ETV Bharat / bharat

Hindi Diwas 2023: हिंदी दिवस मनाने की ये है मुख्य वजह, मशहूर कवि से भी है संबंध - 14 सितंबर को हिंदी दिवस

आज भारत हिंदी दिवस मना रहा है. जानकारी के मुताबिक आज ही के दिन 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया था.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 14, 2023, 7:31 AM IST

Updated : Sep 14, 2023, 7:56 AM IST

नई दिल्ली: हमारा देश हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाता है. आजकल हिंदी का महत्व काफी बढ़ता जा रहा है. हिंदी दिवस 2023 मनाने का मूलभूत कारण सिर्फ इसके महत्व को समझना और इसको बढ़ाना है. क्या आप जानते हैं कि हर साल 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस 2023 क्यों मनाया जाता है. आइये आज आपको बताते हैं क्या है इसके पीछे का मकसद.

बता दें, पूरे भारत देश में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा हिंदी ही है. देश के कई राज्यों में इसका प्रयोग किया जाता है. आमजन की बोलचाल की भाषा हिंदी ही है. जानकारी के मुताबिक हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है. इस वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. हिंदी का व्यापक प्रचार-प्रसार हो इसी सिलसिले में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.

जानें आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
हिंदी दिवस को 14 सितंबर को मनाने की दो मुख्य वजह है. पहली आज ही के दिन 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को आधिकारिक भाषा के तौर पर मान्यता मिली थी. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने खुद ही इस तारीख को चुना था. वहीं, दूसरी वजह हिंदी के एक मशहूर कवि से संबंधित है.

इन तथ्यों पर भी डालें एक नजर
हिंदी दिवस 2023 को मनाने की पहल पहली बार सन 1953 में हुई थी. बता दें, राष्ट्रभाषा समिति के सुझाव पर इसकी शुरुआत की गई थी. इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रसार करना था. वहीं, इसी दिन हिंदी के महान कवि राजेंद्र सिंह की जयंती भी मनाई जाती है. इन्होंने हिंदी के प्रचार-प्रसार और आधिकारिक मान्यता दिलाने के लिए काफी जद्दोजहद किया था. राजेंद्र सिंह कवि होने के साथ-साथ विद्वान, इतिहासकार, संस्कृतविद भी थे.

हिंदी के नाम पड़ने के पीछे ये है वजह
अब आपके जहन में आएगा कि आखिर कैसे हिंदी भाषा का नाम हिंदी कैसे और क्यों पड़ा. इसके पीछे की वजह बेहद खास है. जानकारी के मुताबिक हिंदी नाम किसी दूसरी भाषा से लिया गया है. फारसी में हिंद शब्द का मतलब नदी से होता है और यह हिंद से लिया गया है. अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 11वीं शताब्दी के आसपास फारसी बोलने वालों ने सिंधु नदी के करीब बोले जाने वाली भाषा को हिंदी नाम दिया.

इन देशों में भी हिंदी भाषा को होता है प्रयोग
भारत देश के अलावा कई देशों में भी हिंदी बोली जाती है. बता दें, नेपाल, मॉरिशस, पाकिस्तान, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, बांग्लादेश, फिजी और सिंगापुर में हिंदी भाषा का जमकर प्रयोग होता है. सबसे मुख्य बात यह है कि पूरी दुनिया में तकरीबन 425 मिलियन लोग हिंदी भाषा को पहली भाषा के रूप में बोलते हैं और करीब 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के तौर पर हिंदी का प्रयोग करते हैं.

नई दिल्ली: हमारा देश हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाता है. आजकल हिंदी का महत्व काफी बढ़ता जा रहा है. हिंदी दिवस 2023 मनाने का मूलभूत कारण सिर्फ इसके महत्व को समझना और इसको बढ़ाना है. क्या आप जानते हैं कि हर साल 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस 2023 क्यों मनाया जाता है. आइये आज आपको बताते हैं क्या है इसके पीछे का मकसद.

बता दें, पूरे भारत देश में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा हिंदी ही है. देश के कई राज्यों में इसका प्रयोग किया जाता है. आमजन की बोलचाल की भाषा हिंदी ही है. जानकारी के मुताबिक हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है. इस वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. हिंदी का व्यापक प्रचार-प्रसार हो इसी सिलसिले में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.

जानें आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
हिंदी दिवस को 14 सितंबर को मनाने की दो मुख्य वजह है. पहली आज ही के दिन 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को आधिकारिक भाषा के तौर पर मान्यता मिली थी. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने खुद ही इस तारीख को चुना था. वहीं, दूसरी वजह हिंदी के एक मशहूर कवि से संबंधित है.

इन तथ्यों पर भी डालें एक नजर
हिंदी दिवस 2023 को मनाने की पहल पहली बार सन 1953 में हुई थी. बता दें, राष्ट्रभाषा समिति के सुझाव पर इसकी शुरुआत की गई थी. इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रसार करना था. वहीं, इसी दिन हिंदी के महान कवि राजेंद्र सिंह की जयंती भी मनाई जाती है. इन्होंने हिंदी के प्रचार-प्रसार और आधिकारिक मान्यता दिलाने के लिए काफी जद्दोजहद किया था. राजेंद्र सिंह कवि होने के साथ-साथ विद्वान, इतिहासकार, संस्कृतविद भी थे.

हिंदी के नाम पड़ने के पीछे ये है वजह
अब आपके जहन में आएगा कि आखिर कैसे हिंदी भाषा का नाम हिंदी कैसे और क्यों पड़ा. इसके पीछे की वजह बेहद खास है. जानकारी के मुताबिक हिंदी नाम किसी दूसरी भाषा से लिया गया है. फारसी में हिंद शब्द का मतलब नदी से होता है और यह हिंद से लिया गया है. अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 11वीं शताब्दी के आसपास फारसी बोलने वालों ने सिंधु नदी के करीब बोले जाने वाली भाषा को हिंदी नाम दिया.

इन देशों में भी हिंदी भाषा को होता है प्रयोग
भारत देश के अलावा कई देशों में भी हिंदी बोली जाती है. बता दें, नेपाल, मॉरिशस, पाकिस्तान, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, बांग्लादेश, फिजी और सिंगापुर में हिंदी भाषा का जमकर प्रयोग होता है. सबसे मुख्य बात यह है कि पूरी दुनिया में तकरीबन 425 मिलियन लोग हिंदी भाषा को पहली भाषा के रूप में बोलते हैं और करीब 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के तौर पर हिंदी का प्रयोग करते हैं.

Last Updated : Sep 14, 2023, 7:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.