जोधपुर/भरतपुर : भरतपुर भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय (Bharatpur Anti-Corruption Court) के विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह को राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) के रजिस्ट्रार जनरल ने एक आदेश जारी कर निलंबित कर दिया है. जितेंद्र सिंह पर सामूहिक कुकर्म और पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत भरतपुर के मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज होने के बाद उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए जितेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया. साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.
वहीं, मामले में सीएम अशोक गहलोत की सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. गृह विभाग ने पीड़ित को धमकाने वाले एसीबी के सीओ परमेश्वर लाल यादव को निलंबित कर दिया है.
जांच प्रभावित होने की आंशका से किया निलंबित
गृह विभाग की ओर से जारी किए गए सस्पेंशन ऑर्डर में कहा गया है कि एसीबी के सीओ परमेश्वर लाल यादव के खिलाफ पुलिस भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, भरतपुर में विभागीय जांच की कार्रवाई की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, यदि कार्रवाई के दौरान यादव सीओ के पद पर रहेंगे, तो जांच प्रभावित होने की आंशका है. इसके मद्देनजर प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने यादव को विभागीय जांच की कार्रवाई से लंबित रखते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने का आदेश जारी किया है. परमेश्वर लाल यादव निलंबन अवधि के दौरान मुख्यालय कार्यालय महानिरीक्षक पुलिस रेंज, भरतपुर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.
पढ़ें : राजस्थान: जज सहित 2 पर यौन दुराचार का आरोप, POCSO Act में मामला दर्ज
बता दें कि राजस्थान के भरतपुर जिले के मथुरा गेट थाने में रविवार को एक महिला ने एक विशेष जज जितेंद्र गुलिया और उनके दो कर्मचारी अंशुल सोनी और राहुल कटारा के खिलाफ अपने नाबालिग बेटे के साथ कुकर्म करने का मामला दर्ज कराया था. बच्चे की मां ने बताया कि जब उन्होंने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा तो 29 अक्टूबर को उनके घर अंशुल सोनी, राहुल कटारा और एसीबी के सीओ परमेश्वर लाल यादव कुछ पुलिसकर्मियों को अपने साथ लेकर आए थे. घर पर पहुंचे अधिकारियों ने महिला को धमकी दी कि वह बच्चे को जज साहब के पास भेज दे, वरना वह सभी को जेल में भर देंगे.
पीड़ित बच्चे की मां ने बताया कि उसका 14 साल का बच्चा शहर के कंपनी बाग स्थित डिस्ट्रिक्ट क्लब में टेनिस खेलने जाता था. क्लब में भरतपुर के कई अधिकारी और भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुलिया भी आते थे. उन्होंने पहले बच्चे से जान-पहचान बढ़ाई और फिर उसे अपने घर ले जाने लगे. एक दिन जितेंद्र गुलिया ने बच्चे को अपने घर ले जाकर उसकी कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाया. जब बच्चा बेहोश हो गया तो उन्होंने उसके साथ कुकर्म किया. इतना ही नहीं, जज ने बच्चे के साथ अश्लील वीडियो भी बनाया है. जब बच्चे को होश आया तो उन्होंने उसका अश्लील वीडियो दोस्तों को दिखाकर बदनाम करने की धमकी दी. साथ ही कहा कि उसके बड़े भाई को जेल भेज देंगे और मां के साथ भी गलत काम करने से पीछे नहीं हटेंगे. इस मामले में पीड़ित की मां को भी मुंह बंद रखने के लिए एसीबी सीओ परमेश्वर लाल यादव और जज के स्टेनो अंशुल सोनी ने धमकी दी थी.