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5G Effect : खतरनाक 5जी! इन देशों में 1 साल पहले हुआ था लॉन्च, ये हैं शोध परिणाम - 5G spectrum auction

सीनियर कंसल्टेंट डॉ कर्नल विजय दत्ता (Dr. Col Vijay Dutta, Senior Consultant) ने बताया सैद्धांतिक रूप से रेडियो चुंबकीय तरंगों के संपर्क में आने से शरीर के विभिन्न हिस्सों में कैंसर की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है. हालांकि 5G से जुड़े जोखिम (5g technology effect on human health) का कोई दस्तावेज नहीं है.

5g technology effect on human health
5G
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Published : Aug 8, 2022, 5:37 PM IST

नई दिल्ली: भारत स्वदेशी 5जी डिलीवर करने वाला (India deliver indigenous 5G) पहला देश बनने के लिए तैयार है, लेकिन विशेषज्ञों ने शुक्रवार को 5जी तकनीक को संभावित (5g technology effect on human health) स्वास्थ्य खतरों से जोड़ने वाली चिंताओं (5G technology health hazards) पर बहस छेड़ दी है. 5जी या पांचवीं पीढ़ी, नवीनतम वायरलेस मोबाइल फोन (Wireless mobile phone technology 5G) तकनीक है, जिसे पहली बार 2019 में व्यापक रूप से तैनात किया गया था. यह 4G की क्षमताओं में सुधार करेगा.

तेज कनेक्टिविटी गति के अलावा, यह अपने उच्च बैंडविड्थ और कम विलंबता के कारण गेमिंग, मनोरंजन में नए उपयोग के रास्ते भी खोलेगा. यह ई-स्वास्थ्य (टेलीमेडिसिन, रिमोट सर्विलांस, टेलीसर्जरी) को मजबूत करने सहित प्रदर्शन और नए अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला को बढ़ाने की भी उम्मीद है. 5जी एक प्रकार की ऊर्जा पैदा करके काम करता है, जिसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (Electromagnetic radiation) कहा जाता है. यह पिछले वायरलेस नेटवर्क की तुलना में उच्च आवृत्तियों का उपयोग करता है, जिससे इसकी तेज स्पीड और अधिक कुशल होता है. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्रिक्वेंसी, जैसे कि 5जी द्वारा उत्पादित, एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (5G electromagnetic field) (5G EMF) नामक एक क्षेत्र बनाएगा, जो कुछ लोगों के अनुसार मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. अध्ययन पूरे स्पेक्ट्रम में विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों के स्वास्थ्य प्रभाव दिखाते हैं. हालांकि, परिणाम असंगत हैं.

BHU Cancer Research : कैंसर पर महत्वपूर्ण अध्ययन, इस रोग को बढ़ाने में लाइसोफॉस्फेटिडिक एसिड की अहम भूमिका

5G टेस्टिंग का रिजल्ट : इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर (Indian Spinal Injury Centre) के इंटरनल मेडिसिन एंड पल्मोनोलॉजी (Internal Medicine and Pulmonology) के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. कर्नल विजय दत्ता (Dr. Col Vijay Dutta, Senior Consultant) ने IANS को बताया, "हालांकि 4जी, 5G से जुड़े जोखिम का (5g effect on human health) कोई दस्तावेज नहीं है, सैद्धांतिक रूप से रेडियो चुंबकीय तरंगों के संपर्क में आने से शरीर के विभिन्न हिस्सों में कैंसर की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है. लोग बात करते समय स्मार्टफोन को अपने दिमाग के करीब रखते हैं, इसलिए इसकी संभावना अधिक होती है. रेडियो चुंबकीय तरंगें (Radio magnetic waves) संभावित रूप से हृदय की लय को बिगाड़ सकती हैं और जो पेसमेकर पर हैं उन्हें अधिक जोखिम होता है. जो टावरों के जितना करीब रहता है, उसे जोखिम उतना ही अधिक होता है. तकनीक संचार के लिए वरदान है, लेकिन मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है."

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WHO का पक्ष : विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार, "आज तक और बहुत शोध के बाद, वायरलेस तकनीकों के संपर्क में स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव आकस्मिक रूप से नहीं जोड़ा गया है." WHO ने कहा कि ऊतक हीटिंग रेडियो आवृत्ति क्षेत्रों और मानव शरीर के बीच बातचीत का मुख्य तंत्र है. वर्तमान प्रौद्योगिकियों से रेडियो फ्रीक्वेंसी एक्सपोजर (radio frequency exposure) स्तर के परिणामस्वरूप मानव शरीर में तापमान में वृद्धि होती है. वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा, जैसे-जैसे आवृत्ति बढ़ती है, शरीर के ऊतकों में कम प्रवेश होता है और ऊर्जा का अवशोषण शरीर की सतह (त्वचा और आंख) तक सीमित हो जाता है. बशर्ते कि समग्र जोखिम अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों से नीचे रहे, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कोई परिणाम अनुमानित नहीं है.

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अन्य देशों में प्रभाव : काउंटरपॉइंट रिसर्च के (Charu Paliwal, Research Analyst, Counterpoint Research) रिसर्च एनालिस्ट चारु पालीवाल ने IANS को बताया, "भारत 5जी लॉन्च करने वाला पहला देश नहीं है. लगभग 50 देशों ने हमारे सामने तकनीक को लॉन्च किया है. इसके अलावा, इनमें से अधिकांश देशों जैसे अमेरिका, कोरिया, जापान, यूके ने 5जी सालभर (5G in US, Korea, Japan, UK launched) पहले लॉन्च किया था. यदि लोगों के लिए कुछ चिंताएं या कुछ वास्तविक स्वास्थ्य खतरे होते हैं, तो हम उन मामलों को अब तक सामने आते देख चुके होते. मुझे नहीं लगता कि इस स्तर पर हमें किसी भी स्वास्थ्य खतरों के बारे में चिंतित होने की जरूरत है. ऐसा कोई अध्ययन भी नहीं है जो इन दावों को सत्यापित कर सके."

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COAI का पक्ष : सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के अनुसार, भारत में डिजिटलीकरण की होड़ में, 5जी कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोबोट जैसे क्षेत्रों में विकास को गति देगा. उद्योग निकाय ने इस साल की शुरुआत में यह भी कहा था कि स्वास्थ्य पर 5जी के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में कोई भी चिंता पूरी तरह से गलत है. उपलब्ध साक्ष्य इस बात का समर्थन करते हैं कि अगली पीढ़ी की तकनीक सुरक्षित है. 1 अगस्त को समाप्त हुई मेगा 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी (5G spectrum auction) को सात दिनों में 40 राउंड में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की (5G auction) रिकॉर्ड बोलियां मिलीं.

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सबसे ज्यादा बोली : मुकेश अंबानी की अगुवाई (Mukesh Ambani led Jio 5G ) वाली जियो भारत की 5जी (Jio 5G) स्पेक्ट्रम नीलामी में शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी, जिसने 88,078 करोड़ रुपये के 24,740 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया. जियो के बाद (Sunil Mittal led Bharti Airtel 5G) सुनील मित्तल की भारती एयरटेल है, जिसके पास 43,084 करोड़ रुपये के विभिन्न बैंडों में 19,867 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम है. तीसरे स्थान पर वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea 5G) को 18,784 करोड़ रुपये के 2,668 मेगाहट्र्ज प्राप्त हुए, जबकि अदाणी समूह (Adani Group 5G) की एक इकाई ने 212 करोड़ रुपये के 26 गीगाहट्र्ज बैंड में 400 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया. -----आईएएनएस

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तेज कनेक्टिविटी गति के अलावा, यह अपने उच्च बैंडविड्थ और कम विलंबता के कारण गेमिंग, मनोरंजन में नए उपयोग के रास्ते भी खोलेगा. यह ई-स्वास्थ्य (टेलीमेडिसिन, रिमोट सर्विलांस, टेलीसर्जरी) को मजबूत करने सहित प्रदर्शन और नए अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला को बढ़ाने की भी उम्मीद है. 5जी एक प्रकार की ऊर्जा पैदा करके काम करता है, जिसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (Electromagnetic radiation) कहा जाता है. यह पिछले वायरलेस नेटवर्क की तुलना में उच्च आवृत्तियों का उपयोग करता है, जिससे इसकी तेज स्पीड और अधिक कुशल होता है. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्रिक्वेंसी, जैसे कि 5जी द्वारा उत्पादित, एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (5G electromagnetic field) (5G EMF) नामक एक क्षेत्र बनाएगा, जो कुछ लोगों के अनुसार मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. अध्ययन पूरे स्पेक्ट्रम में विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों के स्वास्थ्य प्रभाव दिखाते हैं. हालांकि, परिणाम असंगत हैं.

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WHO का पक्ष : विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार, "आज तक और बहुत शोध के बाद, वायरलेस तकनीकों के संपर्क में स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव आकस्मिक रूप से नहीं जोड़ा गया है." WHO ने कहा कि ऊतक हीटिंग रेडियो आवृत्ति क्षेत्रों और मानव शरीर के बीच बातचीत का मुख्य तंत्र है. वर्तमान प्रौद्योगिकियों से रेडियो फ्रीक्वेंसी एक्सपोजर (radio frequency exposure) स्तर के परिणामस्वरूप मानव शरीर में तापमान में वृद्धि होती है. वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा, जैसे-जैसे आवृत्ति बढ़ती है, शरीर के ऊतकों में कम प्रवेश होता है और ऊर्जा का अवशोषण शरीर की सतह (त्वचा और आंख) तक सीमित हो जाता है. बशर्ते कि समग्र जोखिम अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों से नीचे रहे, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कोई परिणाम अनुमानित नहीं है.

Women Beauty Survey : अच्छे अंडरगारमेंट्स बढ़ा सकते हैं महिलाओं में आत्मविश्वास

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Smart Rakhi : अब डिवाइस वाली स्मार्ट राखी बनेगी भाइयों की सुरक्षा का कवच

सबसे ज्यादा बोली : मुकेश अंबानी की अगुवाई (Mukesh Ambani led Jio 5G ) वाली जियो भारत की 5जी (Jio 5G) स्पेक्ट्रम नीलामी में शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी, जिसने 88,078 करोड़ रुपये के 24,740 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया. जियो के बाद (Sunil Mittal led Bharti Airtel 5G) सुनील मित्तल की भारती एयरटेल है, जिसके पास 43,084 करोड़ रुपये के विभिन्न बैंडों में 19,867 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम है. तीसरे स्थान पर वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea 5G) को 18,784 करोड़ रुपये के 2,668 मेगाहट्र्ज प्राप्त हुए, जबकि अदाणी समूह (Adani Group 5G) की एक इकाई ने 212 करोड़ रुपये के 26 गीगाहट्र्ज बैंड में 400 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया. -----आईएएनएस

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