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इधर भी ध्यान दो सरकार: जनता बोली- ये कैसा पेट्रोल-डीजल का दाम हुआ कम, महंगाई की मार से मर रहे हम - महंगाई

केंद्र सरकार की तरफ से भले ही पेट्रोल-डीजल के दाम कम कर दिए गए हों, लेकिन इसके बाद भी लोगों को कुछ खास राहत नहीं मिली है. रिपोर्ट में जानें, आखिर क्या कुछ कहना है जनता का.

इधर भी ध्यान दो सरकार
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Published : Nov 16, 2021, 8:34 PM IST

शहडोल। महंगाई ने आमजन की कमर तोड़ रखी है. जनता भी अब पूरी तरह से त्रस्त हो चुकी है. जिस भी सामान को खरीदने जाओ, वही महंगा मिल रहा है. इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से लोगों को थोड़ी राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल के रेट जरूर कम कर दिए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है. लोगों का कहना है कि पहले ही तेल के दाम इतने बढ़ा दिए गए हैं कि उनको कुछ खास राहत नहीं मिली है. दूसरी तरफ सब्जी, किराना समेत अन्य वस्तुओं के दाम भी आसमान छू रहे हैं.

इधर भी ध्यान दो सरकार

जिले में पेट्रोल डीजल के दाम
हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से जनता को थोड़ी राहत दी है. पहले केंद्र सरकार ने टैक्स घटाया, और फिर राज्य सरकार ने भी टैक्स कुछ कम किया. जिसके बाद पेट्रोल और डीजल के दाम कुछ हद तक कम हुए हैं. लेकिन इतना भी कम नहीं हुआ कि आम जनता इससे खुश हो जाए. शहडोल में पेट्रोल जहां 110 रुपए के आसपास बिक रहा है. तो वहीं डीजल भी 94 रुपए प्रति लीटर के आसपास है.

जनता बोले महंगाई पर कोई असर नहीं
पेट्रोल और डीजल के दाम में जो हल्की छूट मिली है, इसपर जनता की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई है. लोगों का कहना है कि पहले ही इतना ज्यादा पैसा बढ़ा दिया गया है कि अब थोड़ा बहुत अगर घटा भी दे तो भी कुछ खासा फर्क नहीं पड़ता है. पेट्रोल अभी भी 110 रुपए प्रति लीटर के पास है. डीजल के दाम भी बहुत कम नहीं हुए हैं. डीजल अभी 94 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. महंगाई पर भी इसका कोई असर नहीं देखने को मिला है, क्योंकि महंगाई तो उसी तरह चरम पर है.

सब्जियों ने बिगाड़ा जायका
सब्जियों के दामों पर भी महंगाई की मार देखने को मिल रही है. शहडोल में खुले बाजार में टमाटर 50 से 60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. आलू के दाम भी बढ़ गए हैं, और 25 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. प्याज ने भी लोगों को रुला दिया है. जिले में प्याज 30 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है. लौकी 20 रुपए, बरबटी 50 से 60, शिमला मिर्च 60 से 80, धनिया 150 रुपए प्रति किलो, बैगन 30 से 40 रुपए, फूल गोभी 60-70, पत्ता गोभी 30 से 40 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है. सब्जियों के दामों में पिछले कुछ दिनों से कोई कमी देखने को नहीं मिली है, बल्कि दाम बढ़े ही हैं घटे नहीं हैं.

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किराना में भी महंगाई की मार
किराना सामान ने भी लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. अरहर दाल जो हर घर में बनती है, वह 100 से 120 प्रति किलो बिक रही है. उड़द दाल 80 से 100, मसूर दाल 90 से 100 रुपए प्रति किलो बिक रही है. खाने का तेल 180 से 200 प्रति लीटर हो गया है. वहीं शक्कर भी 40 से 45 प्रति किलो तक पहुंच गई है.

ट्रांसपोर्ट चार्ज में कोई कमी नहीं
भले ही पेट्रोल-डीजल के दामों में थोड़ी कमी आई हो, लेकिन ट्रांसपोर्ट चार्ज घटे ही नहीं हैं. कुछ व्यापारियों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उनका कहना था कि पहले प्रति कार्टन 10 रुपए ट्रांसपोर्ट चार्ज बढ़ाया गया था. लेकिन तेल के दाम कम होने के बाद भी ट्रांसपोर्ट चार्ज में कोई कमी नहीं आई है.

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महंगाई से किसान भी परेशान
इन दिनों जिले में धान की कटाई चल रही है. सबसे ज्यादा बड़े रकबे में खरीफ के सीजन में धान की खेती की जाती है. धान की कटाई के बाद उसकी गहाई-ढुलाई सब कुछ मशीन से ही होना है. क्योंकि जिले में अधिकतर किसान अब मशीन पर आश्रित होकर ही खेती करते हैं. ऐसे में इन दिनों किसान को सबसे ज्यादा डीजल की जरूरत है, और जिस तरह दाम बढ़े हैं, उसके बाद से किसान चिंतित हैं. किसानों का कहना है कि लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. मौजूदा स्थिति में किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. पहला डीजल के बढ़ते दामों से मशीन चलाना और दूसरा ट्रांसपोर्ट चार्ज.

शहडोल। महंगाई ने आमजन की कमर तोड़ रखी है. जनता भी अब पूरी तरह से त्रस्त हो चुकी है. जिस भी सामान को खरीदने जाओ, वही महंगा मिल रहा है. इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से लोगों को थोड़ी राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल के रेट जरूर कम कर दिए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है. लोगों का कहना है कि पहले ही तेल के दाम इतने बढ़ा दिए गए हैं कि उनको कुछ खास राहत नहीं मिली है. दूसरी तरफ सब्जी, किराना समेत अन्य वस्तुओं के दाम भी आसमान छू रहे हैं.

इधर भी ध्यान दो सरकार

जिले में पेट्रोल डीजल के दाम
हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से जनता को थोड़ी राहत दी है. पहले केंद्र सरकार ने टैक्स घटाया, और फिर राज्य सरकार ने भी टैक्स कुछ कम किया. जिसके बाद पेट्रोल और डीजल के दाम कुछ हद तक कम हुए हैं. लेकिन इतना भी कम नहीं हुआ कि आम जनता इससे खुश हो जाए. शहडोल में पेट्रोल जहां 110 रुपए के आसपास बिक रहा है. तो वहीं डीजल भी 94 रुपए प्रति लीटर के आसपास है.

जनता बोले महंगाई पर कोई असर नहीं
पेट्रोल और डीजल के दाम में जो हल्की छूट मिली है, इसपर जनता की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई है. लोगों का कहना है कि पहले ही इतना ज्यादा पैसा बढ़ा दिया गया है कि अब थोड़ा बहुत अगर घटा भी दे तो भी कुछ खासा फर्क नहीं पड़ता है. पेट्रोल अभी भी 110 रुपए प्रति लीटर के पास है. डीजल के दाम भी बहुत कम नहीं हुए हैं. डीजल अभी 94 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. महंगाई पर भी इसका कोई असर नहीं देखने को मिला है, क्योंकि महंगाई तो उसी तरह चरम पर है.

सब्जियों ने बिगाड़ा जायका
सब्जियों के दामों पर भी महंगाई की मार देखने को मिल रही है. शहडोल में खुले बाजार में टमाटर 50 से 60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. आलू के दाम भी बढ़ गए हैं, और 25 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. प्याज ने भी लोगों को रुला दिया है. जिले में प्याज 30 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है. लौकी 20 रुपए, बरबटी 50 से 60, शिमला मिर्च 60 से 80, धनिया 150 रुपए प्रति किलो, बैगन 30 से 40 रुपए, फूल गोभी 60-70, पत्ता गोभी 30 से 40 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है. सब्जियों के दामों में पिछले कुछ दिनों से कोई कमी देखने को नहीं मिली है, बल्कि दाम बढ़े ही हैं घटे नहीं हैं.

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किराना में भी महंगाई की मार
किराना सामान ने भी लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. अरहर दाल जो हर घर में बनती है, वह 100 से 120 प्रति किलो बिक रही है. उड़द दाल 80 से 100, मसूर दाल 90 से 100 रुपए प्रति किलो बिक रही है. खाने का तेल 180 से 200 प्रति लीटर हो गया है. वहीं शक्कर भी 40 से 45 प्रति किलो तक पहुंच गई है.

ट्रांसपोर्ट चार्ज में कोई कमी नहीं
भले ही पेट्रोल-डीजल के दामों में थोड़ी कमी आई हो, लेकिन ट्रांसपोर्ट चार्ज घटे ही नहीं हैं. कुछ व्यापारियों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उनका कहना था कि पहले प्रति कार्टन 10 रुपए ट्रांसपोर्ट चार्ज बढ़ाया गया था. लेकिन तेल के दाम कम होने के बाद भी ट्रांसपोर्ट चार्ज में कोई कमी नहीं आई है.

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महंगाई से किसान भी परेशान
इन दिनों जिले में धान की कटाई चल रही है. सबसे ज्यादा बड़े रकबे में खरीफ के सीजन में धान की खेती की जाती है. धान की कटाई के बाद उसकी गहाई-ढुलाई सब कुछ मशीन से ही होना है. क्योंकि जिले में अधिकतर किसान अब मशीन पर आश्रित होकर ही खेती करते हैं. ऐसे में इन दिनों किसान को सबसे ज्यादा डीजल की जरूरत है, और जिस तरह दाम बढ़े हैं, उसके बाद से किसान चिंतित हैं. किसानों का कहना है कि लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. मौजूदा स्थिति में किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. पहला डीजल के बढ़ते दामों से मशीन चलाना और दूसरा ट्रांसपोर्ट चार्ज.

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