उज्जैन। उज्जैन भस्मारती महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 03:00 बजे शुरू होती है और भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है, इसके बाद पंडा, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया और फिर उनका पुजारियों द्वारा भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया. ऐसे ही सोमवार को भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो गए.
![Ujjain Mahakaleshwar Temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ujj-01-mahakal-mp10029_13032023060904_1303f_1678667944_325.jpg)
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राजा रूप में नजर आए बाबा महाकाल: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धलु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते है और 3 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते है और श्रद्धालु को बारी-बारी मंदिर में परमिशन चेक करके जाने दिया जाता है. दूसरी तरफ बाबा महाकाल बाबा का पंडा ,पुजारी मंत्र उपचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं और भगवान महाकाल को भांग से राजा के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं. फिर इसके बाद शुरू होती है भस्म आरती, जिसे देख भक्त अभिभूत हो जाते हैं. इसी क्रम में आज बाबा को मस्तक पर शेष नाग व चांदी का चंद्र, और गले मे गोल्ड व कुंदन से जड़ा ओम और आभूषण धारण कराए गए. बाबा के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान का भोग लगाए गए और उनका राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गए, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.
![baba mahakal makeup](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ujj-01-mahakal-mp10029_13032023060904_1303f_1678667944_226.jpg)