टीकमगढ़। कलेक्टर हरिष्का सिंह ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, इस दौरान लोगों के बीच जाकर उनकी समस्या को समझा और मौके पर ही निराकरण भी किया है. इस एक साल में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को लेकर बेहतर काम किया है. लोगों को इस गंभीर विषय पर जागरूक भी किया है. जहां पर लोग बेटी के जन्म पर मातम मनाते थे, अब लोग बेटियों के जन्म पर जश्न मनाने लगे हैं. यही नहीं ग्रामीण इलाकों की गरीब महिलाओं में आर्थिक सुधार लाने के लिए तमाम योजनाओं से सहयोग कर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाती हैं.
कलेक्टर हरिष्का सिंह ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान 23 मार्च से लगातार 15 जून 2020 तक लोगों को बचाने की हर संभव कोशिश की, अब तक कुल 22 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं, जिनकी ट्रवेल हिस्ट्री या तो इंदौर या फिर दिल्ली की है. उनके प्रयास से ही लॉकडाउन सफल रहा और लोगों ने उनके प्रयास से जागरूक होकर नियमों का पालन किया. लोगों से मिलकर उनकी समस्या सुनती हैं, जिसकी वजह से उन्हें दीदी कलेक्टर के नाम से जाना जाता है. जिनका तबादला बतौर मंडला कलेक्टर किया गया है.
महानगरों से लौटे तकरीबन 80 हजार मजदूरों का पंजीयन करवाकर गांव में ही रोजगार की व्यवस्था करवाई. मजदूरों में संक्रमण का खतरा कम रहे, इसके लिए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई, लॉकडाउन के समय 23 मार्च से 15 जून तक बाजार सहित अन्य स्थानों का भ्रमण भी करती रहीं. कलेक्टर के प्रयास से कोरोना मरीजों की जांच के लिए भोपाल से ट्रू-नॉट मशीन को जिला अस्पताल में स्थापित किया गया है, जिससे अब कम समय में ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की रिपोर्ट मिल सकेगी.
कलेक्टर हरिष्का सिंह रांची की रहने वाली हैं, जिन्होंने यूपीएससी में 7वी रैंक हासिल की थी. वह 2012 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, जिनका टीकमगढ़ से मंडला तबादला हुआ है.