शिवपुरी। शहर के लुधावली स्थित गौशाला में लगातार हो रही गौवंश की मौत के मामले में बुधवार को नगरपालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा ने वहां का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान अध्यक्ष ने गौशाला की सारी व्यवस्थाओ को देखा. दावा किया गया है कि गौशाला में किसी भी प्रकार की कमी नहीं पाई गई. साथ ही भूसा, हरा चारा पानी की व्यवस्था पर्याप्त मात्र में मिली. गायों की मौत के बारे में जब गायत्री शर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया की जो गायें बाहर से गौशाला में भर्ती की जा रही हैं, उनकी मौत हो रही है. जब गायों की मौत का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि बाहर से जो गाय भर्ती हो रही हैं, वो अधिक मात्र में पॉलीथिन खाकर आती हैं. गौशाला में खानपान बदलने से पाचन क्रिया में बदलाव आने पर गायों की मौतें हुई हैं.
बछड़े में 15 किलो तक पॉलीथिन : शिवपुरी की गौशाला में गायों के मृत होने के बाद जब डॉक्टर ने पीएम किया तो बताया कि बछड़े में 15 किलो पॉलिथीन पाई गई हैं. वहीं गाय में 25 से 30 किलो पॉलिथीन पाई गई हैं. जब उन्होंने मृत गायों के पीएम किए तो उनके पेट में से अधिक मात्रा में पॉलिथीन पाई गई हैं. इसलिए गायों की मौत के मामले में कोई बीमारी का संकेत नहीं है. बल्कि पॉलिथीन खाने से जो गाय गौशाला में भर्ती होती हैं, उनके खानपान में बदलाव होने से वह पाचन क्रिया नहीं कर पाती हैं. इसके चलते गायों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं.
बाहर से आने वाली गायों की मौतें : अब यह स्पष्ट हो गया है कि जो गायें बाहर से गौशाला में भर्ती होती हैं, वह पॉलिथीन खा कर जाती हैं. जिसके चलते वह गौशाला के बदलाव खाने के साथ पाचन क्रिया नहीं कर पाती है, जिनसे उनकी मृत्यु हो रही है. डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने बताया कि जब गायों की मौत का मामला सामने आया तो उन्होंने 1 महीने में चार गायों का पीएम किया है. वहीं उन्होंने बताया कि 100 किलो के बछड़े़ में लगभग 15 किलो पॉलीथिन निकली है. वहीं गायों के पेट में से लगभग 25 से 30 किलो पॉलिथीन पाई गई है.
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और अधिक मात्रा में पॉलिथीन पाई गईं : डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने बताया कि इसी कारण यह स्पष्ट है कि पॉलिथीन खाने से ही गायों की मौत हो रही है. कोई बीमारी का संकेत नहीं है. बता दें कि शासन प्रशासन भले ही कितनी ही चालानी कार्रवाई और पॉलिथीन बंद का आह्वान करे लेकिन बाजारों में लगातार पॉलिथीन उपयोग की जा रही हैं. बाजारों में पॉलीथिन का उपयोग बंद नहीं हुआ है. इसका जीता जागता उदाहरण है कि हाल ही में गायों की मौत के मामले में पॉलिथीन का मामला सामने आया है. पॉलीथिन खाने से गायों की मौत हो रही है.