श्योपुर। राजस्थान के कोटा बैराज ने प्रदेश के श्योपुर, मुरैना और भिंड़ तक पानी पहुंचाने वाली चंबल नदी में जरुरत से ज्यादा पानी छोड़ दिया. इससे शुक्रवार को जिले की सीमा पर बने पार्वती एक्वाडक्ट में पानी ओवरफ्लो हो गया और देखते ही देखते नहर का पानी पुल से होकर निकाली गई. नहर से नदी में गिरने लगा. जिसे देखने वाले लोग भयभीत हो गए और उन्होंने मामले की जानकारी देकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलवा लिया. श्योपुर के सिंचाई विभाग अधिकारियों ने राजस्थान के कोटा बैराज प्रबंधन के अफसरों से श्योपुर, मुरैना और भिंड़ जिलों के किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए 3900 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की मांग की गई थी. कोटा डैंम प्रबंधन के अधिकारियों ने 3900 की बजाए 4200 क्यूसेक के करीब पानी नहर में छुडवा दिया. जिसकी वजह से नहर ओवरफ्लो हो गई और पानी पार्वती एक्वाडक्ट से कूदकर नदी में गिरने लग गया. गनीमत यह रही कि पुल के नीचे नदी थी. इस वजह से नहर से गिरने वाला पानी खेतों व बस्तियों में नहीं जा सका. जिसकी वजह से आमजन को बड़ी हानि नहीं हुई और उन्हें नुकसान भी नहीं उठाना पड़ा.
कोटा बैराज प्रबंधन
श्योपुर की सीमा पर स्थित पार्वती नदी के ऊपर बना हुआ. एक्वाडक्ट 50 साल से भी ज्यादा पुराना है. इस वजह से यह जर्जर हालत में भी पहुंच चुका है. ऐसे में नहर में ज्यादा पानी छोड़े जाने की वजह से पुल में दरारें भी आ सकती थी और क्षेत्र को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता था. क्षमता से ज्यादा पानी छोड़ा जाना राजस्थान के कोटा बैराज प्रबंधन के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही है.
अंता डिवीजन और कोटा डिवीजन
जिसे लेकर सिंचाई विभाग ईई सुभाष गुप्ता का कहना है कि कोटा बैराज से चंबल नदी में अधिक पानी छोड़ने की वजह से नहर उफान पर है. जिस वजह से पार्वती नदी पर बने पुल में नहर का पानी गिर रहा था. जिसे लेकर के अंता डिवीजन और कोटा डिवीजन से बात करके पानी को कम करा दिया गया है. हालांकि जब पानी की जरूरत होती है तब पानी नहीं छोड़ा जाता है और अब जरूरत नहीं है. तब इतना नहर में पानी छोड़ दिया गया था, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है.