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यहां कंपनियों के भंडार फिर भी युवा बेरोजगार, स्थानीय होने के कारण नहीं मिलता अवसर

प्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली जिले में ऊर्जा उत्पादन की दर्जनों कंपनियां हैं, बावजूद इसके यहां के युवा रोजगार के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

जिले में है कंपनियों के भंडार फिर भी युवा बेरोजगा
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Published : Oct 21, 2019, 12:34 AM IST

सिंगरौली। प्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली जिले में ऊर्जा उत्पादन की दर्जनों कंपनियां हैं, बावजूद इसके यहां के युवा रोजगार के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. युवाओं को आशा होती है कि पढ़-लिख लेने के बाद उन्हें अपने ही क्षेत्र में नौकरी मिल जाएगी लेकिन, प्रशासन की उदासीनता और कंपनी की मनमानी के चलते उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है.

जिले में है कंपनियों के भंडार फिर भी युवा बेरोजगार

कमलनाथ सरकार ने कंपनियों में 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन वादे तो वादे है इनका हकीकत से कोई सरोकार नहीं. बेरोजगार युवाओं का कहना है कि स्थानीय होने के कारण उनका बायोडाटा देखकर उन्हें काम देने से इंकार कर दिया जाता है.

अपने-अपने बायोडाटा लेकर युवा एक कंपनी से दूसरी कंपनी का चक्कर लगाए रहते हैं लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है. बेरोजगार युवाओं ने कई बार इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से भी की है, बावजूद इसके प्रशासन इन बेरोजगारों के हाथ को काम नहीं दिला सका.

सिंगरौली। प्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली जिले में ऊर्जा उत्पादन की दर्जनों कंपनियां हैं, बावजूद इसके यहां के युवा रोजगार के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. युवाओं को आशा होती है कि पढ़-लिख लेने के बाद उन्हें अपने ही क्षेत्र में नौकरी मिल जाएगी लेकिन, प्रशासन की उदासीनता और कंपनी की मनमानी के चलते उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है.

जिले में है कंपनियों के भंडार फिर भी युवा बेरोजगार

कमलनाथ सरकार ने कंपनियों में 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन वादे तो वादे है इनका हकीकत से कोई सरोकार नहीं. बेरोजगार युवाओं का कहना है कि स्थानीय होने के कारण उनका बायोडाटा देखकर उन्हें काम देने से इंकार कर दिया जाता है.

अपने-अपने बायोडाटा लेकर युवा एक कंपनी से दूसरी कंपनी का चक्कर लगाए रहते हैं लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है. बेरोजगार युवाओं ने कई बार इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से भी की है, बावजूद इसके प्रशासन इन बेरोजगारों के हाथ को काम नहीं दिला सका.

Intro:सिंगरौली बैढ़न उर्जा धनी कहे जाने वाला सिंगरौली के लोग बेरोजगारी की समस्या को लेकर युवा परेशान इस जिले में दर्जनों कंपनी होने के बावजूद भी यहां के स्थानीय लोग पढ़ कर के दर-दर भटकने को मजबूर हैं यहां के होने के नाते लोगों को कंपनियों में नहीं दिया जाता है काम

Body:दरअसल सिंगरौली जिले को ऊर्जा धानी के नाम में पूरे देश में जाना जाता है वहीं उर्जा धानी मैं एक दर्जन से अधिक कंपनियां काम कर रही है जिसमें सिंगरौली जिले के स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया जाता है इसको लेकर सिंगरौली जिले के स्थानी बेरोजगार कंपनियों में कई बार गए उनके बायोडाटा देखने के बाद उन्हें रोजगार नहीं दिया जाता है स्थानीय बेरोजगार युवाओं के द्वारा जिला कलेक्टर को कई बार शिकायत करने के बाद भी आज तक उन कंपनियों में रोजगार नहीं दिया दिलाया गया वहीं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कहां जाता है की स्थानीय लोगों को 70% रोजगार दिया जाएगा


स्थानी युवा बेरोजगारों का कहना है कि सिंगरौली जिले मैं कार्य कर रही कंपनियों में हम लोग कई बार गए लेकिन सिंगरौली के होने के नाते हम लोगों को काम देने से कंपनियां इंकार कर देती हैं पर सरकार कहती है कि स्थानीय लोगों को 70% रोजगार दिया जाएगा लेकिन इस पर किसी भी प्रकार का अम्ल नहीं किया जाता है
बाइट ओमप्रकाशConclusion:
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