विदिशा। कोरोना महामारी की रफ्तार भले ही प्रदेश में थमती नजर आ रही है, लेकिन लोगों की जिंदगी पर इसका असर अभी भी नजर आ रहा है. विदिशा शहर के बाईपास सड़क के किनारे झोपड़ियां बनाकर रहने वाले मूर्तिकारों की जिंदगी भी इस संकटकाल में बुरी तरह प्रभावित हुई है. इन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब होना मुश्किल हो रहा है.
कोरोना ने ठप किया व्यवसाए
राजस्थान के उदयपुर जिले के रहने वाले मूर्तिकार पिछले 2 वर्षों से विदिशा जिले की अलग-अलग तहसीलों में मूर्तियां बनाकर और उनको फिर बेचकर पेट पाल रहे हैं. कोरोना के कारण इनका व्यवसाए पूरी तरह बंद हो गया है. मूर्तिकारों का कहना है कि अब तो किसी दिन एक समय के खाने का इंतजाम हो जाता है तो किसी दिन भूखे ही सोना पड़ता है.
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गांव में घुसने नहीं देते लोग
लोगों में कोरोना का खौफ इस कदर है कि ये मूर्तिकार जिस भी गांव में मूर्तियां बेचने जा रहे हैं, वहां के लोग इन्हें गांव में घुसने नहीं देते और कई तो दुर्व्यवहार कर मूर्तियां तोड़ने की बात कहते हैं. एक मूर्तिकार का कहना है कि जब से कोरोना शुरू हुआ है, गांव के लोग कोरोना वायरस वाला कहकर भगा देते हैं.
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प्रशासन ने की मदद
मूर्तिकारों का कहना है कि वह किसी तरह से कुछ पुराने पैसों से घर का खर्च चला रहे हैं, लेकिन मूर्तियां नहीं बिकने के कारण अब पैसे खत्म हो रहे हैं. मूर्तिकारों की इस हालत पर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए उनके खाने और जरुरत की वस्तुओं की व्यवस्था कराई.