लातेहारः जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र में जिस युवक संदीप टोप्पो को जंगली भालू ने हमला कर घायल किया है, वो आईआरबी का जवान है. जंगली भालू के हमले के दौरान संदीप टोप्पो ने अदम्य हौसले का परिचय दिया और दो भालूओं से अकेला ही लगभग 15 मिनट तक लड़ता रहा. गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद संदीप टोप्पो ने जंगली भालूओं को भागने पर मजबूर कर दिया.
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लातेहार में भालू का हमला होने की घटना को लेकर बताया रहा है कि महुआडांड़ थाना क्षेत्र के केवरकी गांव निवासी संदीप टोप्पो रविवार को पास के जंगल में महुआ चुनने के लिए गया था. अचानक उस पर दो भालूओं ने हमला कर दिया, भालू के हमले से संदीप घबरा गया पर उसने हिम्मत नहीं हारी. संदीप पूरी हिम्मत और ताकत के साथ जंगली भालूओं से भिड़ गया. इस दौरान संदीप बुरी तरह से घायल भी हो गया लेकिन वह भालू से लड़ता रहा.
लगभग 15 मिनट तक भिड़ंत के बाद संदीप ने कुल्हाड़ी उठा ली और अपने बचाव में भालू पर कुल्हाड़ी से हमला करने लगा. इधर संदीप के शोर मचाने के बाद महुआ चुन रहे आसपास के लोग भी वहां पहुंच गए और जोर-जोर से आवाज करने लगे. इसके बाद दोनों भालू संदीप को छोड़कर जंगल की ओर भाग गए. आईआरबी जवान संदीप टोप्पो इस कदर जख्मी हो गया है कि आपबीती बताते हुए उसके चेहरे से खून रिसने लगा. लातेहार सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने बताया कि संदीप के चेहरे और आंख में गंभीर जख्म है. इसीलिए बेहतर इलाज के लिए संदीप को रिम्स रेफर किया गया है.
इस घटना की जानकारी संदीप के परिजनों को भी दी गई. जिसके बाद संदीप के पिता मिलयानुस टोप्पो उसे लेकर अस्पताल पहुंचे. जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए लातेहार सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. लेकिन लातेहार सदर अस्पताल से भी उसे रेफर करते हुए रांची भेज दिया गया. घायल संदीप टोप्पो के पिता ने बताया कि संदीप काफी हिम्मतवाला लड़का है. जिस प्रकार दो भालूओं ने उस पर हमला किया था, उस परिस्थिति में सामान्य व्यक्ति तो अपने प्राणों से हाथ धो बैठता. लेकिन संदीप ने अपने हौसले के बल पर अपनी जान बचाई और जंगली भालूओं को खदेड़ दिया.
2 साल से घर में रह ही रहा है संदीपः आईआरबी जवान संदीप टोप्पो के पिता ने बताया कि संदीप आईआरबी का जवान है. लेकिन उसकी पत्नी ने 2 साल पूर्व इसको छोड़कर दूसरे व्यक्ति से विवाह कर लिया था. इस घटना के बाद संदीप काफी दुखी रहने लगा था, 2 साल से वह नौकरी करने भी नहीं गया है. घर में ही रहकर खेती बारी और अन्य कार्य करता है. आईआरबी के जवान के रूप में भले ही वह इन दिनों काम नहीं कर रहा हो पर उसका हौसला अभी भी जवानों की तरह ही बुलंद रहता है. इसी कारण भालू के हमले के बाद भी वह सुरक्षित बच सका.