उज्जैन। पढ़ा- लिखा व जन्म से दृष्टिबाधित यह युवक ओबीसी वर्ग से आता है और बैंकिंग व रेलवे की कई वर्षों से तैयारी कर रहा है लेकिन हर बार परीक्षा में प्री पास करने व मैंस में रह जाने से परेशान युवक अब भगवान को मनाने पैदल निकला है. आइए जानते हैं इस अनोखी यात्रा और यात्रा से जुड़े दृष्टिबाधित युवक के बारे में.
माता वैष्णोदेवी तक करेंगे पैदल यात्रा : 37 वर्षीय युवक का नाम नीलेश पिता नानूराम धनगर है और इनका निवास स्थान अजयबाग कॉलोनी मूसाखेड़ी इंदौर है. नीलेश यात्रा पर सोमवार सुबह 7 बजे निकले हैं. उनका कहना है सबसे पहले बाबा महाकालेश्वर के दर्शन करते हुए वह यात्रा को माता वैष्णोदेवी के चरणों मे पूरी करेंगे. नीलेश ने बताया कि पहले भी 13नवंबर को शाम 4 बजे करीब देवास में माता के दर्शन कर चुके हैं. जिसके लिए वे 12 नवंबर को इंदौर से पैदल निकले थे.
बाबा महाकाल के दर पहुंचे : अब फिर वे निकले हैं तो तीसरे दिन इंदौर से उज्जैन पहुंचे हैं. जहां वे बाबा महाकाल की होने वाली सुबह से रात तक की आरतियों में शामिल होना चाहते हैं. उसके बाद आगे का सफर तय करना चाहते हैं. यात्रा को लेकर नीलेश का एकमात्र उद्देश्य है कि वह भगवान का आशीर्वाद लें और आने वाले समय में बैंकिंग -रेलवे की जैसे उन्होंने तीन-तीन बार प्री पास की वैसे ही मैंस भी पास कर नौकरी पाएं. कई अटेम्प्ट देकर भी जब सक्सेस नहीं हुए तो उन्होंने यह कदम उठाना उचित समझा.
bharat jodo yatra मध्यप्रदेश में शानदार प्रवेश, राहुल की एक झलक पाने उमड़ा जनसैलाब
ये है पारिवारिक स्थिति : नीलेश के परिवार में मां, पिता, दो भाई हैं, पिता गार्ड की नौकरी करते हैं. बड़े भाई ऑटो चलाते हैं व एक पेंटिंग का कार्य करते हैं. यात्रा के लिए सुबह 7 बजे निकलते हैं व शाम को 4बजे तक चलते हैं. 4 बजे बाद कही भी मंदिर, गुरुद्वारा व धर्मशाला देखकर रुक जाते हैं. वहीं अपना मोबाइल चार्ज करते हैं और अगले दिन फिर सुबह 7 बजे निकल पड़ते हैं. नीलेश बताते हैं कि रास्ते में नाश्ता- पानी व भोजन की सुविधा कोई भी राहगीर करवा देता है.
माता-पिता ने समझाया पर नहीं माने : घर से निकला जब माता-पिता ने काफी मना किया लेकिन मेरा मन किया तो उन्होंने भी फिर एक वक्त के बाद नहीं रोका. उन्हीं के आशीर्वाद से बढ़ता जा रहा हूं. यात्रा पर निकले नीलेश की यूं तो प्रशासन से बस इतनी सी मांग है कि उन्हें किसी प्रकार से कोई परेशान करता है तो उनकी मदद करें, उन्हें रहने खाने की व्यवस्था इस यात्रा के दौरान करवा दें. सरकार तक उनकी बात पहुंचे कि वह एक गरीब परिवार से है. कुछ मदद उनके लिए हो सके तो जरूर सरकार करे.