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सीएम गहलोत के विवादित बोल....तो इसलिए बढ़ रहे हैं रेप के बाद हत्या के मामले...भाजपा नेताओं ने घेरा - Women Crime in Rajasthan

राजस्थान सीएम अशोक गहलोत का रेप को लेकर (CM Gehlot Controversial Statement) विवादित बयान सामने आया. दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आरोपियों को फांसी देने का कानून अमल में आने के बाद से रेप के बाद महिलाओं की हत्या के मामले में इजाफा हुआ है. वहीं, अब इस मामले में विपक्ष ने भी हंगामा खड़ा करना शुरू कर दिया है.

CM Gehlot statement on rape and murder cases, Ashok Gehlot on rape and murder cases
सीएम गहलोत के विवादित बोल.
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Published : Aug 7, 2022, 9:40 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 9:46 PM IST

दिल्ली/जयपुर. महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने रेप की घटनाओं को लेकर (CM Gehlot statement on rape and murder cases) चौंकाने वाला बयान दिया है.

उन्होंने दिल्ली में शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था कि निर्भया कांड के बाद जिस तरह से आरोपियों को फांसी देने की मांग ने जोर पकड़ा और कानून अमल में आया. उसके बाद से रेप के बाद महिलाओं की हत्या के मामले में इजाफा हुआ है. सीएम गहलोत ने कहा कि देश में यह एक खतरनाक ट्रेंड बनकर उभरा है.

पढ़ें: प्रतापगढ़ : 8 साल की मासूम की रेप के बाद हत्या...चचेरा भाई ने ही वारदात को दिया अंजाम

सीएम ने कहा कि रेप करने वाला देखता है कि यह मेरे खिलाफ गवाह बन जाएगी तो वह रेप भी करता है और हत्या भी कर देता है. गहलोत ने कहा कि जो रिपोर्ट देशभर से आ रही हैं, वह बड़ी खतरनाक ट्रेंड है. देश में जो हालात हैं वो ठीक नहीं है. लोकतंत्र के लिए बड़ा संकट का समय है, ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा है.

सीएम गहलोत के विवादित बोल.

शेखावत ने साधा निशाना : रविवार को जोधपुर में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि (Shekhawat Targeted CM Gehlot) अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए वे इस तरह का बयान दे रहे हैं (Gehlot Rape remark). शेखावत ने कहा कि मीडिया में जो बयान सामने आया है वो दुर्भाग्य पूर्ण है. शेखावत बोले- देश की संसद ने जो कठोर कानून बनाया है वो छोटी बच्चियों या युवतियों के साथ हो रहे दुराचार को रोकने के लिए है.

पढ़ें : Gehlot Rape remark: शेखावत बोले- विफलता छुपा रही सरकार

कानून व्यवस्था बदहाल : केन्द्रीय मंत्री ने इस बयान को कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का नतीजा करार दिया. कहा- मुख्यमंत्री की सरकार की अकर्मण्यता, आपसी खींचातानी के चलते उनकी सरकार का कानून व्यवस्था को लेकर ध्यान हट चुका है (Controversy Over Gehlot Rape Remark). जिससे राजस्थान महिलाओं और अबोध बालिकाओं के प्रति होने वाले अपराध की राजधानी बन गया. अपनी विफलता छुपाने के लिए वे संसद के बनाए कानून को दोष दे रहे हैं. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी.

रेप बाद हत्या के भयावह आंकड़े: राजस्थान में जनवरी 2020 से 2022 तक 4091 पॉक्सो के मामले दर्ज हुए हैं. यानी की हर साल दो हजार बच्चियों के साथ ज्यादती के मामले. जबकि दो सालों में महिलाओं के साथ बलात्कार के 11हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए. जबकि 25 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए जिसमें बलात्कार के बाद पीड़िता की हत्या कर दी गई थी.

मुख्यमंत्री के बयान पर बरसे राजेंद्र राठौड़ : फांसी की सजा के प्रावधान से रेप के बाद हत्या की घटनाओं के बढ़ने को लेकर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक करार दिया है. राठौड़ ने कहा है कि सीएम गृह विभाग के मुख्य भी हैं. ऐसे में वे बेतुके बयानों से राज्य में बढ़ते रेप के मामलों में अपनी सरकार की नाकामी से बच नहीं सकते.

रविवार को राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले में ट्वीट कर मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि एनसीआरबी और पुलिस प्रतिवेदन के आंकड़े चीख-चीख कर कह रहे हैं कि राजस्थान दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले पायदान पर है. राजस्थान में हर साल 2000 के करीब बच्चियों से रेप के मामले सामने आते हैं. जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक 4091 केस पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं. राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में नाबालिग से रेप के आरोपियों को फांसी की सजा के प्रावधान का कानून बना था. दुर्भाग्य है कि मासूम बच्चियों से रेप की घटनाओं पर अंकुश लगाने में विफल मुखिया जी अब फांसी की सजा के प्रावधान की ही खिलाफत कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत.

हिम्मत है तो इस कानून के विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आयें तब हम उन्हें माकूल जवाब देंगे. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में प्रतिदिन दुष्कर्म की 16 घटनाएं हो रही है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी दुष्कर्म के 48 फीसदी मामलों को झूठा बता चुके हैं. सीएम का इस प्रकार की बयानबाजी करके बार-बार दुर्गांत बलात्कारियों के मनोबल को तोड़ने की बजाय बढ़ाने का कुकृत्य कर रहे हैं. यक्ष प्रश्न यह है कि जब गृहमंत्री ही रेप के मामलों को झूठा बताकर अपराधियों के लिए रेड कार्पेट बिछाएंगे तो फिर पुलिस की जांच का रूप क्या होगा ?

चौधरी ने कहा- बयान से बुढ़ापा झलक रहा: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा (Kailash Choudhary target ashok Gehlot) कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में बुढ़ापा आ गया है और अब झलकने भी लग गया है. अब बुद्धि और विवेक पर उन्हें सोचना चाहिए. राजस्थान सरकार ने रेप मामले में कभी गंभीरता से नहीं लिया है और राजस्थान में होने वाले रेप पर एक्शन लिया होता या फांसी की सजा होती तो जरूर इन केसों पर अंकुश लगाया जा सकता था. अशोक गहलोत क्या चाहते हैं क्या रेप मामलों में फांसी की सजा खत्म कर देनी चाहिए..? राजस्थान में वैसे भी क्राइम बढ़ रहा है. राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ी हुई है. राजस्थान में इन लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं इसलिए यह स्थिति बनी हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिस तरीके का स्टेटमेंट दिया है पूरे देश मे चिंता का विषय है इस तरह का स्टेटमेंट देकर जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं.

सीएम के ओएसडी बोले, सीएम की चिंता को बना रहे चिंता का विषयः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर कटाक्ष कर रहे भाजपा नेताओं को जवाब देने के लिए रविवार को मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक बार फिर मोर्चा संभाला. भाजपा नेताओं को ट्विटर पर इसका जवाब दिया. लोकेश शर्मा ने एक पोस्ट जारी कर लिखा कि देशभर में रेप के बाद पीड़िता की हत्या के बढ़े चलन को लेकर 'मुख्यमंत्रीजी' ने चिंता व्यक्त करते हुए जिस रूप में अपनी बात रखी उसे संदर्भ से हटकर अकारण ही विवाद का विषय बनाया जा रहा है. उन्होंने इसे एक खतरनाक ट्रेंड बताया जो कि सभी के लिए चिंता की बात है.

दिल्ली/जयपुर. महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने रेप की घटनाओं को लेकर (CM Gehlot statement on rape and murder cases) चौंकाने वाला बयान दिया है.

उन्होंने दिल्ली में शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था कि निर्भया कांड के बाद जिस तरह से आरोपियों को फांसी देने की मांग ने जोर पकड़ा और कानून अमल में आया. उसके बाद से रेप के बाद महिलाओं की हत्या के मामले में इजाफा हुआ है. सीएम गहलोत ने कहा कि देश में यह एक खतरनाक ट्रेंड बनकर उभरा है.

पढ़ें: प्रतापगढ़ : 8 साल की मासूम की रेप के बाद हत्या...चचेरा भाई ने ही वारदात को दिया अंजाम

सीएम ने कहा कि रेप करने वाला देखता है कि यह मेरे खिलाफ गवाह बन जाएगी तो वह रेप भी करता है और हत्या भी कर देता है. गहलोत ने कहा कि जो रिपोर्ट देशभर से आ रही हैं, वह बड़ी खतरनाक ट्रेंड है. देश में जो हालात हैं वो ठीक नहीं है. लोकतंत्र के लिए बड़ा संकट का समय है, ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा है.

सीएम गहलोत के विवादित बोल.

शेखावत ने साधा निशाना : रविवार को जोधपुर में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि (Shekhawat Targeted CM Gehlot) अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए वे इस तरह का बयान दे रहे हैं (Gehlot Rape remark). शेखावत ने कहा कि मीडिया में जो बयान सामने आया है वो दुर्भाग्य पूर्ण है. शेखावत बोले- देश की संसद ने जो कठोर कानून बनाया है वो छोटी बच्चियों या युवतियों के साथ हो रहे दुराचार को रोकने के लिए है.

पढ़ें : Gehlot Rape remark: शेखावत बोले- विफलता छुपा रही सरकार

कानून व्यवस्था बदहाल : केन्द्रीय मंत्री ने इस बयान को कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का नतीजा करार दिया. कहा- मुख्यमंत्री की सरकार की अकर्मण्यता, आपसी खींचातानी के चलते उनकी सरकार का कानून व्यवस्था को लेकर ध्यान हट चुका है (Controversy Over Gehlot Rape Remark). जिससे राजस्थान महिलाओं और अबोध बालिकाओं के प्रति होने वाले अपराध की राजधानी बन गया. अपनी विफलता छुपाने के लिए वे संसद के बनाए कानून को दोष दे रहे हैं. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी.

रेप बाद हत्या के भयावह आंकड़े: राजस्थान में जनवरी 2020 से 2022 तक 4091 पॉक्सो के मामले दर्ज हुए हैं. यानी की हर साल दो हजार बच्चियों के साथ ज्यादती के मामले. जबकि दो सालों में महिलाओं के साथ बलात्कार के 11हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए. जबकि 25 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए जिसमें बलात्कार के बाद पीड़िता की हत्या कर दी गई थी.

मुख्यमंत्री के बयान पर बरसे राजेंद्र राठौड़ : फांसी की सजा के प्रावधान से रेप के बाद हत्या की घटनाओं के बढ़ने को लेकर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक करार दिया है. राठौड़ ने कहा है कि सीएम गृह विभाग के मुख्य भी हैं. ऐसे में वे बेतुके बयानों से राज्य में बढ़ते रेप के मामलों में अपनी सरकार की नाकामी से बच नहीं सकते.

रविवार को राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले में ट्वीट कर मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि एनसीआरबी और पुलिस प्रतिवेदन के आंकड़े चीख-चीख कर कह रहे हैं कि राजस्थान दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले पायदान पर है. राजस्थान में हर साल 2000 के करीब बच्चियों से रेप के मामले सामने आते हैं. जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक 4091 केस पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं. राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में नाबालिग से रेप के आरोपियों को फांसी की सजा के प्रावधान का कानून बना था. दुर्भाग्य है कि मासूम बच्चियों से रेप की घटनाओं पर अंकुश लगाने में विफल मुखिया जी अब फांसी की सजा के प्रावधान की ही खिलाफत कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत.

हिम्मत है तो इस कानून के विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आयें तब हम उन्हें माकूल जवाब देंगे. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में प्रतिदिन दुष्कर्म की 16 घटनाएं हो रही है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी दुष्कर्म के 48 फीसदी मामलों को झूठा बता चुके हैं. सीएम का इस प्रकार की बयानबाजी करके बार-बार दुर्गांत बलात्कारियों के मनोबल को तोड़ने की बजाय बढ़ाने का कुकृत्य कर रहे हैं. यक्ष प्रश्न यह है कि जब गृहमंत्री ही रेप के मामलों को झूठा बताकर अपराधियों के लिए रेड कार्पेट बिछाएंगे तो फिर पुलिस की जांच का रूप क्या होगा ?

चौधरी ने कहा- बयान से बुढ़ापा झलक रहा: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा (Kailash Choudhary target ashok Gehlot) कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में बुढ़ापा आ गया है और अब झलकने भी लग गया है. अब बुद्धि और विवेक पर उन्हें सोचना चाहिए. राजस्थान सरकार ने रेप मामले में कभी गंभीरता से नहीं लिया है और राजस्थान में होने वाले रेप पर एक्शन लिया होता या फांसी की सजा होती तो जरूर इन केसों पर अंकुश लगाया जा सकता था. अशोक गहलोत क्या चाहते हैं क्या रेप मामलों में फांसी की सजा खत्म कर देनी चाहिए..? राजस्थान में वैसे भी क्राइम बढ़ रहा है. राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ी हुई है. राजस्थान में इन लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं इसलिए यह स्थिति बनी हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिस तरीके का स्टेटमेंट दिया है पूरे देश मे चिंता का विषय है इस तरह का स्टेटमेंट देकर जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं.

सीएम के ओएसडी बोले, सीएम की चिंता को बना रहे चिंता का विषयः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर कटाक्ष कर रहे भाजपा नेताओं को जवाब देने के लिए रविवार को मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक बार फिर मोर्चा संभाला. भाजपा नेताओं को ट्विटर पर इसका जवाब दिया. लोकेश शर्मा ने एक पोस्ट जारी कर लिखा कि देशभर में रेप के बाद पीड़िता की हत्या के बढ़े चलन को लेकर 'मुख्यमंत्रीजी' ने चिंता व्यक्त करते हुए जिस रूप में अपनी बात रखी उसे संदर्भ से हटकर अकारण ही विवाद का विषय बनाया जा रहा है. उन्होंने इसे एक खतरनाक ट्रेंड बताया जो कि सभी के लिए चिंता की बात है.

Last Updated : Aug 7, 2022, 9:46 PM IST
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