उज्जैन। आज से ठीक 5 महीने पहले जब बाबा महाकाल की सवारी नगर भ्रमण कर महाकाल मंदिर के लिए ढाबा रोड होते हुए गोपाल मंदिर की ओर आ रही थी. तभी टंकी चौक पर विशेष समुदाय के युवकों द्वारा सवारी पर थूकने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद एक शिकायतकर्ता और दो गवाह के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर तीन युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन 5 महीने बाद पुलिस कि इस कार्रवाई को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं. क्योंकि उस समय तीनों युवकों के मकान को नगर निगम ने तोड़ दिया था. लेकिन कोर्ट में शिकायतकर्ता और एक गवाह पलट गया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को जमानत दे दी.
बिना जांच के तोड़ दिया युवकों का घर
दरअसल न्यायालय द्वारा तीनों युवक को जमानत दे देने के बाद पुलिस एवं प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि शिकायत कर्ता और गवाहों के बयान से स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस ने बिना जांच के FIR दर्ज की और निर्दोषों को जैल पहुंचा दिया. साथ ही प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि बिन जांच के निर्दोषों का मकान कैसे तोड़ दिया गया. अगर मकान अवैध है तो फिर ऐसे तो शहर में कई मकान अवैध है उन पर कार्रवाई क्यों नहीं.
पुलिस एवं प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल
वर्ष 2023 के जुलाई माह में बाबा महाकालेश्वर की सवारी पर थूकने का गंभीर आरोप लगाते हुए 21 वर्षीय सावन (निवासी भैरवगढ़ क्षेत्र उज्जैन) ने एक वीडियो पुलिस को हिन्दू संघठन के माध्यम से दिखाया था. उसने अदनान और दो अन्य नाबालिगों पर थूकने का आरोप लगाया था. तीनों के विरूद्ध खारकुंआ पर धार्मिक भावनाएं आहत होने पर मामला दर्ज हुआ था.
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तीनों युवक निर्दोष हैं
पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 295 (क), 153-क, 296, 505, 34 में FIR दर्ज की और आरोपीयों को न्यायालय पेश किया. 68 दिन बाद बाल न्यायालय से दोनों नाबालिगों को जमानत मिल गई. वहीं, अब बालिग अदनान को 5 माह बाद जमानत मिली है. मामले में अब आरोपी बनाए गए तीनों युवकों के वकील का कहना है ''जमानत तीनों को झूठी शिकायत और झूठी गवाही के आधार पर मिली है. तीनों बच्चे निर्दोष हैं, हालांकि एक की और गवाही हो जाए तो पूरा प्रकरण स्पष्ठ हो जाएगा.''