विदिशा : मुआवजे की आस में बैठे जिले के ढाई लाख से ज्यादा किसानों ने रबी की बोवनी पूरी कर ली है. लेकिन पिछले सोयाबीन और उड़द के नुकसान का मुआवजा अब तक नहीं मिला है. जिले में अतिवृष्टि और तीन लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में 600 करोड़ रुपए का नुकसान का आंकलन प्रशासन ने किया था जिसमें दो लाख किसानों की खरीद की फसलें बर्बाद हो गई थी.
केंद्रीय दल ने भी किया था निरीक्षण
30 सितंबर को केंद्रीय दल भी निरीक्षण करने आया था. लेकिन 2 माह बीतने के बाद भी मुआवजे को लेकर कोई बात नहीं की जा सकी. किसानों ने सरकार से आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद जताई थी. किसान चाह रहे थे कि अगली फसल तक उन्हें मुआवजा मिल जाएगा. जिससे आर्थिक परेशानी नहीं होगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ पिछली फसल की बोवनी झेल चुके कई किसानों को कर्ज लेकर अगली फसल की बोबनी करनी पड़ रही है.
विधायक शशांक भार्गव ने लिखा खत
27 नवंबर को स्थानीय विधायक शशांक भार्गव ने भी किसानों को शीघ्र मुआवजा देने के लिए कृषि विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है. और मुआवजा नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी, विधायक ने पत्र में लिखा था, कि वर्तमान में किसानों को तत्काल आर्थिक मदद की जरूरत है. इसलिए शासन मुआवजा देने में देर न करे. अगर समय पर मुआवजा नहीं दिया गया, तो हम आंदोलन के लिए विवश होंगे. लेकिन विधायक के पत्र के बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.