शहडोल। बुढार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां एक बुजुर्ग महिला खांसी का इलाज कराने पहुंची थी. उसे खांसी के सिरप की जगह पर जुएं मारने की दवाई दे दी गई. जिसका सेवन करने से वृद्धा की हालत बिगड़ गई. हालात बिगड़ते देख परिजनों को शक हुआ. जब खांसी के सिरप को देखा तो उनके होश उड़ गए. इस लापरवाही को लेकर अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं.
मरीजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं अस्पताल: सरकार अस्पतालों को मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बार-बार निर्देश देती है. इसके बावजूद मरीजों की सुरक्षा को लेकर सरकारी व निजी अस्पताल गंभीर नहीं हैं. जिसका नतीजा है कि हर साल सैंकड़ों लोग चिकित्सकीय लापरवाही के शिकार होते हैं. ऐसी ही लापरवाही का नतीजा शहडोल के बुढार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला. धनपुरी नगरपालिका क्षेत्र की रहने वाली 65 वर्षीय वृद्धा राज कुमारी जायसवाल को खांसी की दवाई के बजाए जुआं मारने की दवा दे दी गई.
बीएमओ ने दी सफाई: आनन-फानन में परिजन बुजुर्ग को प्राथमिक उपचार के लिए लेकर गए. जहां उनकी हालत में सुधार है. अस्पताल की इस लापरवाही पर परिजनों ने नाराजगी जताते हुए अस्पताल के जिम्मेदारों से शिकायत भी की है. वहीं इस पूरे मामले में बुढार बीएमओ सचिन कारखुर ने सफाई पेश की है. उनका कहना है कि वृद्धा और उसके साथ आई एक युवती जल्दबाजी में एक अन्य खुजली वाले मरीज की दवा ले कर चली गई थी, जबकि उनको खांसी की ही दवा दी गई थी.
(Negligence of government hospital)