जोधपुर. फ्रांस के रहने वाले एक जोड़े ने भारतीय विवाह पद्धति से प्रभावित होकर रविवार को जोधपुर में राजपूती परंपरा के अनुसार दोबारा शादी की. इसके लिए बाकायदा सभी रीति रिवाज अपनाए गए. जोड़े ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए. पंडित राजेश दवे ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राणीग्रहण संस्कार संपन्न करवाया. इस विवाह में कन्यादान टूरिस्ट गाइड भुजपाल सिंह और उनकी पत्नी ने किया. विवाह के बाद पूरे परिवार के साथ फोटो सेशन भी हुआ.
भुजपाल सिंह ने बताया कि फ्रांस के रहने वाले एरिक और गाब्रिएल लंबे समय से उनके संपर्क में हैं, वे तीन बार भारत आ चुके हैं. काशी और अन्य धार्मिक स्थलों का उन्होंने भ्रमण किया. इसके बाद उनमें हिंदू परंपराओं को लेकर जिज्ञासा बढ़ी. उन्होंने बताया कि मैंने अपने परिवार के विवाह समारोह में उनको आमंत्रित किया था. परिवार में विवाह समारोह दो दिन बाद होना है. एरिक ने जोधपुर आने के बाद पहले अपनी शादी करने की बात कही, इसलिए आज पूरे रीती रिवाज से विवाह संपन्न करवाया.
पढ़ें. श्रेष्ठ की हुई जेनिफर, जर्मनी की दुल्हन ने देसी दूल्हे संग हिंदू रीति रिवाज से रचाई शादी
तोरण मारा, वरमाला पहनाईः शहर के एक हैरिटेज किचन रेस्टोरेंट में विवाह आयोजित हुआ. रेस्टोरेंट संचालक उदयसिंह चौहान ने बताया कि दूल्हा बने फ्रांस के एरिक ने घोड़ी पर सवार होकर राजशाही अचकन पहना. सर पर साफा और उस पर मोड़ कलंगी तुरा लगा दुल्हन के द्वार आकर तोरण मारा. इसके बाद दूल्हे को टीका लगाया गया, बाद में वरमाला हुई. उसके बाद मंत्रोच्चार से विवाह कार्य शुरू हुआ. इस दौरान विभिन्न रस्में निभाई गई. भुजपाल ने सभी रस्म के बारे में फ्रेंच में कपल को बताया.
पूरे समय दुल्हन घूंघट में रहीः एरिक और गाब्रिएल दोनों का पहले विवाह हो चुका है. दोनों की उम्र करीब साठ साल है. उनके बड़े बच्चे भी है. भारतीय विवाह पद्धिती से प्रभावित होकर उन्होंने अब दोबारा शादी की है. शादी के दौरान सभी रस्में राजपूती थी. जहां दुल्हन का घूंघट रहता है. गाब्रिएल ने पूरे समय घुंघट रखा. फेरे के बाद फोटो के लिए घूंघट हटाया. गाब्रिएल ने लाल सुर्ख रंग की बरी पहन सोलह श्रृंगार कर हिन्दू रीति रिवाजों के साथ मण्डप में बैठ कर फेरे लिए.
पढ़ें. सात समंदर पार से सीहोर पहुंची दुल्हन, फ्रांस की लड़की का भारतीय पर आया दिल, बने जीवनसाथी
राजपूती पोशाक पहनी महिलाओं ने गाए मंगलगीतः भुजपाल सिंह के परिवार में दो दिन विवाह है. ऐसे में परिवार के सदस्य जुट चुके हैं. वे सभी इस अनोखे विवाह में साक्षी बने. दूल्हे एरिक के तोरण द्वार पर आते ही परिवार सदस्य महिलाओं ने मंगलगीत गाए. सभी महिलाएं राजपूती पोशाक में थी. उन्होंने फेरों के समय भी गीत गाए. जिसे देख दुल्हन के फ्रांस से आए परिवार ने बहुत एन्जॉय किया.
काफी अलग है रिवाजः एरिक ने बताया कि वह भारतीय परंपराओं से काफी प्रभावित है. कई बार भारतीय विवाह भी देखे हैं. ऐसे में भुज पाल सिंह के संपर्क में आने के बाद और जब उन्होंने अपने परिवार की शादी पर आमंत्रित किया तो हमें लगा कि क्यों नहीं हम अपनी शादी इस परंपरा से करें, जिससे हमारा प्यारा हमेशा बने रहे.