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छूआछूत का दंश झेल रहा केंद्रीय मंत्री का आदर्श गांव, पांच हजार की आबादी में है चार श्मशान घाट

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के आदर्श गांव गोरा में हर जाति के अलग-अलग श्मशान घाट है. इस गांव में सैकड़ों साल से छूआछूत चली आ रही है. सांसद का कहना है कि इस समस्या को तो गांव के लोगों के एक साथ मिलकर खत्म करना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक का आदर्श गांव गोरा
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Published : Apr 15, 2019, 8:59 PM IST

टीकमगढ़। बुंदेलखंड अंचल के टीकमगढ़ जिले में एक ऐसा गांव बसता है. जहां हर जाति के अपने अलग-अलग श्मशान है. इस गांव को केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के आदर्श गांव गोरा के नाम से जाना जाता है. सैकड़ों साल से गांव में फैली इस छूआछूत की बीमारी को सांसद महोदय भी दूर नहीं कर पाए.

गांव में रहने वाले आरक्षित वर्ग के लोगों का कहना है कि वे मृतकों का अंतिम संस्कार गांव के बाहर करते हैं, क्योंकि ऊंची जाति के लोग उन्हें गांव में बने श्मशान में जाने नहीं देते. इस पूरे मामले में सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक कहते हैं. यह समस्या तो गांव के लोगों को एक साथ मिलकर दूर करनी चाहिए. मैं तो जब भी गांव में जाता हूं सभी के साथ एक साथ बैठता हूं.

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के आदर्श गांव गोरा में हर जाति के अलग-अलग श्मशान घाट।

जब सांसद छूआछूत के इस दंश को मिटाने की पहल नहीं कर पा रहे हैं. तो ऐसा में भला किया भी क्या जा सकता है. आलम यह है कि पांच हजार की आबादी आदर्श ग्राम गोरा में चार जातियों के अलग-अलग श्मशान घाट है. छूआछूत के आलावा गांव के लोग सांसद महोदय के विकास कार्यों से भी खुश नजर नहीं आते है. ग्रामीणों का कहना है सांसद आर्दश ग्राम बनने के बाद उन्हें लगा था कि अब यहां विकास कार्य होगे लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ.

ग्रामीणों की बात पर गौर किया जाए तो गोरा गांव में सड़क, पानी, और गंदगी की समस्या नजर आती है. जबकि छूआछूत के दंश से तो यह गांव सैंकड़ों साल से पीड़ित है ही. जिससे तो यही कहा जा सकता है डिजिटल इंडिया के जमाने में अगर मंत्री जी के गोद लिए गांव के ये हाल तो अन्य गांवों के हालातों का अंदाजा आप लगा ही सकते हैं.

टीकमगढ़। बुंदेलखंड अंचल के टीकमगढ़ जिले में एक ऐसा गांव बसता है. जहां हर जाति के अपने अलग-अलग श्मशान है. इस गांव को केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के आदर्श गांव गोरा के नाम से जाना जाता है. सैकड़ों साल से गांव में फैली इस छूआछूत की बीमारी को सांसद महोदय भी दूर नहीं कर पाए.

गांव में रहने वाले आरक्षित वर्ग के लोगों का कहना है कि वे मृतकों का अंतिम संस्कार गांव के बाहर करते हैं, क्योंकि ऊंची जाति के लोग उन्हें गांव में बने श्मशान में जाने नहीं देते. इस पूरे मामले में सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक कहते हैं. यह समस्या तो गांव के लोगों को एक साथ मिलकर दूर करनी चाहिए. मैं तो जब भी गांव में जाता हूं सभी के साथ एक साथ बैठता हूं.

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के आदर्श गांव गोरा में हर जाति के अलग-अलग श्मशान घाट।

जब सांसद छूआछूत के इस दंश को मिटाने की पहल नहीं कर पा रहे हैं. तो ऐसा में भला किया भी क्या जा सकता है. आलम यह है कि पांच हजार की आबादी आदर्श ग्राम गोरा में चार जातियों के अलग-अलग श्मशान घाट है. छूआछूत के आलावा गांव के लोग सांसद महोदय के विकास कार्यों से भी खुश नजर नहीं आते है. ग्रामीणों का कहना है सांसद आर्दश ग्राम बनने के बाद उन्हें लगा था कि अब यहां विकास कार्य होगे लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ.

ग्रामीणों की बात पर गौर किया जाए तो गोरा गांव में सड़क, पानी, और गंदगी की समस्या नजर आती है. जबकि छूआछूत के दंश से तो यह गांव सैंकड़ों साल से पीड़ित है ही. जिससे तो यही कहा जा सकता है डिजिटल इंडिया के जमाने में अगर मंत्री जी के गोद लिए गांव के ये हाल तो अन्य गांवों के हालातों का अंदाजा आप लगा ही सकते हैं.

Intro:टीकमगढ़ सांसद और केंद्रीय मंत्री के गांव में छुआछूत का बोल बाला लोग परेसान


Body:एंकर इंट्रो / टीकमगढ़ जिले के सांसद और मोदी सरकार के मंत्री वीरेंद्र खटीक के गोद लिए गांव में अलग अलग समाज के श्मशान घाट दे रहे छुआछूत को बढ़ावा ओर लोग पानी के लिए करते है जंग

वाईट /1 राजाराम अहिरवार दलित ग्रामीण गोर गांव

वाईट /2 दुर्गा साहू गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति गोर गांव

बाईट /3 ब्रजेश रावत ग्रामीण गोर गांव

वाईट /4 डॉक्टर वीरेंद्र खटीक टीकमगढ़ सांसद और मंत्री

वाइस ओबर / टीकमगढ़ लोकसभा सीट के सांसद डॉक्टर वीरेंद्र खटीक के गोद लिए गांव गोर जो सांसद जी द्वारा एक आदर्श गांव के रूप में जाना जाता है जिसे केंद्रीय मंत्री खटीक ने इस गांव को गोद लिया था गांव के विकास को लेकर जब लोगो को पता चला था कि यह गांव सांसद जी ने गोद ले लिया है तो लोग काफी खुश थे कि अब इस गांव का विकाश होगा लेकिन यहां पर कोई विकाश नही हुआ जिससे यहां के लोग काफी नाराज है और तो ओर इस गांव में सेकड़ो सालो से फैली छुआछूत को भी सांसद जी दूर नही करवा पाए जिससे दलित बर्ग के लोग काफी परेसान है इस 5000 कि आवादी बाले इस गांव में चार समाज के अलग अलग समशान घाट है जो अलग अलग जगहों पर बने है और संसद जी के विकाश की पोल खोलने को काफी है इस गांव के दलितों का कहना रहा कि हम लोगो को बड़े जाती के लोग गांव से बाहर अंतिम संस्कार करने देते है पहिले जहाँ पर हम लोग करते थे वहां से हम लोगो को दूर भगा दिया और लोगो ने उस जमीन पर कब्जा कर लिया है और जब अहिरवार समाज के लोग अन्य समाज के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने को जाते है तो बड़े लोग मारपीट कर वहां से भगा देते है इसलिए दलित समाज के लोगो को गाँव से बाहर मरने पर अंतिम संस्कार करना पड़ता है तो वही पिछड़ा वर्ग के लोगो का भी अलग समशान घाट है और सामान्य बर्ग के लोगो का अलग समशान घाट है और चौथा श्मशान घाट कुशवाहा पाल समाज का है जो आज के आधुनिक ओर डिजिटल भारत मे ओर मोदी के मंत्री जे आदर्श गांव के जब यह हाल है तो अन्य गांवों का हाल किसी से छिपा नही है और इस बार फिर वीरेंद्र खटीक को टीकमगढ़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है जिसका लोग खुलकर विरोध करने में जुटे हुए है


Conclusion:टीकमगढ़ जिले के गोर गांव में छुआछूत के अलावा काफी समस्याएं है और लोग वेहद परेसान यहां 20 हेण्डपम्प है लेकिन गर्मी आते ही एक जलस्तर गिर जाने के कारण उन्होंने पानी देना बंद कर दिया है मात्र 3 हेण्डपम्प पानी दे रहे वह भी काफी कम लोगो को रात रात भर जागकर पानी के लिए कसरत करने पड़ती है फिर भी पानी नशीब नही होता है जिससे लोगो को जलसंकट की बिकराल समस्या पैदा हो गई है और यहां के तलाव बगैरा सभी सुख गए है और कुएं भी सूखने लगे है ऐसे में इस माह ओर मई माह में तो लोगो को बून्द बून्द पानी के तरसना पड़ेगा जब अभी यह हालत है और अभी भी महिलाओ को 3 किलोमीटर दूरी से पानी लाना पड़ता है तब कहि कंठ पानी से तर हो पाता है यह सांसद जी के आदर्श गांव के हालात वही जब सांसद जी से पूंछा गया कि आपने गांव गोद लिया था लेकिन इसमें में तो कोई विकास नही हुआ और लोग बून्द बून्द पानी को कसरत करते है तो मंत्री जी बोले बिकास एक सतत प्रकिर्या है और यहां पर वाटर लेवल काफी नीचे है इसलिए पानी की समस्या है तो वही जब उनसे पूछा गया कि मोदी जी के डिजिटल इंडिया में आपके गांव में आज भी छुआछूत का कहर इसे आपने अभी तक दूर क्यो नही किया तो मंत्री जी ने कहा कि यह बड़ी समस्या है इसमें गांव के प्रभावशील लोगो को पहल करना पड़ेगी तभी इस गांव से छुआछूत की यह रूढ़िवादिता दूर होगी और मंत्री जी ने भी स्वीकार की इस गांव में अलग अलग समाज के 4 श्मशान घाट है जहाँ पर लोग अलग अलग ही दाह संस्कार करते है !अब लोकसभा चुनाव में जनता किस चीज को लेकर वोट देगी जब जनता के भरोशे पर यह खरे नही उतरे इसलिए यह गावो में जब जनता के बीच जाते है तो यह अपने लिए नही मोदी जी को वोट मांगते है
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