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Covid Patients Heart Attack: वैज्ञानिकों ने पाया, कोविड-19 के साथ हार्ट पेसेंट में ज्यादा थक्का जमता है - Heart Attack Cases In India

देश-दुनिया में कोविड संक्रमण से पीड़ित रह चुके लोगों में कई प्रकार की समस्याएं देखने को मिल रही हैं. नये शोध के अनुसार कोविड पीड़ितों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा देखा जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

Covid Patients Heart Attack
कोविड संक्रमण
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Published : May 22, 2023, 9:03 AM IST

Updated : May 22, 2023, 9:41 AM IST

नई दिल्ली: शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोविड-19 से पीड़ित दिल की बीमारी के मरीज की धमनियों में काफी मात्रा में थक्के जम जाते हैं. द नॉर्थ अमेरिकन कोविड के विश्लेषण के अनुसार, 30 प्रतिशत के करीब मरीजों में कई धमनियों में थक्के देखे गए. दिल के दौरे वाले पांच प्रतिशत से कम रोगियों में एक घटना देखी गई, जिन्हें कोविड-19 नहीं है. इस पर वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं.

एसटी-एलिवेटेड मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन या एसटीईएमआई प्रकार का दिल का दौरा कोरोनरी धमनी में अचानक ब्लॉकेज के कारण होता है. एनएसीएमआई के पिछले शोध से पता चला है कि कोविड-19 और दिल का दौरा पड़ने वाले रोगियों में मृत्यु दर 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.

प्रेयरी वैस्कुलर रिसर्च इंक के सह-निदेशक और कनाडा के सस्केचेवान विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर पायम देहघानी ने कहा कि कोविड-19 थक्का बनाने वाली बीमारी है और अब हम कोरोनरी धमनियों में इसका प्रभाव देखते हैं. देहघानी ने कहा, ये नई खोज रक्त को पतला करने की रणनीति, शुरूआती हस्तक्षेप और फॉलोअप कार्रवाई की जरूरत की ओर इशारा करती है, ताकि इसके खतरे को कम किया जा सके.

अध्ययन के लिए, 17 जगहों (12 यूएस, 5 कनाडा) के 234 रोगियों के एंजियोग्राम का विश्लेषण किया गया. शोधकर्ताओं ने नोट किया कि कोविड-19 के प्रभाव और दिल के दौरे से संबंधित टीकाकरण के साथ-साथ दीर्घकालिक परिणामों को बेहतर ढंग से समझने के लिए आगे की जांच की जरूरत है. निष्कर्ष सोसायटी फॉर कार्डियोवास्कुलर एंजियोग्राफी एंड इंटरवेंशन (एससीएआई) 2023 वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत किए गए थे.
(आईएएनएस)

नई दिल्ली: शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोविड-19 से पीड़ित दिल की बीमारी के मरीज की धमनियों में काफी मात्रा में थक्के जम जाते हैं. द नॉर्थ अमेरिकन कोविड के विश्लेषण के अनुसार, 30 प्रतिशत के करीब मरीजों में कई धमनियों में थक्के देखे गए. दिल के दौरे वाले पांच प्रतिशत से कम रोगियों में एक घटना देखी गई, जिन्हें कोविड-19 नहीं है. इस पर वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं.

एसटी-एलिवेटेड मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन या एसटीईएमआई प्रकार का दिल का दौरा कोरोनरी धमनी में अचानक ब्लॉकेज के कारण होता है. एनएसीएमआई के पिछले शोध से पता चला है कि कोविड-19 और दिल का दौरा पड़ने वाले रोगियों में मृत्यु दर 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.

प्रेयरी वैस्कुलर रिसर्च इंक के सह-निदेशक और कनाडा के सस्केचेवान विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर पायम देहघानी ने कहा कि कोविड-19 थक्का बनाने वाली बीमारी है और अब हम कोरोनरी धमनियों में इसका प्रभाव देखते हैं. देहघानी ने कहा, ये नई खोज रक्त को पतला करने की रणनीति, शुरूआती हस्तक्षेप और फॉलोअप कार्रवाई की जरूरत की ओर इशारा करती है, ताकि इसके खतरे को कम किया जा सके.

अध्ययन के लिए, 17 जगहों (12 यूएस, 5 कनाडा) के 234 रोगियों के एंजियोग्राम का विश्लेषण किया गया. शोधकर्ताओं ने नोट किया कि कोविड-19 के प्रभाव और दिल के दौरे से संबंधित टीकाकरण के साथ-साथ दीर्घकालिक परिणामों को बेहतर ढंग से समझने के लिए आगे की जांच की जरूरत है. निष्कर्ष सोसायटी फॉर कार्डियोवास्कुलर एंजियोग्राफी एंड इंटरवेंशन (एससीएआई) 2023 वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत किए गए थे.
(आईएएनएस)

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Last Updated : May 22, 2023, 9:41 AM IST
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