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शहडोल जिला अस्पताल में चार और नवजातों की मौत, 6 दिन में 12 बच्चे मरे

शहडोल जिला अस्पताल में 48 घंटे के भीतर 4 और बच्चों की मौत हो गई है. जिला अस्पताल में पिछले 1 हफ्ते में 12 बच्चों की मौत हो चुकी है.

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Published : Dec 4, 2020, 8:57 AM IST

Updated : Dec 4, 2020, 1:01 PM IST

शहडोल। जिला अस्पताल में मासूमों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को चार और नवजात बच्चों की मौत हो गई है. बीते 48 घंटे के भीतर इलाज के दौरान चारों बच्चों की मौत हुई है. जानकारी के मुताबिक बच्चें जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती थे. पाली से 7 माह के नवजात को गुरुवार की सुबह 11 बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था, जिसकी मौत निमोनिया से होना बताया जा रहा है. वहीं डिंडोरी से आये 1 माह 10 दिन के नवजात की मौत के पीछे कम वजन का होना बताया गया है. जिला अस्पताल में पिछले 1 हफ्ते के भीतर 12 बच्चों की मौत हो चुकी है.

2 विशेषज्ञों की टीम कर रही जांच
शहडोल जिला अस्पताल में लगातार हो रही बच्चों की मौत के मामले में जबलपुर मेडिकल कॉलेज से 2 विशेषज्ञों की टीम भी भेजी गई थी कि आखिर बच्चों की मौत क्यों हो रही है. इसकी जांच की जाए और रिपोर्ट सीधे राज्य सरकार को सौंपी जाएगी. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी संज्ञान में लिया है, लेकिन फिर भी बच्चों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

1 दिसंबर तक 8 बच्चों की हुई थी मौत

27 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच 8 नवजातों की मौत हुई थी. इनमें 5 शहडोल जिले से, 2 अनूपपुर और एक उमरिया का नवजात बच्चा शामिल है. इस बारे में सिविल सर्जन बीएस बारिया का ने बताया था की जब से शहडोल में मेडिकल कॉलेज बना है, तब से सभी नवजात रेफर होकर शहडोल जिला अस्पताल आते हैं.

स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने दिए जांच के आदेश

स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जो लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी संज्ञान लिया है.

सीएम शिवराज ने तलब की थी जांच रिपोर्ट

इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. सीएम शिवराज ने इस मामले में जांच रिपोर्ट तलब की है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि बच्चों के इलाज में कोई भी कोताही नहीं होनी चाहिए. अगर कहीं कोई व्यवस्थाओं में कमी है तो उसे तत्काल पूरा किया जाए. वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों का समुचित प्रबंध किया जाए. शिवराज सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस घटना को गंभीरता से लें, और जरूरी होने पर जबलपुर से डॉक्टरों की टीम बच्चों के इलाज के लिए भेजें. मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में व्यवस्थाओं के निरीक्षण के निर्देश भी दिए थे.

रविवार को खबर आई थी सामने

रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई थी. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल, 2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और शुक्रवार को फिर से दो नवजात की मौत हो गई. इसको मिलाकर अभी तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है.

शहडोल। जिला अस्पताल में मासूमों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को चार और नवजात बच्चों की मौत हो गई है. बीते 48 घंटे के भीतर इलाज के दौरान चारों बच्चों की मौत हुई है. जानकारी के मुताबिक बच्चें जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती थे. पाली से 7 माह के नवजात को गुरुवार की सुबह 11 बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था, जिसकी मौत निमोनिया से होना बताया जा रहा है. वहीं डिंडोरी से आये 1 माह 10 दिन के नवजात की मौत के पीछे कम वजन का होना बताया गया है. जिला अस्पताल में पिछले 1 हफ्ते के भीतर 12 बच्चों की मौत हो चुकी है.

2 विशेषज्ञों की टीम कर रही जांच
शहडोल जिला अस्पताल में लगातार हो रही बच्चों की मौत के मामले में जबलपुर मेडिकल कॉलेज से 2 विशेषज्ञों की टीम भी भेजी गई थी कि आखिर बच्चों की मौत क्यों हो रही है. इसकी जांच की जाए और रिपोर्ट सीधे राज्य सरकार को सौंपी जाएगी. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी संज्ञान में लिया है, लेकिन फिर भी बच्चों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

1 दिसंबर तक 8 बच्चों की हुई थी मौत

27 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच 8 नवजातों की मौत हुई थी. इनमें 5 शहडोल जिले से, 2 अनूपपुर और एक उमरिया का नवजात बच्चा शामिल है. इस बारे में सिविल सर्जन बीएस बारिया का ने बताया था की जब से शहडोल में मेडिकल कॉलेज बना है, तब से सभी नवजात रेफर होकर शहडोल जिला अस्पताल आते हैं.

स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने दिए जांच के आदेश

स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जो लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी संज्ञान लिया है.

सीएम शिवराज ने तलब की थी जांच रिपोर्ट

इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. सीएम शिवराज ने इस मामले में जांच रिपोर्ट तलब की है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि बच्चों के इलाज में कोई भी कोताही नहीं होनी चाहिए. अगर कहीं कोई व्यवस्थाओं में कमी है तो उसे तत्काल पूरा किया जाए. वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों का समुचित प्रबंध किया जाए. शिवराज सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस घटना को गंभीरता से लें, और जरूरी होने पर जबलपुर से डॉक्टरों की टीम बच्चों के इलाज के लिए भेजें. मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में व्यवस्थाओं के निरीक्षण के निर्देश भी दिए थे.

रविवार को खबर आई थी सामने

रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई थी. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल, 2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और शुक्रवार को फिर से दो नवजात की मौत हो गई. इसको मिलाकर अभी तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है.

Last Updated : Dec 4, 2020, 1:01 PM IST
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