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श्रावण के आखरी सोमवार भी बंद रहा कुंडेश्वर महादेव मंदिर, कोरोना गाइडलाइन का किया गया पालन

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Published : Aug 3, 2020, 7:11 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 8:44 PM IST

टीकमगढ़ का कुंडेश्वर महादेव मंदिर पूरे श्रावण भक्तों के लिए बंद रहा और यहां पूजा- पाठ आदि के लिए जारी की गई कोरोना गाइडलाइन का पालन किया गया.

Kundeshwar Mahadev Temple
कुंडेश्वर महादेव मंदिर

टीकमगढ़। बाबा भोलेनाथ के भक्तों का पावन महीना, जब वो अपने आराध्य की भक्ती में लीन होते हैं, इस बार कोरोना महामारी की भेट चढ़ गया. देश भर में कुछ बड़े मंदिर तो खुले, लेकिन कई इलाकों के हालात को देखते हुए कई मंदिर बंद रखे गए हैं. ऐसा ही हाल है टीकमगढ़ में स्थित बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध कुंडेश्वर महादेव मंदिर का, जो इस साल पूरे श्रावण मास बंद रहा और यहां कोरोना के देखते हुए सरकार की जारी की गई गाइडलाइन का पालन किया गया.

श्रावण के आखरी सोमवार भी बंद रहा कुंडेश्वर महादेव मंदिर

यहां हजारों की संख्या में पूरे बुन्देलखण्ड से भक्त दर्शन और पूजा पाठ के लिए आते हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे को मद्देनजर रखते हुए कलेक्टर ने मंदिर को भक्तों के लिए बंद रखने के आदेश दिए थे. इसी कारण श्रावण के आखिरी सोमवार भी कुंडेश्वर महादेव मंदिर बंद रहा. मन्दिर में पुलिस का पहरा रहा और लोगों को मन्दिर में जाने की इजाजत नहीं दी गई. हालांकि मंदिर के बाहर से ही 50 मीटर की दूरी से दर्शन की इजाजत दी गई.

Kundeshwar Mahadev Temple
कुंडेश्वर महादेव

कोरोना महामारी के चलते मन्दिर बंद होने पर आर्थिक व्यवस्था गड़बड़ा गई है. कुंडेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास में सबसे ज्यादा धार्मिक अनुष्ठान होते थे, लेकिन प्रतिबंध के दौरान मंदिर को एक माह में लाखों का नुकसान हो गया. मंदिर ट्रस्ट की माने तो इस पूरे श्रावण महीने में मंदिर को करीब 18 से 20 लाख का घाटा हुआ है.

Kundeshwar Mahadev Temple
कुंडेश्वर महादेव मंदिर

बताया जाता है की, यह अनोखे शिवलिंग वाला कुंडेश्वर महादेव मंदिर कभी भी बंद नहीं किया गया, इतिहाश में ऐसा पहली बार हुआ है कि, इस मंदिर को किसी कारण से बंद रखा गया हो और भक्तों के दर्शन से रोका गया हो, हलांकि भक्तों को उम्मीद है की, भोलेनाथ जल्द इस संकट से निजात दिलाएंगे और मंदिरों में फिर से रौनक दिखाई देगी.

टीकमगढ़। बाबा भोलेनाथ के भक्तों का पावन महीना, जब वो अपने आराध्य की भक्ती में लीन होते हैं, इस बार कोरोना महामारी की भेट चढ़ गया. देश भर में कुछ बड़े मंदिर तो खुले, लेकिन कई इलाकों के हालात को देखते हुए कई मंदिर बंद रखे गए हैं. ऐसा ही हाल है टीकमगढ़ में स्थित बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध कुंडेश्वर महादेव मंदिर का, जो इस साल पूरे श्रावण मास बंद रहा और यहां कोरोना के देखते हुए सरकार की जारी की गई गाइडलाइन का पालन किया गया.

श्रावण के आखरी सोमवार भी बंद रहा कुंडेश्वर महादेव मंदिर

यहां हजारों की संख्या में पूरे बुन्देलखण्ड से भक्त दर्शन और पूजा पाठ के लिए आते हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे को मद्देनजर रखते हुए कलेक्टर ने मंदिर को भक्तों के लिए बंद रखने के आदेश दिए थे. इसी कारण श्रावण के आखिरी सोमवार भी कुंडेश्वर महादेव मंदिर बंद रहा. मन्दिर में पुलिस का पहरा रहा और लोगों को मन्दिर में जाने की इजाजत नहीं दी गई. हालांकि मंदिर के बाहर से ही 50 मीटर की दूरी से दर्शन की इजाजत दी गई.

Kundeshwar Mahadev Temple
कुंडेश्वर महादेव

कोरोना महामारी के चलते मन्दिर बंद होने पर आर्थिक व्यवस्था गड़बड़ा गई है. कुंडेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास में सबसे ज्यादा धार्मिक अनुष्ठान होते थे, लेकिन प्रतिबंध के दौरान मंदिर को एक माह में लाखों का नुकसान हो गया. मंदिर ट्रस्ट की माने तो इस पूरे श्रावण महीने में मंदिर को करीब 18 से 20 लाख का घाटा हुआ है.

Kundeshwar Mahadev Temple
कुंडेश्वर महादेव मंदिर

बताया जाता है की, यह अनोखे शिवलिंग वाला कुंडेश्वर महादेव मंदिर कभी भी बंद नहीं किया गया, इतिहाश में ऐसा पहली बार हुआ है कि, इस मंदिर को किसी कारण से बंद रखा गया हो और भक्तों के दर्शन से रोका गया हो, हलांकि भक्तों को उम्मीद है की, भोलेनाथ जल्द इस संकट से निजात दिलाएंगे और मंदिरों में फिर से रौनक दिखाई देगी.

Last Updated : Aug 3, 2020, 8:44 PM IST
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