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कर्नाटक : वन्यजीव बोर्ड सदस्य पर अनाधिकृत फार्महाउस निर्माण का आरोप - अनाधिकृत फार्महाउस निर्माण का आरोप

कर्नाटक वन्यजीव राज्य बोर्ड के सदस्य दिनेश कुमार सिंघी पर आरोप है कि उन्होंने काबिनी बैकवाटर में अपना फॉर्म हाउस बनाने के लिए तीन एकड़ रीड पैच को नष्ट कर दिया. पढ़ें पूरी खबर..

बिना अनुमति शुरू किया फार्महाउस निर्माण
बिना अनुमति शुरू किया फार्महाउस निर्माण
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Published : Jul 12, 2020, 6:27 PM IST

बेंगलुरु : अपने बाघों, तेंदुओं और हाथियों के लिए प्रसिद्ध काबिनी एक बार फिर गलत कारणों से सुर्खियों में आ गया है. इस बार कर्नाटक वन्यजीव राज्य बोर्ड के सदस्य दिनेश कुमार सिंघी पर आरोप लगा है कि उन्होंने काबिनी बैकवाटर में तीन एकड़ रीड पैच को नष्ट कर दिया और वहां अनाधिकृत फार्म हाउस का निर्माण करा रहे हैं. यह रीड पैच उदबिलाव का प्रजनन मैदान था.

बी.एस. येदियुरप्पा सरकार द्वारा दिनेश कुमार सिंघी को वन्यजीव राज्य बोर्ड में शामिल किए जाने पर भी विवाद खड़ा हो गया था. खनन में उनकी रुचि ने कई सवाल खड़े किए थे, लेकिन सरकार ने सिंघी को उस बोर्ड में शामिल करने पर कोई रोड़ा नहीं लगाया, जो वनों और वन्यजीव मामलों पर निर्णय लेता है.

दिनेश कुमार सिंघी के पास पांच एकड़ की संपत्ति पर एक फार्म हाउस बनाने का अधिकार है. लेकिन स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग से मंजूरी के बिना वह निर्माण शुरू नहीं कर सकते.

पढ़ें- कोरोना इफेक्ट : मूर्तिकार संकट में, नहीं मिले रहे दुर्गा प्रतिमाओं के ऑर्डर

सिंघी की संपत्ति नागरहोल टाइगर रिजर्व के पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र में आती है, जहां उन्हें न्यायिक वन अधिकारी से इसकी अनुमति लेनी चाहिए थी.

सवाल यह है कि क्या वन विभाग ने बिल्डिंग प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है? इसके अलावा, इको सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) में घर या फार्म हाउस के निर्माण में 4000 वर्ग फुट का प्रतिबंध है. सवाय यह उठ रहा है कि किसकी अनुमति पर इस निर्माण कार्य को कराया जा रहा है.

बेंगलुरु : अपने बाघों, तेंदुओं और हाथियों के लिए प्रसिद्ध काबिनी एक बार फिर गलत कारणों से सुर्खियों में आ गया है. इस बार कर्नाटक वन्यजीव राज्य बोर्ड के सदस्य दिनेश कुमार सिंघी पर आरोप लगा है कि उन्होंने काबिनी बैकवाटर में तीन एकड़ रीड पैच को नष्ट कर दिया और वहां अनाधिकृत फार्म हाउस का निर्माण करा रहे हैं. यह रीड पैच उदबिलाव का प्रजनन मैदान था.

बी.एस. येदियुरप्पा सरकार द्वारा दिनेश कुमार सिंघी को वन्यजीव राज्य बोर्ड में शामिल किए जाने पर भी विवाद खड़ा हो गया था. खनन में उनकी रुचि ने कई सवाल खड़े किए थे, लेकिन सरकार ने सिंघी को उस बोर्ड में शामिल करने पर कोई रोड़ा नहीं लगाया, जो वनों और वन्यजीव मामलों पर निर्णय लेता है.

दिनेश कुमार सिंघी के पास पांच एकड़ की संपत्ति पर एक फार्म हाउस बनाने का अधिकार है. लेकिन स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग से मंजूरी के बिना वह निर्माण शुरू नहीं कर सकते.

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सिंघी की संपत्ति नागरहोल टाइगर रिजर्व के पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र में आती है, जहां उन्हें न्यायिक वन अधिकारी से इसकी अनुमति लेनी चाहिए थी.

सवाल यह है कि क्या वन विभाग ने बिल्डिंग प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है? इसके अलावा, इको सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) में घर या फार्म हाउस के निर्माण में 4000 वर्ग फुट का प्रतिबंध है. सवाय यह उठ रहा है कि किसकी अनुमति पर इस निर्माण कार्य को कराया जा रहा है.

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