जोधपुर. भारत और फ्रांस के बीच जोधपुर में संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ 7 का आयोजन किया (Joint Military Exercise Garuda VII in Jodhpur) गया. मंगलवार को जोधपुर एअरफोर्स स्टेशन पर फ्रांस वायुसेना प्रमुख के साथ भारतीय वायुसेना प्रमुख एअर मार्शल वीआर चौधरी भी भाग लेने आए. इस दौरान एअर मार्शल चौधरी ने देश के लिए 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू जहाजों की तत्काल जरूरत बताई है.
चौधरी ने कहा कि 5 जनरेशन के एअरक्राफ्ट की पांच से छह स्वाइड्रन की वायुसेना को जरूरत है. फ्रांस के साथ युद्धाभ्यास के बाद क्या नई डील की संभावना के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने हमारी जरूरत से अवगत करवाया है. हमारा आरएफआई इश्यू हो गया है. जहाज कौनसा होगा इसके बारे में अभी नहीं बताया जा सकता. इसका प्रोसेस चल रहा है. गौरतलब है कि भारत के पास अभी सबसे अत्याधुनिक राफेल और सुखोई है जो 4 जनरेशन के हैं. अब देश को पांचवी पीढ़ी और उससे उन्नत लड़ाकू जहाज चाहिए, जो अभी अमेरिका ओर रूस के पास हैं.
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अभ्यास स्किल डेवलप करता है : फ्रांस और भारत के संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ के सातवें चरण के बारे (Air Chief Marshal VR Chaudhari in Jodhpur) में एअरमार्शल चौधरी ने कहा कि इस दौरान हमने हमारे सभी एअरक्राफ्ट काम में लिए हैं. पहली बार तेजस और हेलिकॉप्टर प्रचंड का भी उपयोग किया है. दोनों देशों के साथ होने वाले इस तरह के अभ्यास से नॉलेज और स्किल डेवलप होती है. आज हमारे पायलट फ्रांस के एअर रिफ्यूलर से भी एअर टू एअर रिफ्यूल कर सकते हैं. इसके अलावा नई चुनौतियों और परिस्थितियों में अभ्यास करना काफी फायदेमंद रहता है. फ्रांस के जनरल स्टीफन मेले ने कहा कि साझा अभ्यास काफी फायदेमंद होता है. दोनों तरफ से आदान प्रदान होता है.
पहली बार सुखोई की उड़ान रोमांचक : फ्रांस के एअर चीफ जनरल स्टीफन मेले ने कहा कि वह पहली बार भारत आए हैं. यहां के वातावरण में फ्लाइ करना काफी अच्छा लगा. साथ ही उन्होंने का कि सुखोई लड़ाकू जहाज में उड़ना रोमांच से कम नहीं था. उन्होंने बताया कि वह पहली बार इस जहाज में बैठे थे. गौरतलब है कि 2014 में इसी युद्धाभ्यास के पांचवे चरण में फ्रांस के वायुसेना प्रमुख ने जोधपुर में उड़ान भरी थी.