डूंगरपुर. राजस्थान के डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा (Dungarpr MLA Ganesh Ghoghra resigns) ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. गणेश घोघरा ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भिजवा दिया है. सीएम को भेजे गए इस्तीफे में विधायक घोघरा ने सत्तारूढ़ विधायक होने के बावजूद उनकी बात की अनदेखी करने व जनता की आवाज उठाने पर प्रशासन की ओर से दबाए जाने के आरोप लगाए हैं. इस्तीफा भेजने के बाद प्रेस वार्ता में विधायक घोघरा ने जिला प्रशासन को आड़े हाथों लिया है.
डूंगरपुर जिले की सुरपुर पंचायत में प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत मंगलवार को लगे फॉलोअप शिविर में विधायक व ग्रामीणों की ओर से डूंगरपुर एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियो व कार्मिको को बंधक बनाने के मामले में विधायक घोघरा सहित 60 लोगो के खिलाफ देर रात मुकदमा दर्ज किया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद विधायक गणेश घोघरा ने विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. विधायक गणेश घोघरा ने लिखित में इस्तीफा मुख्यमंत्री को भिजवा दिया है.
अपने इस्तीफे में विधायक ने जिला प्रशासन पर जनता की आवाज उठाने पर उन्हें दबाने व सत्तारूढ़ विधायक होने के बावजूद उनकी बात की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री को विधायक पद से इस्तीफा भेजने के बाद विधायक गणेश घोघरा ने सर्किट हाउसे में पत्रकार वार्ता भी की. इस दौरान उन्होंने कहा की आज सरकार में अधिकारी हावी हो रहे हैं. आधी रात को तहसीलदार को घर से उठाकर मुक़दमे दर्ज करवा रहे हैं. विधायक ने कहा लोगों को सालों से उनकी जमीन व घर का अधिकार नहीं मिला था.
उसी को देखते हुए सरकार ने प्रशासन गांवों के संग अभियान शुरू किया गया था. लेकिन डूंगरपुर का जिला प्रशासन आदिवासियों के हकों को मारने में लगा है. उन्होंने कहा की विधायक अगर जनता की आवाज उठाता है तो विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है. विधायक गणेश घोघरा ने प्रशासन को चेतावनी दी है की पुलिस प्रशासन जितने मुक़दमे दर्ज करने हैं कर ले. जितनी धाराएं लगानी है लगा ले, वे जनता की आवाज दबने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि मैं एमएलए रहूं या ना रहूं, जनता की आवाज हमेशा उठाते रहेंगे और न्याय के खिलाफ कभी नहीं दबेंगे. इस दौरान विधायक गणेश घोघरा ने सरकार से जिला कलेक्टर, एसपी, एडीएम और एसडीएम को हटाने की मांग की है.
सोशल मीडिया पर चर्चा तेजः सोशल मीडिया पर घोघरा के इस्तीफे की घटना को लेकर बहस भी तेज हो गई है. हाल ही में उदयपुर में संपन्न हुए चिंतन शिविर के दौरान युवाओं को ज्यादा से ज्यादा पार्टी के साथ जोड़ने की बात की गई थी. ऐसे में युवा टोली के प्रमुख और विधायक का इस्तीफा और वागड़ में उनके समर्थन में अन्य विधायक का ट्वीट सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर देगा.
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प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा का ट्वीटः राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष और डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने खुद पर दर्ज हुई एफआईआर से नाराज होकर ना सिर्फ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बल्कि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है.
घोघरा के इस्तीफे के साथ ही प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति मैं एक बार फिर उथल-पुथल मच गई है, क्योंकि गणेश घोघरा वही विधायक है, जिन्हें पायलट कैंप की बगावत के बाद तत्कालीन यूथ कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाकर की जगह यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था. अब गणेश घोघरा की आवाज के साथ प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा ने भी अपनी आवाज मिला दी है. रामलाल मीणा ने ट्वीट करते हुए कहा की गणेश घोघरा वागड़ की एक तेजतर्रार आवाज हैं. जिसकी आवाज को दबाना जनता की आवाज को दबाने जैसा है. विधायक हमेशा चाहता है कि जनता का काम समय पर हो ऐसे में गुस्सा आना लाजमी है. साफ है कि अब घोघरा के निर्णय के साथ दूसरे विधायक भी खड़े हो गए हैं. वह भी आदिवासी विधायक जिन्हें साधने का प्रयास कांग्रेस पार्टी गुजरात तक कर रही है.
कांग्रेस की युवा नीति पर खड़े हो रहे सवालः इस्तीफा देने वाले गणेश घोघरा 38 साल के हैं और उनके समर्थन में ट्विटर पर बोलने वाले विधायक रामलाल मीणा 26 साल के हैं. ऐसे में गुजरात में हार्दिक पटेल के इस्तीफे के बाद राजस्थान के इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस की युवा नीति पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि जब युवा ही नाराज तो कांग्रेस का चिंतन कैसे सफल होगा. कांग्रेस पार्टी के उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में अगर सबसे बड़ा कोई एजेंडा था, तो वह युवाओं को आगे लाने का ही था. कांग्रेस पार्टी ने संगठन में तो यह नियम बना दिया कि वह 50 फीसदी युवाओं को संगठन में मौका देगी, लेकिन शायद सरकार और विधायक बनाने में वह अपने फैसले को लागू करने में हिचकिचा ही रही है.
बहरहाल जो कम उम्र के कांग्रेस के विधायक हैं, उन्हें भी कांग्रेस पार्टी अपने साथ रखने में नाकाम साबित हो रही है, क्योंकि जिन गणेश घोघरा ने इस्तीफा दिया है. वह ना केवल 38 साल के हैं बल्कि राजस्थान कांग्रेस के युवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. वहीं गणेश घोघरा के समर्थन में अपनी बात खुल कर रखने वाले प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा केवल 26 साल के हैं, ऐसे में जब कांग्रेस अपने युवा विधायकों को साथ नहीं रख पा रही है तो फिर चिंतन शिविर में हुए युवाओं को आगे लाने का फैसला कांग्रेस का कैसे सफल होगा. यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
बीजेपी ने भी ली चुटकीः डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के इस्तीफे के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी सरकार पर चुटकी लेते हुए निशाना साधा है. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया और कांग्रेस को डूबने वाला जहाज बताया. उन्होंने इस दौरान इस्तीफा देने वाले एमएलए को बधाई देते हुए साहसी करार दिया. राठौड़ ने कहा कि यह क्रम अभी शुरु हुआ है और धीरे-धीरे और भी लोग इस जहाज से छूटकर किनारा तलाशने की कोशिश करेंगे.