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NGT ने जिस रिपोर्ट के आधार पर HZL पर लगाया था 25 लाख का जुर्माना, उसमें क्या लिखा था?

एनजीटी ने जिस ग्राउंड रिपोर्ट पर वेदांता ग्रुप के हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड (Vedanata Group HZL) के लिए निर्देश जारी किए उसकी खूब चर्चा हो रही है. NGT के आदेश पर ड्राफ्टिंग कमेटी बनी जिसने फील्ड पर काम किया, तथ्यों को इकट्ठा किया और फिर NGT को भेज दिया. उस आधार पर ही 25 करोड़ की क्षतिपूर्ति (Compensation On HZL Row) के आदेश दिए गए. इस पूरे मामले में पानी रिसाव एक बड़ी समस्या बन कर उभरा है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

Vedanta Group's Hindustan Zinc Limited
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड
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Published : Feb 15, 2022, 3:16 PM IST

भीलवाड़ा. एनजीटी ने 5 फरवरी को राजस्थान के भीलवाड़ा में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को खनन के दौरान पर्यावरण नियमों का उल्लंघन का जिम्मेदार माना था. इस फैसले के लिए एनजीटी ने एक कमेटी की जांच रिपोर्ट को आधार बनाया था. रिपोर्ट में यह सामने आया था कि खनन में पर्यावरणीय नियम के उल्लंघन के कारण इलाके की जमीन बंजर हुई है, साथ ही हवा और पानी भी प्रदूषित हुआ है. एनजीटी ने इस नुकसान की भरपाई के लिए ही HZL को 25 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति के निर्देश दिए थे.

इस कमेटी में जिले के गुलाबपुरा उपखंड अधिकारी विकास मोहन भाटी भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि अब प्रशासन NGT के निर्देश के मुताबिक ही आगे की कार्रवाई करेगा. 25 करोड़ की क्षतिपूर्ति (Compensation On HZL Row) राशि भीलवाड़ा जिला कलेक्टर को जमा करवानी होगी.

Vedanta Group's Hindustan Zinc Limited
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड

एप्लीकेशन संख्या 226!: SDM ने बताया कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Vedanata Group HZL) के परिधि क्षेत्र में रहने वाले ओमपुरी ने ही एनजीटी में मामला दर्ज करवाया. मामले की गंभीरता से लेते हुए एनजीटी ने एक कमेटी बनाई, जिसके अध्यक्ष भीलवाड़ा जिला कलेक्टर थे.

जिला कलेक्टर ने एसडीएम भाटी को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था. इस कमेटी ने इलाके का दौरा कर नुकसान का आकलन किया. टीम ने उन इलाकों का निरीक्षण किया, जहां ब्लास्ट के कारण मकानों में दरारें पड़ रही हैं. टीम ने फसलों और जमीन के अलावा इस कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का भी अध्ययन किया. इसके बाद टीम ने एनजीटी को विस्तृत रिपोर्ट सबमिट की.

एनजीटी के आदेश के बाद रिपोर्ट के बारे में एसडीएम ने जानकारी दी.

जांच रिपोर्ट के बारे में विकास मोहन भाटी ने बताया कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के खनन के दौरान लगातार पर्यावरण नियमों की अवहेलना की गई. जिसके कारण क्षेत्र में जल, जमीन बंजर हो रही है यहां तक की किसानों की जमीन बंजर हो गई. इससे क्षेत्र में फसलों की पैदावार को नुकसान हुआ. साथ ही प्रदूषित हवा और पानी के कारण बीमारियां भी फैल रही हैं. इसी रिपोर्ट के आधार पर NGT ने HZL को 25 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि जमा करवाने का निर्देश जारी किया.

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रिसाव के कारण इलाकें की जमीन दलदल बन रही है.

इलाके के किसान पानी के रिसाव की समस्या से परेशान हैं. इस मामले में एसडीएम ने कहा कि जब एनजीटी आदेश देगी तो वह उसका भी निरीक्षण करेंगे. किसानों का आरोप है कि प्रशासन हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड का समर्थन करता है. इन आरोपों को एसडीएम ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि हम प्रतिदिन किसानों की समस्याओं की सुनवाई करते हैं और जरूरत के हिसाब से जांच के बाद समाधान भी करते हैं.

25 करोड़ की क्षतिपूर्ति (Compensation On HZL Row) राशि भीलवाड़ा जिला कलेक्टर को जमा करवानी होगी. हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के खनन से लगातार पर्यावरण नियमों की अवहेलना (Environmental Norms Violation By HZL) की गई. जिसके कारण क्षेत्र में जल, जमीन बंजर हो रही है यहां तक की किसानों की जमीन बंजर हो गई. इससे क्षेत्र की विभिन्न पैदावार को नुकसान हुआ और न के बराबर उत्पादन हो रहा है. प्रदूषित हवा और पानी के कारण बीमारियां भी फैल रही हैं.

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भीलवाड़ा. एनजीटी ने 5 फरवरी को राजस्थान के भीलवाड़ा में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को खनन के दौरान पर्यावरण नियमों का उल्लंघन का जिम्मेदार माना था. इस फैसले के लिए एनजीटी ने एक कमेटी की जांच रिपोर्ट को आधार बनाया था. रिपोर्ट में यह सामने आया था कि खनन में पर्यावरणीय नियम के उल्लंघन के कारण इलाके की जमीन बंजर हुई है, साथ ही हवा और पानी भी प्रदूषित हुआ है. एनजीटी ने इस नुकसान की भरपाई के लिए ही HZL को 25 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति के निर्देश दिए थे.

इस कमेटी में जिले के गुलाबपुरा उपखंड अधिकारी विकास मोहन भाटी भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि अब प्रशासन NGT के निर्देश के मुताबिक ही आगे की कार्रवाई करेगा. 25 करोड़ की क्षतिपूर्ति (Compensation On HZL Row) राशि भीलवाड़ा जिला कलेक्टर को जमा करवानी होगी.

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हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड

एप्लीकेशन संख्या 226!: SDM ने बताया कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Vedanata Group HZL) के परिधि क्षेत्र में रहने वाले ओमपुरी ने ही एनजीटी में मामला दर्ज करवाया. मामले की गंभीरता से लेते हुए एनजीटी ने एक कमेटी बनाई, जिसके अध्यक्ष भीलवाड़ा जिला कलेक्टर थे.

जिला कलेक्टर ने एसडीएम भाटी को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था. इस कमेटी ने इलाके का दौरा कर नुकसान का आकलन किया. टीम ने उन इलाकों का निरीक्षण किया, जहां ब्लास्ट के कारण मकानों में दरारें पड़ रही हैं. टीम ने फसलों और जमीन के अलावा इस कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का भी अध्ययन किया. इसके बाद टीम ने एनजीटी को विस्तृत रिपोर्ट सबमिट की.

एनजीटी के आदेश के बाद रिपोर्ट के बारे में एसडीएम ने जानकारी दी.

जांच रिपोर्ट के बारे में विकास मोहन भाटी ने बताया कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के खनन के दौरान लगातार पर्यावरण नियमों की अवहेलना की गई. जिसके कारण क्षेत्र में जल, जमीन बंजर हो रही है यहां तक की किसानों की जमीन बंजर हो गई. इससे क्षेत्र में फसलों की पैदावार को नुकसान हुआ. साथ ही प्रदूषित हवा और पानी के कारण बीमारियां भी फैल रही हैं. इसी रिपोर्ट के आधार पर NGT ने HZL को 25 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि जमा करवाने का निर्देश जारी किया.

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रिसाव के कारण इलाकें की जमीन दलदल बन रही है.

इलाके के किसान पानी के रिसाव की समस्या से परेशान हैं. इस मामले में एसडीएम ने कहा कि जब एनजीटी आदेश देगी तो वह उसका भी निरीक्षण करेंगे. किसानों का आरोप है कि प्रशासन हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड का समर्थन करता है. इन आरोपों को एसडीएम ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि हम प्रतिदिन किसानों की समस्याओं की सुनवाई करते हैं और जरूरत के हिसाब से जांच के बाद समाधान भी करते हैं.

25 करोड़ की क्षतिपूर्ति (Compensation On HZL Row) राशि भीलवाड़ा जिला कलेक्टर को जमा करवानी होगी. हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के खनन से लगातार पर्यावरण नियमों की अवहेलना (Environmental Norms Violation By HZL) की गई. जिसके कारण क्षेत्र में जल, जमीन बंजर हो रही है यहां तक की किसानों की जमीन बंजर हो गई. इससे क्षेत्र की विभिन्न पैदावार को नुकसान हुआ और न के बराबर उत्पादन हो रहा है. प्रदूषित हवा और पानी के कारण बीमारियां भी फैल रही हैं.

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