदी ने सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड खेला है.
धार्मिक स्थलों की मान्यता : दरअसल, आगामी चुनाव के बीच हिंदुत्व बीजेपी का कोर इश्यू रहा है. हिन्दुत्व के मुद्दे से बीजेपी ने कभी भी किनारा नहीं किया है. यहीं कारण है कि इन दौरों के जरिए हिंदुत्व का संदेश देने की भी कोशिश है. पीएम मोदी के धार्मिक दर्शनों पर कांग्रेस लगातार हिंदू कार्ड खेलने का आरोप लगाती रही है. कांग्रेस के इन्हीं आरोपों पर पूर्व मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में ये परम्परा रही है कि आप किसी भी शहर में जाते हैं तो वहां के प्रसिद्ध मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं.
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विदेशी मेहमानों को दिखाते हैं तीर्थ स्थल : चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा जिस विचारधारा के साथ काम करती है, उसमें मंदिरों में पूजा अर्चना किसी शुभ कार्य के लिए पहले जरूरी होता है. कांग्रेस को सिर्फ ताजमहल और लाल किला ही ध्यान में आता है. जब भी कोई विदेशी मेहमान आता है तो कांग्रेस उन्हें यही दिखाते हैं, लेकिन आज कोई भी विदेशी आता है तो पीएम सभी तीर्थ स्थलों और धरोहरों पर लेकर जाते हैं. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर बड़े नेताओं की विजिट से वहां का प्रचार प्रसार होता है और टूरिज्म भी बढ़ता है.