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बेटों से एक इंच भी पीछे नहीं हैं बेटियां! पहली बार फिक्स मलखंब पर दिखा रहीं 'करतब'

मलखंब में पहला द्रोणाचार्य अवार्ड पाने वाले बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में राष्ट्रीय मलखंब प्रतियोगिता (National Malkhamb Championship) चल रही है, जहां पहली बार बेटियां बेटों पर भारी पड़ रही हैं और पहली बार ही बेटियां फिक्स मलखंब पर अपने हुनर दिखा रही हैं.

800 players participating National Malkhamb Championship 2020
राष्ट्रीय मलखंब चैंपियनशिप में प्रदर्शन करते खिलाड़ी
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Published : Sep 27, 2021, 6:00 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 6:53 PM IST

उज्जैन। मध्यप्रदेश के पारंपरिक खेल मलखंब में अब बेटियां भी अपना दम दिखा रही हैं, मलखंब अब प्रदेश का राजकीय खेल है, यही वजह है कि सरकार का ध्यान भी इस पर ज्यादा रहता है, बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के माधव सेवा न्यास में चल रहे राष्ट्रीय मलखंब (National Malkhamb Championship) में शामिल होने के लिए 20 राज्यों की 800 खिलाड़ी पहुंचे हैं, जिनमें लड़कों के बराबर लड़कियां भी शामिल हैं. पहले दिन की प्रतियोगिता में लड़कियों का हुनर देख लोग दांतों तले उंगली दबाते नजर आये क्योंकि लड़कियों की नाजुक कलाइयों की पकड़ ऐसी थी, जैसे बाज के जबड़े में पकड़ाया शिकार, पैर की उंगलियों के सहारे रस्सी को पकड़कर पूरे शरीर का वजन जब लड़कियां हवा में छोड़ती तो कितने लोगों की बेचैनी बढ़ जा रही थी क्योंकि जरा सी चूक उनकी जिंदगी पर भारी पड़ सकती थी. हालांकि इसी चूक का अचूक उपाय इतने कड़े प्रैक्टिस से बेटियों ने निकाला है.

राष्ट्रीय मलखंब चैंपियनशिप में प्रदर्शन करते खिलाड़ी

अच्छे संस्कार के लिए सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई करें दिग्विजय सिंह: विश्वास सारंग

प्रतियोगिता की जब रविवार शाम को शुरूआत हुई तब मलखंब संघ से जुड़े अशोक सोनी के अलावा इंदौर सांसद शंकर लालवानी, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी सहित मध्यप्रदेश मलखंभ के अध्यक्ष सोनू गहलोत भी मौजूद रहे. राष्ट्रीय मलखंब चैम्पियनशिप (National Malkhamb Championship) करीब एक वर्ष के अंतराल पर आयोजित किया गया है. बीते वर्ष 2019-20 में होने वाली प्रतियोगिता कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं हो पायी थी, प्रदेश में हालत ठीक होने की वजह से 2020-21 की प्रतियोगिता 25 से 30 सितंबर तक चलेगी, जिसमे 5 वर्ष से लेकर 18 वर्ष और उस से ऊपर के खिलाड़ हिस्सा ले रहे हैं. पहले तीन दिन 25 से 27 सितंबर तक तीन दिन में सब जूनियर प्रथम और द्वितीय बालक-बालिका की प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जिसके बाद 28 से 30 सितंबर तक सीनियर पुरुष, जूनियर बालक, सीनियर महिला, जूनियर बालिका अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रिय चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगे.

महिला खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व पुरुषों के बराबर

मध्यप्रदेश में मलखंब को राजकीय खेल का दर्जा मिल चुका है और इस खेल में कई शहरों की लड़कियां मेडल जीत रही हैं, लेकिन उज्जैन पहुंचने वाले 800 खिलाड़ी में 50 प्रतिशत महिला खिलाड़ी हैं, जिसमे सबसे छोटी 6 वर्षीय पंजाब की नाविका हैं. मलखंब में अब देश भर से लड़कियां हिस्सा ले रही हैं. कई प्रतियोगिता में महिला खिलाड़ियों के दल ने प्रदर्शन किया, यूपी, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों की टीमें हिस्सा ले रही हैं.

पहली बार लड़कियों को फिक्स मलखंब

प्रदेश मलखंभ के अध्यक्ष सोनू गहलोत ने बताया कि इस बार बड़ी संख्या में महिला खिलाड़ी अपने अपने प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, पहली बार लड़कियां राष्ट्रीय मलखंब चैम्पियनशिप में फिक्स मलखंब पर प्रदर्शन कर रही हैं, अब तक परंपरागत रोप पर करती थीं, जिसके चलते इस बार महिला खिलाड़ियों को ज्यादा मेडल जीतने की उम्मीद है, पहले दिन यूपी से आये 6 वर्षीय मोहम्मद वहाब ने प्रदर्शन कर सब को चौंकाया तो वहीं महिला खिलाड़ी आरवी ने भी रोप पर प्रदर्शन किया.

बड़ी संख्या में कोच और रेफरी भी पहुंचे

माधव सेवा न्यास में खिलाड़ियों के साथ-साथ उनके कोच और 50 से अधिक रेफरी भी अलग अलग प्रदेशों से पहुंचे हैं. पंजाब से पहुंची कोच सिमरन जीत कौर ने बताया कि उनके साथ अंडर 12 के बच्चों का दल आया है, जिसमे महिला खिलाड़ी हैं और सभी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. उज्जैन में माधव सेवा न्यास में सभी खिलाड़ी और कोच को रहने और खाने की बेहतर सुविधा मुहैया करवाई गयी है.

उज्जैन। मध्यप्रदेश के पारंपरिक खेल मलखंब में अब बेटियां भी अपना दम दिखा रही हैं, मलखंब अब प्रदेश का राजकीय खेल है, यही वजह है कि सरकार का ध्यान भी इस पर ज्यादा रहता है, बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के माधव सेवा न्यास में चल रहे राष्ट्रीय मलखंब (National Malkhamb Championship) में शामिल होने के लिए 20 राज्यों की 800 खिलाड़ी पहुंचे हैं, जिनमें लड़कों के बराबर लड़कियां भी शामिल हैं. पहले दिन की प्रतियोगिता में लड़कियों का हुनर देख लोग दांतों तले उंगली दबाते नजर आये क्योंकि लड़कियों की नाजुक कलाइयों की पकड़ ऐसी थी, जैसे बाज के जबड़े में पकड़ाया शिकार, पैर की उंगलियों के सहारे रस्सी को पकड़कर पूरे शरीर का वजन जब लड़कियां हवा में छोड़ती तो कितने लोगों की बेचैनी बढ़ जा रही थी क्योंकि जरा सी चूक उनकी जिंदगी पर भारी पड़ सकती थी. हालांकि इसी चूक का अचूक उपाय इतने कड़े प्रैक्टिस से बेटियों ने निकाला है.

राष्ट्रीय मलखंब चैंपियनशिप में प्रदर्शन करते खिलाड़ी

अच्छे संस्कार के लिए सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई करें दिग्विजय सिंह: विश्वास सारंग

प्रतियोगिता की जब रविवार शाम को शुरूआत हुई तब मलखंब संघ से जुड़े अशोक सोनी के अलावा इंदौर सांसद शंकर लालवानी, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी सहित मध्यप्रदेश मलखंभ के अध्यक्ष सोनू गहलोत भी मौजूद रहे. राष्ट्रीय मलखंब चैम्पियनशिप (National Malkhamb Championship) करीब एक वर्ष के अंतराल पर आयोजित किया गया है. बीते वर्ष 2019-20 में होने वाली प्रतियोगिता कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं हो पायी थी, प्रदेश में हालत ठीक होने की वजह से 2020-21 की प्रतियोगिता 25 से 30 सितंबर तक चलेगी, जिसमे 5 वर्ष से लेकर 18 वर्ष और उस से ऊपर के खिलाड़ हिस्सा ले रहे हैं. पहले तीन दिन 25 से 27 सितंबर तक तीन दिन में सब जूनियर प्रथम और द्वितीय बालक-बालिका की प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जिसके बाद 28 से 30 सितंबर तक सीनियर पुरुष, जूनियर बालक, सीनियर महिला, जूनियर बालिका अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रिय चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगे.

महिला खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व पुरुषों के बराबर

मध्यप्रदेश में मलखंब को राजकीय खेल का दर्जा मिल चुका है और इस खेल में कई शहरों की लड़कियां मेडल जीत रही हैं, लेकिन उज्जैन पहुंचने वाले 800 खिलाड़ी में 50 प्रतिशत महिला खिलाड़ी हैं, जिसमे सबसे छोटी 6 वर्षीय पंजाब की नाविका हैं. मलखंब में अब देश भर से लड़कियां हिस्सा ले रही हैं. कई प्रतियोगिता में महिला खिलाड़ियों के दल ने प्रदर्शन किया, यूपी, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों की टीमें हिस्सा ले रही हैं.

पहली बार लड़कियों को फिक्स मलखंब

प्रदेश मलखंभ के अध्यक्ष सोनू गहलोत ने बताया कि इस बार बड़ी संख्या में महिला खिलाड़ी अपने अपने प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, पहली बार लड़कियां राष्ट्रीय मलखंब चैम्पियनशिप में फिक्स मलखंब पर प्रदर्शन कर रही हैं, अब तक परंपरागत रोप पर करती थीं, जिसके चलते इस बार महिला खिलाड़ियों को ज्यादा मेडल जीतने की उम्मीद है, पहले दिन यूपी से आये 6 वर्षीय मोहम्मद वहाब ने प्रदर्शन कर सब को चौंकाया तो वहीं महिला खिलाड़ी आरवी ने भी रोप पर प्रदर्शन किया.

बड़ी संख्या में कोच और रेफरी भी पहुंचे

माधव सेवा न्यास में खिलाड़ियों के साथ-साथ उनके कोच और 50 से अधिक रेफरी भी अलग अलग प्रदेशों से पहुंचे हैं. पंजाब से पहुंची कोच सिमरन जीत कौर ने बताया कि उनके साथ अंडर 12 के बच्चों का दल आया है, जिसमे महिला खिलाड़ी हैं और सभी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. उज्जैन में माधव सेवा न्यास में सभी खिलाड़ी और कोच को रहने और खाने की बेहतर सुविधा मुहैया करवाई गयी है.

Last Updated : Sep 27, 2021, 6:53 PM IST
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