चौगान मढ़िया से एक ही वेशभूषा में निकले हजारों ज्वारे, नर्मदा तट पर किया विसर्जन
🎬 Watch Now: Feature Video
मंडला। जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर गौड़ राजाओं की ऐतिहासिक नगरी रामनगर के निकट चौगान की मढ़िया है. शुक्रवार की सुबह 2 किमी दूर पैदल चलकर ज्वार सिर पर रखे हजारों भक्त नर्मदा तट पहुंचे. यहां श्रद्धा भक्ति के साथ ज्वार का विसर्जन किया गया. इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्त जुटे थे. विसर्जन के दौरान लंबी कतार देखी गई. एक ही वेशभूषा में आये लोगों का यह नजारा देखते ही बन रहा था. आदिवासी समाज के लिए आस्था का केंद्र चौगान की मढ़िया है. यहां पर बड़ी संख्या में लोग हर वर्ष पहुंचते हैं. हर वर्ष हजारों की संख्या में ज्वार बोए जाते हैं. इनका नौ दिनों तक पूजन किए जाने के बाद श्रद्धा भक्ति के साथ विसर्जन किया जाता है. खास बात यह है कि, आदिवासी समाज की इस मढ़िया में एक विशेष वेशभूषा रहती है. सफेद वस्त्र में श्रद्धालु यहां 9 दिनों तक पूजा में शामिल होते हैं. इसके बाद सफेद वस्त्र धारण कर वे ज्वार विसर्जन करते हैं.