श्योपुर। विजयपुर तहसील के गोहरा गांव में एक नाबालिग की मौत का मामला सामने आया है. नाबालिग करीब 1 महीने से बीमार चल रही थी. जिसे विजयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने इलाज के लिए ग्वालियर रेफर किया था. लेकिन 108 एंबुलेंसकर्मियों ने नाबालिग को कोरोना संदिग्ध समझकर उसे ले जाने से मना कर दिया. जिससे उसने तड़प-तड़प का दम तोड़ दिया. अस्पताल प्रबंधन ने भी नाबालिक को कोरोना संदिग्ध मानते हुए शव को परिजनों को नहीं सौंपा. प्रशासन की देख-रेख में नाबालिग का अंतिम संस्कार किया गया.
अंतिम संस्कार में महज नाबालिग के पिता ही शामिल हो सके. उसके बाद बच्ची के पिता, मां और भाई के सैंपल लिए गए हैं. जिनकी जांच आना बाकी है. इस घटना के बाद विजयपुर अस्पताल को पूरी तरह सेनिटाइजर कराया गया है.
वहीं मृतिका के पिता ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि डॉक्टर्स ने उनकी बेटी का इलाज नहीं किया. जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं बीएमओ केएल पचोरिया का कहना है कि बालिका एक महीने से बीमार थी. वहीं कोरोना एहतियात के तौर पर तीन लोगों के सैंपल लिए गए हैं.