शहडोल। बीते 14 अक्टूबर को शहडोल नगर पालिका के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ, हर कोई यही कह रहा था कि बीजेपी मजबूत नजर आ रही है, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अपने बनायेगी. शहडोल नगरपालिका में 39 वार्ड थे जिसमें से 18 वार्डों में बीजेपी के पार्षद जीते थे, 12 वार्ड में कांग्रेस के पार्षद जीते, तो 9 वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे, बीजेपी को जादुई आंकड़ा छूने के लिए 2 पार्षदों के समर्थन की जरूरत थी और ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी इस जादुई आंकड़े को छू लेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. किसी को अंदेशा भी नहीं था की शहडोल नगरपालिका के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अध्यक्ष पद के चुनाव में बाजी मार ले जाएगा. 12 पार्षदों के बाद भी कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को जीत दिला दी और शहडोल नगर पालिका का अध्यक्ष बना दिया. हालांकि उपाध्यक्ष में बीजेपी प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की, लेकिन जिस तरह से ऐतिहासिक अंदाज में कांग्रेस प्रत्याशी ने शहडोल नगर पालिका के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता है, उसे बीजेपी की बड़ी हार मानी जा रही है और कांग्रेस की एक अच्छी राजनीतिक रणनीति.(MP Nagar Nikay Chunav 2022)
कहां क्या रहा रिजल्ट: इसी तरह से देखा जाए तो बुढार नगर परिषद और जयसिंहनगर नगर परिषद में भी कांग्रेस, बीजेपी को कड़ी टक्कर देते नजर आई, बुढार नगर परिषद में 15 वार्ड में बीजेपी के 7 पार्षद जीते थे और कांग्रेस के 4 पार्षद जीते थे. फिर भी बुढार नगर परिषद में बीजेपी को अध्यक्ष पद के चुनाव में महज एक वोट से ही जीत मिली, मतलब मुकाबला काफी कांटे का रहा. जयसिंहनगर नगर परिषद के चुनाव में कांग्रेस का अध्यक्ष बना तो बीजेपी का उपाध्यक्ष. (shahdol Nagar Nikay Chunav 2022)
बीजेपी में गुटबाज़ी पड़ रही भारी: अभी हाल ही में हुए तीन निकाय के चुनाव में बीजेपी बैक फुट पर नज़र आई, जो बीजेपी एकजुट होने के लिए जानी जाती थी, एकजुट होकर चुनाव में लड़ने के लिए जानी जाती थी, वही बीजेपी शहडोल जिले में बिखरी-बिखरी सी नजर आ रही है. बीजेपी में गुटबाजी साफ नजर आ रही है जिसका खामियाजा इस निकाय चुनाव में जिले में पार्टी को भुगतना पड़ा है, ये चर्चा राजनीतिक गलियारों में आम है कि बीजेपी अपनी पार्टी के अंतर्कलह की वजह से ही पूरी ताकत से इस चुनाव में प्रदर्शन नहीं कर पाई और अब हर जगह पार्टी की आलोचना हो रही है.
इधर जिलाध्यक्ष बदलते ही बदल गए रंग: वहीं दूसरी ओर जिले में कांग्रेस के प्रदर्शन पर नजर डालें तो इस निकाय चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है, जिसकी अब हर ओर तारीफ हो रही है. बीजेपी को कांग्रेस हर मोर्चे पर अब जिले में कड़ी टक्कर दे रही है, वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस के संगठन के जिला अध्यक्ष चेंज होते ही पार्टी के रंग ही बदल गए और अब कांग्रेस पार्टी भी धीरे-धीरे संगठित हो रही है, जिससे यह माना जा रहा है एक बार फिर से कांग्रेस इस आदिवासी जिले में अपनी पुरानी पकड़ मजबूत करते नजर आ रही है.