भोपाल। हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति का पर्व इस साल 15 जनवरी 2023 को मनाया जा रहा है. कहा जाता है कि जो भी चारों धाम की तीर्थ यात्रा किसी न किसी वजह से नहीं कर पाते हैं. उनके लिए केवल एक ही स्थान पर स्नान कर चारों धाम की यात्रा करने से मिलने वाला पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.(makar sankranti 2023) यह मौका आपको मकर संक्रांति पर मिल सकता है, जिसमें आप प्रयागराज पहुंचकर पवित्र संगम में डुबकी लगाकर पुण्य ले सकते हैं.
मकर संक्रांति पर स्नान से धुलते हैं सभी पाप: भारत के अलग-अलग राज्यों में मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है. इस त्योहार को पूर्वी उत्तर में खिचड़ी, गुजरात में उत्तरायण और दक्षिण भारत में पोंगल कहा जाता है. संक्रांति तिथि को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. मकर संक्रांति में गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से 7 जन्मों के पाप धुल जाते हैं. इस धार्मिक आस्था को लेकर कथा भी प्रचलित है. इसी मान्यता को आधार बनाकर लोग मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी या गंगा महासागर में स्नान करके दान पुण्य करते हैं. इस दिन सभी गंगा घाटों पर भीड़ रहती है. अगर आप भी मकर संक्रांति के दिन स्नान करना चाहते हैं, तो इन खास जगहों पर गंगा स्नान का पुण्य दोगुना मिल सकता है. आइए जानते हैं गंगा स्नान के लिए सबसे पवित्र स्थान के बारे में,
- गंगा सागर: ये पश्चिम बंगाल में स्थित पवित्र जगह है. मकर संक्रांति के दिन यहां स्नान करने का विशेष महत्व है. इस जगह को गंगा सागर कहा जाता है, क्योंकि यहां गंगा नदी और सागर का मिलन होता है. मान्यता है कि गंगा सागर में डुबकी लगाने वाले व्यक्ति को 10 अश्वमेध यज्ञ और 1 हजार गायों को दान करने के समान फल मिलता है.
- प्रयागराज: यहां तीन नदियों का संगम होता है, जिसे त्रिवेणी कहा जाता है. ये संगम सबसे पवित्र जगहों में से है. प्रयागराज के संगम में मकर संक्रांति के दिन शाही स्नान का आयोजन होता है. तीन पवित्र नदियों, गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के मिलन होने के कारण इस स्थान को संगम कहा जाता है. प्रयागराज के संगम तट पर कुंभ मेले का भी आयोजन होता है.
- हरिद्वार: मकर संक्रांति के अवसर पर हरिद्वार में गंगा स्नान किया जाता है. वैसे तो हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए कई घाट हैं, लेकिन हर की पैड़ी सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध है. हर साल मकर संक्रांति पर हरिद्वार में मेले का आयोजन भी होता है. मान्यता है कि यहां गंगा में डुबकी लगाने से पाप धुल जाते हैं.
- काशी: भगवान शिव की सबसे प्रिय नगरी काशी है. बनारस के गंगा घाट काफी प्रसिद्ध और लोकप्रिय है. मकर संक्रांति के दिन गंगा घाट पर डुबकी लगाई जाती है. इस दिन काशी विश्वनाथ मंदिर में खिचड़ी महोत्सव का आयोजन होता है.
मकर संक्रांति पर स्नान का महत्व: धर्म शास्त्रों में अधिकांश पर्वों में पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. इनमें गंगा यमुना, सरस्वती, नर्मदा, कावेरी, गोदावरी आदि प्रमुख नदियां हैं. यही कारण है कि प्रमुख पर्वों पर इन पवित्र नदियों के तट पर मेला लगता है. यहां श्रद्धालु नदियों में स्नान करने के बाद पूजन और दान आदि के कर्म कर जीवन में सुख समृद्धि और आरोग्य आदि की कामना करते हैं. इस तरह संक्रांतियों के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान का विधान है, लेकिन सभी संक्रांतियों में मकर संक्रांति का महत्व सबसे अधिक माना गया है.
मकर संक्रांति पर स्नान से मिलता पुण्य: मकर संक्रांति के अवसर पर जो श्रद्धालु प्रयागराज में संगम पर स्नान करते हैं उन्हें इस पृथ्वी पर बार बार जन्म और मरण से मुक्ति मिल जाती है. वह मोक्ष को प्राप्त होते हैं. हर आस्थावान हिन्दू जीवन में एक बार मकर संक्रांति पर प्रयागराज के संगम में स्नान करना अपना कर्तव्य समझता है. प्रयागराज में मकर संक्रांति के पर्व पर संगम स्नान करने से चारों धामों की यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है. माना जाता है कि प्रयागराज में सरस्वती नदी इन दोनों नदियों में मिल कर विलुप्त हो गई. मकर संक्रांति पर प्रयागराज में स्नान और दान का बहुत ही महत्व है, यह बात तुलसी बाबा ने भी कही है.