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राजस्थान में IPL मैच से पहले फिर विवाद: लीगल नोटिस पर राजस्थान रॉयल्स का जवाब, सख्त डिसीजन को न करें मजबूर - do not force strict decision

राजस्थान रॉयल्स को मिले लीगल नोटिस पर टीम के वाइस प्रेसिडेंट राजीव खन्ना ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि लगातार विवादों के बीच उन्हें सख्त डिसीजन लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है. लेकिन अगर वो कोई कठोर निर्णय लेंगे तो ये राज्य के खेल प्रेमिकों के लिए ठीक नहीं (Rajasthan Royals reply on legal notice) होगा.

Rajasthan Royals reply on legal notice
Rajasthan Royals reply on legal notice
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Published : May 10, 2023, 8:37 PM IST

राजस्थान रॉयल्स के वाइस प्रेसिडेंट राजीव खन्ना

जयपुर. तीन सीजन के बाद जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में हो रहे आईपीएल के हर मुकाबले से पहले कोई न कोई विवाद हो रहा है. जिस पर अब राजस्थान रॉयल्स के वाइस प्रेसिडेंट राजीव खन्ना ने कहा कि यदि इसी तरह से विवाद होते रहे तो बीसीसीआई या राजस्थान रॉयल्स कोई ऐसा डिसीजन भी ले सकता है, जो यहां के खेल प्रेमियों के लिए अच्छा नहीं होगा, क्योंकि पहले भी दो मैच गुवाहाटी जा चुके हैं.

राजस्थान यूथ बोर्ड के उपाध्यक्ष सुशील पारीक से मिले लीगल नोटिस को लेकर राजस्थान रॉयल्स के वाइस प्रेसिडेंट ने अपना पक्ष रखा. राजीव खन्ना ने कहा कि लीगल नोटिस मिला है. हालांकि, उसे अभी पढ़ा नहीं है, लेकिन जहां तक लगता है ये नोटिस वेस्ट एरिया और ऑफिस एरिया के लिए दिया गया है. ये नहीं पता कि किसने और क्या बदसलूकी की है. उन्हें जितनी भी परमिशन चाहिए थी, वो प्रशासन, सपोर्ट काउंसिल और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट से ले रखी है. लगता नहीं है कि यूथ बोर्ड या किसी अन्य से परमिशन लेने की जरूरत है.

इसे भी पढ़ें - IPL Points Table 2023 : मुंबई इंडियंस लंबी छलांग, तीसरे स्थान पर पहुंची टीम

उन्होंने आगे यूथ बोर्ड के उपाध्यक्ष के आरोपों को तथ्यहीन बताते हुए कहा कि यदि आखिरी मैच में ये विवाद लाया जा रहा है तो यह और कुछ नहीं सिर्फ टिकटों से जुड़ा मसला है. जबकि राजस्थान रॉयल्स मैनेजमेंट करीब 1200 से 1300 पास स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट को देता है. फिर भी यदि कुछ लोगों का इससे पेट नहीं भर रहा है तो वो राजस्थान रॉयल्स मैनेजमेंट की गलती नहीं है. उन्होंने कहा कि इस साल जो विवाद हुए हैं, वो यहां के खेल प्रेमियों के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि जितने ज्यादा विवाद होंगे, उससे प्लेयर्स और मैनेजमेंट को दिक्कत होगी. यहां हर बार कुछ न कुछ नई बात आती है, क्योंकि ये एक कमर्शियल वेंचर है, जो ओनरशिप है और वो ये डिसाइड कर सकती है कि उन्हें इतने विवादों के बीच खेलना ही नहीं है.

बीसीसीआई और राजस्थान रॉयल मैनेजमेंट की ओर से ये पूछा जाता है कि राजस्थान में ही इतने विवाद क्यों होते हैं. जबकि वो चाहते हैं कि राजस्थान की टीम यहां खेले, लेकिन आईपीएल मुकाबलों के दौरान हर बार किसी न किसी बात को लेकर विवाद की स्थिति बन जाती है, जो सही नहीं है. ऐसे में यदि इसी तरह से विवाद चलता रहा तो बीसीसीआई या राजस्थान रॉयल्स कोई ऐसा फैसला भी ले सकता है, जो यहां के खेल प्रेमियों के लिए अच्छा नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि पहले भी दो मैच गुवाहाटी जा चुके हैं. इस दौरान उन्होंने टिकट ब्लैक होने को लेकर कहा कि उन्हें भी ये शिकायत मिली थी. लेकिन ये ब्लैक कौन कर रहा है. फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है. इन सब के इतर उक्त मामले से पुलिस प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है. ऐसे में वो अपनी ओर से व्यवस्था कर रहे हैं. यहां जो टिकट काउंटर हैं और बुक माय शो को भी कहा गया है कि वो इस पर ध्यान रखें.

राजस्थान रॉयल्स के वाइस प्रेसिडेंट राजीव खन्ना

जयपुर. तीन सीजन के बाद जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में हो रहे आईपीएल के हर मुकाबले से पहले कोई न कोई विवाद हो रहा है. जिस पर अब राजस्थान रॉयल्स के वाइस प्रेसिडेंट राजीव खन्ना ने कहा कि यदि इसी तरह से विवाद होते रहे तो बीसीसीआई या राजस्थान रॉयल्स कोई ऐसा डिसीजन भी ले सकता है, जो यहां के खेल प्रेमियों के लिए अच्छा नहीं होगा, क्योंकि पहले भी दो मैच गुवाहाटी जा चुके हैं.

राजस्थान यूथ बोर्ड के उपाध्यक्ष सुशील पारीक से मिले लीगल नोटिस को लेकर राजस्थान रॉयल्स के वाइस प्रेसिडेंट ने अपना पक्ष रखा. राजीव खन्ना ने कहा कि लीगल नोटिस मिला है. हालांकि, उसे अभी पढ़ा नहीं है, लेकिन जहां तक लगता है ये नोटिस वेस्ट एरिया और ऑफिस एरिया के लिए दिया गया है. ये नहीं पता कि किसने और क्या बदसलूकी की है. उन्हें जितनी भी परमिशन चाहिए थी, वो प्रशासन, सपोर्ट काउंसिल और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट से ले रखी है. लगता नहीं है कि यूथ बोर्ड या किसी अन्य से परमिशन लेने की जरूरत है.

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उन्होंने आगे यूथ बोर्ड के उपाध्यक्ष के आरोपों को तथ्यहीन बताते हुए कहा कि यदि आखिरी मैच में ये विवाद लाया जा रहा है तो यह और कुछ नहीं सिर्फ टिकटों से जुड़ा मसला है. जबकि राजस्थान रॉयल्स मैनेजमेंट करीब 1200 से 1300 पास स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट को देता है. फिर भी यदि कुछ लोगों का इससे पेट नहीं भर रहा है तो वो राजस्थान रॉयल्स मैनेजमेंट की गलती नहीं है. उन्होंने कहा कि इस साल जो विवाद हुए हैं, वो यहां के खेल प्रेमियों के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि जितने ज्यादा विवाद होंगे, उससे प्लेयर्स और मैनेजमेंट को दिक्कत होगी. यहां हर बार कुछ न कुछ नई बात आती है, क्योंकि ये एक कमर्शियल वेंचर है, जो ओनरशिप है और वो ये डिसाइड कर सकती है कि उन्हें इतने विवादों के बीच खेलना ही नहीं है.

बीसीसीआई और राजस्थान रॉयल मैनेजमेंट की ओर से ये पूछा जाता है कि राजस्थान में ही इतने विवाद क्यों होते हैं. जबकि वो चाहते हैं कि राजस्थान की टीम यहां खेले, लेकिन आईपीएल मुकाबलों के दौरान हर बार किसी न किसी बात को लेकर विवाद की स्थिति बन जाती है, जो सही नहीं है. ऐसे में यदि इसी तरह से विवाद चलता रहा तो बीसीसीआई या राजस्थान रॉयल्स कोई ऐसा फैसला भी ले सकता है, जो यहां के खेल प्रेमियों के लिए अच्छा नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि पहले भी दो मैच गुवाहाटी जा चुके हैं. इस दौरान उन्होंने टिकट ब्लैक होने को लेकर कहा कि उन्हें भी ये शिकायत मिली थी. लेकिन ये ब्लैक कौन कर रहा है. फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है. इन सब के इतर उक्त मामले से पुलिस प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है. ऐसे में वो अपनी ओर से व्यवस्था कर रहे हैं. यहां जो टिकट काउंटर हैं और बुक माय शो को भी कहा गया है कि वो इस पर ध्यान रखें.

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