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अधिवक्ता संघ ने की प्रेसवार्ता, डेढ़ साल पहले हुई पुलिसिया कार्रवाई को लेकर न्याय की मांग

सीधी जिले में अधिवक्ता संघ ने प्रेसवार्ता का आयोजन किया. संघ ने आरोप लगाया कि डेढ़ साल पहले भारत बंद के दौरान पुलिस ने न्यायालय परिसर में घुसकर वकीलों और पक्षकारों के साथ मारपीट की थी. वकीलों ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है.

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Published : Dec 17, 2019, 9:26 AM IST

Updated : Dec 17, 2019, 10:36 AM IST

sidhi Advocates Association organized press conference
सीधी अधिवक्ता संघ ने किया प्रेसवार्ता का आयोजन

सीधी। अधिवक्ता संघ ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर मारपीट के आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की. अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पिछले साल भारत बंद के दौरान 10 अप्रैल 2018 को पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच झड़प हुई थी. जिसमें पुलिस ने कोर्ट परिसर के अंदर घुसकर वकीलों और पक्षकारों के साथ मारपीट की थी, जिसमें कई लोग घायल भी हुए थे, लेकिन इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. इस घटना को लेकर अधिवक्ता संघ ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है.

सीधी अधिवक्ता संघ ने किया प्रेसवार्ता का आयोजन

अधिवक्ता संघ का कहना है कि उन्होंने घटना की शिकायत डीजीपी, आईजी, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर न्यायाधीश तक की थी, लेकिन इस जांच में पुलिस अपने पक्ष को लेकर बचाव कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले के डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इसकी जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है और ना ही इस पर कोई कार्रवाई की गई है. इसलिए वे दोबारा कलेक्टर, डीआईजी और न्यायाधीश को शिकायत कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द मामले में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो.

सीधी। अधिवक्ता संघ ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर मारपीट के आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की. अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पिछले साल भारत बंद के दौरान 10 अप्रैल 2018 को पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच झड़प हुई थी. जिसमें पुलिस ने कोर्ट परिसर के अंदर घुसकर वकीलों और पक्षकारों के साथ मारपीट की थी, जिसमें कई लोग घायल भी हुए थे, लेकिन इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. इस घटना को लेकर अधिवक्ता संघ ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है.

सीधी अधिवक्ता संघ ने किया प्रेसवार्ता का आयोजन

अधिवक्ता संघ का कहना है कि उन्होंने घटना की शिकायत डीजीपी, आईजी, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर न्यायाधीश तक की थी, लेकिन इस जांच में पुलिस अपने पक्ष को लेकर बचाव कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले के डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इसकी जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है और ना ही इस पर कोई कार्रवाई की गई है. इसलिए वे दोबारा कलेक्टर, डीआईजी और न्यायाधीश को शिकायत कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द मामले में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो.

Intro:एंकर-- सीधी में पिछले साल भारत बंद के दौरान 10 अप्रैल 2018 को पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच झड़प हुई थी जिसमें पुलिस ने न्यायालय परिसर के अंदर घुसकर वकीलों और पक्षकारों के साथ मारपीट की थी जिसमें कई लोग घायल भी हुए थे डेढ़ साल गुजर जाने के बाद भी जांच नहीं हुई ना ही कोई अब तक कार्यवाही हुई जिसे लेकर अधिवक्ता संघ ने प्रेसवार्ता आयोजित आयोजित कर कार्यवाही की मांग की है।


Body:वाइस ओवर(1) सीधी में आज पत्रकार वार्ता का आयोजन अधिवक्ता संघ द्वारा किया गया जिसमें अधिवक्ता संघ का कहना है कि पिछले साल यानी 10 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान पुलिस की बर्बरता सामने आई थी जहां न्यायालय परिसर के अंदर घुसकर वकीलों और आम लोगों के साथ मारपीट की गई थी जिसमें कई लोग घायल भी हुए थे जिसकी शिकायत डीजीपी आईजी मुख्यमंत्री राष्ट्रपति से लेकर न्यायाधीश तक की गई थी लेकिन इस जांच में पुलिस अपने पक्ष को लेकर बचाव कर रही है जांच डेढ़ साल हो गए अभी तक पूरी नहीं हो पाई है और ना ही अब तक कोई कार्यवाही हो पाई है दोबारा कलेक्टर डीआईजी और न्यायाधीश को शिकायत की जा रही है ताकि जल्द इस पर कार्यवाही हो और बर्बरता करने वाले पुलिस ऑफिसर पर कार्यवाही की जाए।
बाइट(1) विजेंद्र सिंह (अधिवक्ता संघ जिला अध्यक्ष)


Conclusion:बाहर हाल डेढ़ साल से अधिवक्ता संघ पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और मारपीट किए जाने की जांच के लिए इंतजार कर रहा है लेकिन अभी तक कानून की रखवाली करने वाले वकीलों को न्याय नहीं मिल पा रहा है ऐसे में देखना होगा कि जो दूसरों को न्याय दिलाने की जुगत में लगे रहते हैं उन्हें ही न्याय से वंचित होना पड़ा है।
पवन तिवारी रीवा सीधी मध्य प्रदेश
Last Updated : Dec 17, 2019, 10:36 AM IST
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