उज्जैन। भगवान महाकाल की भस्म आरती में भांग से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया, जहां भोलेनाथ को मस्तक पर चांदी के मुकुट और आभूषण धारण कराए गए. इसके साथ ही भगवान को सूखे मेवे से भी तैयार किया गया. गुलाब के फूलों की माला व आभूषण और कुंडल भी शंकर भगवान को धारण कराए गए. इसके साथ ही बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.
![Bhasmarti of Baba Mahakal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ujj-01-mahakal-mp10029_16042023084816_1604f_1681615096_489.jpg)
बाबा महाकाल का भस्म आरती: महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 03:00 बजे भस्म आरती शुरू होती है और सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा चंदन का उप्टन लगाकर भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्म अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया यह देख भक्त भी शिवमय हो जाते हैं.
![Darshan of Nandi Maharaj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ujj-01-mahakal-mp10029_16042023084816_1604f_1681615096_483.jpg)
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रात से ही लगती है भस्म आरती के लिए लाइन: बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे से ही मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. 3 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं तो श्रद्धालुओं को बारी-बारी से मंदिर में परमिशन चेक कर अंदर जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पंडे, पुजारी मंत्रोचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत का अभिषेक करते हैं.
![Ujjain Mahakaleshwar Temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ujj-01-mahakal-mp10029_16042023084816_1604f_1681615096_983.jpg)