लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले वारंटी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी, गन्ना किसानों के बकाया मूल्य भुगतान बिजली बिल 2022 की वापसी समेत तमाम मांगों को लेकर किसानों का 75 घंटों का धरना शुरू हो गया. धरने में आई सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि मोदी सरकार एमएसपी पर कानून बनाने के मामले में वादाखिलाफी कर रही है. वहीं, लखीमपुर खीरी में किसानों पर थार (गाड़ी) चढ़ाने की हुई वीभत्स घटना के बाद भी आज भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी अपनी कुर्सी पर बने हुए हैं. उन पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. यह दर्शाता है कि किसानों को लेकर सरकार कितना संवेदनशील है.
किसान मोर्चा के बैनर तले लखीमपुर जिले के मंडी समिति में किसान नेता राकेश टिकैत, पंजाब से आए जोगिंदर सिंह उग्राहा, डॉक्टर दर्शनपाल, मेधा पाटेकर, योगेंद्र यादव आदि तमाम नेता पहुंच रहे हैं . मेधा पाटकर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अपने वादों से मुकर रही है.
लखीमपुर में दर्ज किसानों पर से मुकदमे वापस लेने और घायल किसानों को 10 लाख मुआवजा देने की मांग, किसानों को वन विभाग के नोटिस वापस लेने, बिजली बिल पर कार्रवाई, गन्ने का यूपी में किसानों का बकाया करोड़ों रुपया भी दिलवाने की मांग संयुक्त किसान यूनियन के लोग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान नेता और तमाम किसान जत्थे बंदियों के लोग लखीमपुर खीरी में मंडी समिति में हजारों की संख्या में पहुंच रहे हैं.
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