उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां पूरे उत्साह से प्रारम्भ हो चुकी हैं. मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि "फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष तिथि पंचमी" अर्थात दिनांक 10 फरवरी से "शिव-नवरात्रि" पूजन प्रारम्भ होगा. जिसमें पूजन के समय में तो बदलाव होगा ही साथ ही महाशिवरात्रि के पहले दिन 10 फरवरी को प्रातः काल में बाबा चंद्रमौलेश्वर जी के रूप में भक्तों को दर्शन देंगे. पूजन के पश्चात कोटेश्वर, रामेश्वर जी का पूजन किया. श्री महाकालेश्वर मंदिर गर्भगृह में शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु के आचार्यत्व में एकादशनी रुद्राभिषेक के साथ शिव नवरात्रि महापर्व प्रारम्भ होगा. पुजारी ने बताया की वर्षों बाद महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का संयोग बन रहा है. 9 दिन अलग-अलग रूप में बाबा भक्तों को दर्शन देंगे. 18 फरवरी महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन लाभ लेंगे और 19 को अल सुबह होने वाली भस्मारती दोपहर के वक्त होगी ऐसा साल में एक ही दिन होता है.
शिवरात्रि के लिए रहेगी विशेष व्यवस्थाः पुजारी आशीष गुरु ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि भगवान सांयकाल में 3 बजे संध्या पूजन के पश्चात वस्त्र धारण करेंगे. "शिव-नवरात्रि" के समय भगवान शिव के पूजन अर्चन, ध्यान- चिंतन-मनन, की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है. वहीं मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने कहा कि प्रातः काल से होने वाले प्रत्येक दिवस के विशिष्ट पूजन होने से सायं 4 बजे तक गर्भगृह प्रवेश दर्शनार्थियों का बंद रहेगा. सायं 4 बजे के पश्चात दर्शनार्थी की सामान्य संख्या होने पर ही आमजन हेतु गर्भगृह दर्शन प्रारंभ किये जा सकेंगे. यद्यपि सीमित संख्या में गर्भगृह दर्शन अभिलाशी गर्भगृह दर्शन रसीद के साथ 9 बजे तक दर्शन हेतु गर्भगृह में जा सकेंगे.
महाशिवरात्रि विशेष : जानिए महाकाल की भस्म आरती का रहस्य और महत्व
महाशिवरात्रि के लिए बदला गया आरती का समयः महाकाल की पूजन व आरती का समय और रोज होने वाले भगवान के दर्शन रूप के बारे में बताया गया कि महाशिवरात्रि के दौरान प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे होने वाली भोग आरती अब 2 बजे दोपहर में होगी. संध्या पूजन शाम 05 बजे के जगह अब 03बजे होगा.रात्रि में महनिशा काल में अलग-अलग प्रकार की पूजा भगवान महाकाल की होगी.
- पहला दिन : चंद्रमोलेश्वर शृंगार
- दूसरा दिन : शेषनाथ शृंगार
- तीसरा दिन : घटाटोप शृंगार
- चौथा दिन : छबीना शृंगार
- पांचवां दिन : होल्कर शृंगार
- छठा दिन : मनमहेश शृंगार
- सातवां दिन : उमा महेश शृंगार
- आठवां दिन : शिव तांडव शृंगार
- नवें दिन : भगवान दूल्हे रूप में दर्शन देंगे और इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे दोपहर में भस्मारती होगी.